योगी जी ने छ: साल में यूपी को सचमुच पहले उत्तम और अब उत्सव प्रदेश बना दिया है। अगर थोड़ी-बहुत कसर रह भी गयी हो तो उसे, ‘‘मिट्टी में मिला देंगे’’ उत्सव ने पूरा कर दिया होगा। मर्डर के गवाह के मर्डर के आरोपियों के मर्डर का जो उत्सव योगी राज ने मना कर दिखाया है, उसका मुकाबला कोई और उत्सव क्या कर सकता है? और इस धमाके से तो शुरूआत हुई है। बल्कि अभी तो अतीक अहमद वाला एपीसोड भी पूरा कहां हुआ है। सरकारी-गैरसरकारी मिलाकर अभी तो कुल छ: एन्काउंटर हुए हैं। लिस्ट में कटने को तो अभी भी तीन-चार और नाम बाकी हैं। और अगर तमाशबीनों के हाजमे की कमजोरी को देखते हुए, बाकी नामों का छोडऩा भी पड़ गया और ये वाला एपीसोड छ: नामों पर खत्म ही करना पड़ गया, तब भी क्या? अतीक एपीसोड के बाद मिट्टी में मिलाने के एपीसोड खत्म थोड़े ही जाएंगे। आएंगे, आएंगे, एक एपीसोड के खत्म होते ही दूसरे-तीसरे-चौथे आदि-आदि एपीसोड भी आएंगे। योगी जी अपने गद्दी पर रहते, उत्सव प्रदेश में उत्सव रुकने नहीं देंगे। हां! बीच-बीच में इंटरवल में स्वाद बदलने के लिए कभी बनारस का कॉरीडोर, तो कभी अयोध्या में मंदिर और कभी मथुरा में अब तक मस्जिद के कैप्सूल भी पेश किए जाएंगे। बस मीडिया के जरिए पब्लिक तालियां बजाती रहे, योगी जी एन्काउंटर उत्सव की सप्लाई कम नहीं होने देंगे।
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