हिमाचल में 350 से ज्यादा की मौत..मौसम विभाग की बड़ी चेतावनी

उत्तरप्रदेश दिल्ली दिल्ली NCR

उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
हिमाचल प्रदेश में आई तबाही से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। कल यानी गुरुवार को तीन नई मौतों के साथ प्रदेश में मरने वालों की संख्या बढ़कर 330 हो गई है। प्रदेश में भूस्खलन की बढ़ती घटनाओं के चलते 1957 घर जमींदोज हो गए हैं और 9344 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इस बीच 293 दुकानें और 4072 गौशाला बाढ़ के पानी में ढह गई है।

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दो महीने में 113 भूस्खलन की घटनाएं घटीं, 58 बार बादल फटा
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की बढ़ती घटनाओं के चलते 1957 घर जमींदोज हो गए हैं और 9344 घरों को भी नुकसान पहुंचा है। इस बीच 293 दुकानें और 4072 गौशाला बाढ़ के पानी में ढह गई है। पिछले दो महीने से हो रही बरसात में प्रदेश में 113 बार भूस्खलन की घटनाएं घट चुकी है, जोकि जान माल के नुकसान का बड़ा कारण बनी है। मानसून के दौरान प्रदेश के पांच जिलों में 58 बार बादल फटने की घटनाएं सामने आई है।
118 करोड़ का नुकसान
भूस्खलन की घटना और बादल फटने से राज्य में चल-अचल संपत्ति को मिलाकर लगभग 7659 करोड रुपये का नुकसान हो चुका है। जल शक्ति विभाग को 1842 करोड रुपये की चपत लग चुकी है, लोक निर्माण विभाग को 2656 करोड रुपये का नुकसान पहुंचा है, राज्य विद्युत बोर्ड को 1505 करोड़, बागवानी विभाग को 144 करोड़, कृषि विभाग को 256 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़ और शिक्षा विभाग को 118 करोड रुपये का नुकसान पहुंचा है।


सामान्य रहेगा आज का मौसम
मौसम विभाग ने आज मानसून के सामान्य रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। इस बीच कहीं पर भी भारी बारिश की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। बीते चौबीस घंटों के दौरान मंडी में 60 नगरोटा में 24 और डलहौजी में 23 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। हालांकि मौसम विभाग ने 19 अगस्त से 25 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
2 महीने से जनजीवन प्रभावित
मानसून के आने के बाद से ही हिमाचल में मुसीबत ने दस्तक दे दी है। जिससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। मौसम बार-बार राहत एवं बचाव कार्य में बाधा पैदा कर रहा है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 650 सड़कें अभी भी बंद है। इससे परिवहन निगम के 1800 रूट प्रभावित हुए हैं।

मंडी जिला में सबसे ज्यादा 319, शिमला में 119,सोलन 66, कुल्लू में 73 सड़कें यातायात की आवाजाही के लिए अभी भी बंद है। वही 1135 ट्रांसफॉर्मर पानी की 285 स्कीमे ठप है। मंडी में सबसे ज्यादा 673 और शिमला में 314 ट्रांसफार्मर के ठप होने से लोगों को पावर कट की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
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