UP समेत देश की 10 लाख़ महिलाओं के लिए बड़ी ख़ुशख़बरी..मिलेगा फ़्री इलाज़

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UP News : उत्तर प्रदेश समेत देश की 10 लाख महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए एक बड़ा फैसला किया है केंद्र सरकार के इस फैसले से यूपी (UP) से लेकर पूरे देश की 10 लाख 40 हजार महिलाओं को बड़ा फायदा होगा। आपको बता दें कि केंद्र सरकार (Central Government) ने फैसला लिया है कि उत्तर प्रदेश सहित देश भर की 10 लाख महिलाओं को मुफ्त में इलाज (Free Treatment) मिले। केंद्र सरकार के फैसले पर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन ने खुशी जाहिर की है।
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जानिए किन महिलाओं को मिलेगा फ्री इलाज

आपको बता दें कि 1 फरवरी को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट में महिला आशा वर्कर्स (ASHA Workers) को आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) में जोडऩे का बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले से साफ है कि देश की सभी 10 लाख 40 हजार आशा वर्कर्स को आयुष्मान भारत योजना के तहत फ्री में इलाज कराने की सुविधा मिल सकेगी। इस फैसले का यूपी के आशा वर्कर यूनियन ने खुशी जाहिर की है। उत्तर प्रदेश में आशा वर्कर्स की सबसे बड़ी संस्था उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश सहित देशभर की सभी 10 लाख 40 हजार आशा वर्कर्स को फ्री में इलाज की सुविधा मिलने लगेगी।

जानिए देश भर में कितनी हैं आशा वर्कर

यूपी आशा वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी ने जानकारी दी कि भारत में कुल 10 लाख 40 हजार आशा कार्यकर्ता हैं। इनमें अकेले उत्तर प्रदेश में 1 लाख 63 हजार आशा कार्यकर्ता हैं। यूपी के साथ बिहार में 89437 तथा मध्य प्रदेश में 77531 महिला आशा कार्यकर्ता के रूप में सेवा दे रही हैं। उत्तर प्रदेश सहित देशभर की इन महिलाओं को अब फ्री में इलाज मिलने की सुविधा मिल सकेगी।

कौन होती हैं आशा कार्यकर्ता

महिला आशा वर्कर्स (ASHA Workers) सरकार की सभी स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने का काम करती हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM)के तहत इन सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की भूमिका पहली बार 2005 में स्थापित की गई थी। आशा मुख्य रूप से विवाहित, विधवा या समुदाय के भीतर से 25 से 45 वर्ष की आयु के बीच की तलाकशुदा महिलाएं होती हैं। आशा कार्यकर्ता होने के लिए कक्षा 8 तक औपचारिक शिक्षा के साथ साक्षर होना जरूरी होता है। आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ पहुंचने में लोगों को जानकारी प्रदान करने और सहायता करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। ये कार्यकर्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप-केंद्रों और जिला अस्पतालों जैसी सुविधाओं से जोडऩे वाले एक सेतु के रूप में काम करती हैं। इन महिलाओं की औपचारिक योग्यता 8वीं कक्षा तक शिक्षित होना है। इनके पास बेहतर संचार और नेतृत्व कौशल होना चाहिए।
आपको बता दें कि आंगनवाड़ी कर्मचारियों को भी आयुष्मान भारत की सुविधा दी जाएगी।