अयोध्या का इतिहास | History of Ayodhya

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History of Ayodhya: अयोध्या, जिसे भगवान राम की नगरी के रूप में जाना जाता है। यही अयोध्या (Ayodhya) भारतीय सांस्कृतिक एवं धार्मिक ऐतिहासिक भूमि है जिसे ‘धर्मनगरी’ कहा जाता है। यह स्थान भगवान राम की कभी राजधानी हुआ करती थी। भगवान राम ने यही जन्म भी लिया था। आइए आज के इस लेख में हम अयोध्या के इतिहास (History of Ayodhya) के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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अयोध्या का प्राचीन इतिहास

अयोध्या का इतिहास भारतीय सांस्कृतिक के शुरुआती काल से ही जुड़ा हुआ है। यह भगवान राम की नगरी मानी जाती है। इसे हिन्दू धर्म मानने वाले लोग एक पवित्र नगर के रूप में मानते हैं। भगवान राम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था। यही अयोध्या है जिसका उल्लेख ‘रामायण’ (Ramayana) महाकाव्य में भी मिलता है। अयोध्या का इतिहास भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक विवादों का केंद्र रहा है, जिसकी शुरुआत प्राचीनकाल से हुई थी, लेकिन अब यह नगर एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में बना हुआ है। इसी अयोध्या में हिन्दू धर्म को मानने वाले कहते हैं कि यहां भगवान राम की जन्मस्थली है तो वहीं मुस्लिम धर्म के लोग बाबरी मस्जिद को लेकर अपना दावा करते थे, जिस मसले को सुप्रीम कोर्ट ने हल कर दिया है।

महाभारत काल में अयोध्या

अयोध्या का इतिहास पुरातात्विक समय से है, और रामायण के अनुसार, राजा दशरथ के पुत्र भगवान राम यहीं जन्म लिए थे। इस शहर को साकेत भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है सुख का केन्द्र। महाभारत काल में भी अयोध्या का ज़िक्र है और इसे सौभद्रपुरी के रूप में जाना जाता था। गुप्त वंश के समय से यह एक प्रमुख नगर बन गया था, जिसे सम्राट अशोक ने भी आधिकारिक रूप से स्थापित किया था।

अब जानिए राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद

बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) और राममन्दिर विवाद भारत में हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच एक महत्वपूर्ण धार्मिक-सांस्कृतिक विवादों में से एक था। साल 1992 में, बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) को राम जन्मभूमि मानकर राम मंदिर के निर्माण के लिए कई समर्थनकारी तात्कालिक राजनेता और संगठनों ने बड़े पैम्प्लेट के साथ एकत्र होकर अयोध्या में कार्रवाई की। इसके परिणामस्वरूप, 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद गिरा दी गई थी।

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इस घटना ने देशभर में न सिर्फ तनाव शुरु हुए बल्कि दुर्घटनाएं, और सामाजिक विभाजन को बढ़ा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के तहत राम जन्मभूमि को सांप्रदायिक विवाद के तौर पर सुलझाने के लिए एक अलग न्यायिक समिति का गठन किया था। साल 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विवाद ने अयोध्या को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर कर दिया। इस घटना ने शहर को सांप्रदायिक तनाव में डाला और समाज को बांट दिया। हालांकि समय के साथ, अयोध्या ने अपने सांस्कृतिक समृद्धि और धार्मिक साहित्य के लिए भी मशहूरत प्राप्त की है।

अयोध्या का इतिहास मुख्य रूप से राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के संदर्भ में विवादित रहा है। इस विवाद की शुरुआत 16वीं सदी में हुई जब मुघल साम्राज्य के शासक बाबर ने अयोध्या में एक मस्जिद बनाई जिसे बाबरी मस्जिद कहा गया। इसके बाद, 1992 में राम मंदिर के निर्माण की मांग पर हिन्दू कार्यकर्ताओं द्वारा बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया, जिससे भारतीय राजनीति में बड़ा परिवर्तन आया।

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सुप्रीम कोर्ट फैसला और नया मंदिर


सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में अयोध्या की भूमि पर राम मंदिर बनाने की अनुमति दी और उसी स्थान पर राम मंदिर की नींव रखने का निर्णय किया। इससे एक नया युग आरंभ हुआ और अयोध्या को एक सांस्कृतिक स्थल के रूप में पुनः विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से शुरु हुए निर्माण कार्य अब पूरा होने वाला है। साल 2024 के पहले महीने 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान रामलला विराजमान होगें। मंदिर निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो गया है। मंदिर निर्माण के साथ साथ अयोध्या को भी दिव्य और भव्य बनाया जा रहा है। राम मंदिर में भगवान के विराजमान होने से पहले पूरे अयोध्या को सजाया जा रहा है। राम मंदिर के निर्माण से एक तरफ जहां भगवान को उनका घर मिला तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या के विकास को भी चार चांद लग गये।

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सांस्कृतिक विकास


अयोध्या ने सदियों से धार्मिकता, सांस्कृतिक और शैली के क्षेत्र में एक अद्वितीय पहचान बनाई है। यहां के महत्वपूर्ण मंदिर, घाट, और भव्य सांस्कृतिक समारोह इसकी समृद्धि को दर्शाते हैं। अयोध्या, अपने ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है, जो आज भी भारतीय सामाजिक और धार्मिक संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है।

आज की अयोध्या


आज, अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है और यह एक धार्मिक तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। राम मंदिर के निर्माण के साथ ही अयोध्या ने एक नए युग की शुरुआत की है और यहाँ के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। अयोध्या का इतिहास भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का हिस्सा रहा है और इसका महत्व आज भी बना हुआ है, जो समृद्धि और एकता की ऊँचाईयों की ओर इशारा करता है।