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Covid Protocol: देशभर में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) में मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए शुक्रवार रात कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) की एडवाइजरी जारी कर दी है। आपको बता दें कि कोरोना (Covid) के बढ़ते मामले को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने दिशा निर्देशों का पालन करने का आह्वान श्रद्धालुओं से किया गया है।

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मंदिर के प्रबंधक मुनीष कुमार शर्मा ने जानकारी दी कि जारी एडवाइजरी में आह्वान किया गया है कि जिस तरह भारत के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। कोरोना का नया वेरिएंट लोगों को अपने चपेट में ले रहा है। उसे देखते हुए श्रद्धालु कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मंदिर के दर्शनार्थ आएं।
साथ ही मंदिर की तरफ से 23 दिसंबर से 5 जनवरी तक मंदिर में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए 60 वर्ष के बुजुर्गों, महिलाओं के साथ छोटे बच्चों के साथ मंदिर न आने की भी अपील की है। इसके साथ ही खांसी, जुकाम, बुखार, अस्थमा, एलर्जी आदि बीमारियों से पीडित लोगों को भी मंदिर वाली भीड़भाड़ वाली जगह से बचने का अनुरोध किया है। बीमार व्यक्तियों से अपील है कि वे चिकित्सक परामर्श के बाद ही ही मंदिर आएं।

उन्होंने कहा कि इस बार विशेष रूप से श्रद्धालुओं से मंदिर परिसर के साथ प्रवेश मार्गों पर सेल्फी ना लेने को भी कहा गया है। इसके साथ ही बांके बिहारी पुलिस चौकी पर खोया-पाया केंद्र बनाया गया है। मंदिर मार्गों पर बनाए गए जूता घरों का प्रयोग करने की अपील भी की गई है।
यूपी के कई जिलों में भी अब कोरोना के मरीज मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों का कोरोना जांच का आदेश दिया गया है। कोरोना पॉजिटिव मिलने पर जीनोम सिक्वेंसिंग भी कराने का आदेश दिया गया है।

जेएन 1 वैरिएंट 41 देशों में फैल चुका है


एक समाचार एजेंसी के मुताबिक भारत में कोरोना का नया सब-वैरिएंट (Sub-Variant) के भी करीब 21 मामले सामने आए है। इस नए वैरिएंट का नाम जेएन 1 है। यह वैरिएंट अन्य देशों में भी तेजी से फैल रहा है। इसलिए डब्ल्यूएचओ ने इसके तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए, जेएन 1 को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया है। डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि जेएन 1 सब-वैरिएंट के सामने आने से कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है।

जेएन 1 वैरिएंट 41 देशों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जेएन 1 मामलों के सबसे बड़े अनुपात वाले देश फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, सिंगापुर और स्वीडन आदि है।

जानिए क्या है जेएन 1 सब-वैरिएंट


जेएन 1 सब-वैरिएंट की पहली बार पहचान अगस्त में की गई थी। यह ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट बीए.2.86 से बना है। साल 2022 की शुरुआत में बीए.2.86 ही कोरोना के मामलों में वृद्धि का कारण था। बीए.2.86 व्यापक रूप से नहीं फैला था। लेकिन इसने विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया था क्योंकि बीए.2.86 के स्पाइक प्रोटीन पर अतिरिक्त म्यूटेशन हुए थे और उसी तरह जेएन के स्पाइक प्रोटीन में भी एक अतिरिक्त म्यूटेशन है।

महाराष्ट्र के जीनोम सीक्वेंसिंग कॉर्डिनेटर डॉ. राजेश कार्यकार्ते (Rajesh Karyakarte) ने बताया है कि जेएन 1 सब-वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। जेएन 1 सब-वैरिएंट 30 अक्टूबर 2023 से 5 नवंबर 2023 के बीच सभी कोरोनो वायरस मामलों का केवल 3.3 फीसदी था लेकिन अब लगभग 1 महीने बाद इसके करीब 27 फीसदी मामले है। इसके प्रसार में लगभग 86 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।

मुंबई के हिंदुजा अस्पताल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट और महामारी विशेषज्ञ डॉ. लैंसलॉट पिंटो ने जेएन 1 की पहचान के लिए और अधिक रिसर्च पर जोर दिया है। उन्होंने बताया है कि यह नया वैरिएंट ओमिक्रॉन के पूर्ववर्ती सब-वैरिएंट बीए.2.86 से काफी मिलता-जुलता है जो केवल एक स्पाइक प्रोटीन में अलग होता है। यही कारण है कि यह संक्रामक हो सकता है और तेजी से फैल सकता है।