संसद शीतकालीन सत्र..हंगामा नहीं हुआ तो 17 बिल पास हो सकते हैं

उत्तरप्रदेश

Parliament Winter Session 2023: संसद शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से संसद बैठने जा रही है। लोकसभा (Lok Sabha) सचिवालय से जारी बुलेटिन (Bulletin) में बताया गया है कि 17 बिल (Bill) पास हो सकते हैं। पढ़िए पूरी खबर…

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आपको बता दें कि इस शीतकालीन सत्र (Winter Session) में 17 बिल पर चर्चा हो सकती है। 4 दिसंबर से संसद बैठने जा रही है। लोकसभा सचिवालय से जारी बुलेटिन में बताया गया है कि 17 बिल सरकार के एजेंडे में हैं। इस शीतकालीन सत्र में किन-किन बिल्स पर संसद में बहस होती देखी जा सकती है।
इस साल मानसून सत्र के आखिरी दिन सरकार ने लोकसभा (Lok Sabha) में इस बिल को पेश किया। ये बिल लाया गया है इंडियन पीनल कोड, 1860 की जगह लेने के लिए जो आईपीसी के नाम से प्रचलित है। किसी भी घटना या दुर्घटना के बाद पुलिस आईपीसी की धाराएं (IPC Sections) लगाती है। जिन्हें सिद्ध करने पर अदालत सजा सुनाती है। भारतीय न्याय संहिता लोकसभा में पेश होने के बाद स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया था। 10 नवंबर को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी।

2023 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता भी मानसून सेशन में आया था। इसका उद्देश्य कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (Code Of Criminal Procedure), 1973 की जगह लेना है। 11 अगस्त 2023 को इसे लोकसभा में पेश किया गया था। फिर स्टैडिंग कमेटी के पास भेजा गया। 10 नवंबर को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी।

द चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर बिल 2023

चीफ इलेक्शन कमिश्नर और बाकी इलेक्शन कमिश्नर्स (Election Commissioners) की नियुक्ति के लिए ये बिल लाया गया। कमिश्नर्स की योग्यता का आधार क्या होगा? सर्विस के दौरान क्या नियम कानून होंगे। ये सब इसी बिल के आधार पर तय होगा। ये बिल 10 अगस्त को राज्यसभा में टेबल किया गया था।

एडवोकेट्स बिल 2023

इस बिल के पास होने पर लीगल प्रैक्टिशनर एक्ट (Legal Practitioner Act) 1879 से कुछ सेक्शन्स को हटाया जाएगा और उन्हें एडवोकेट्स एक्ट 1961 के अंतर्गत लाया जाएगा। ये बिल राज्यसभा में पास हो चुका है। लोकसभा में पेंडिंग है।

जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन बिल 2023

जम्मू-कश्मीर के वीक एंड अंडरप्रिविलेज्ड (Underprivileged) क्लास का नाम बदल कर अदर बैकवर्ड क्लास किया जाएगा। 26 जुलाई को लोकसभा में बिल पेश किया गया था। अभी पास होना बाकी है।

जम्मू-कश्मीर रीऑर्गजेशन बिल 2023

जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 83 सीटों को बढ़ाकर 90 सीट किया जाएगा। 7 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की जाएंगी। बिल 26 जुलाई 2023 को लोकसभा में पेश किया जा चुका है।

द कॉन्स्टिट्यूशन शेड्यूल्ड कास्ट ऑर्डर बिल 2023

इस बिल के पारित होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पिछड़े जातीय समुदायों के लिए वाल्मीकि शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। और राज्य की अनुसूचित जाति की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इस साल 26 जुलाई को लोकसभा में पेश किया गया था।

द कॉन्स्टीट्यूशन शेड्यूल्ड ट्राइब ऑर्डर बिल 2023

इस बिल के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए अनुसूचित जनजाति की लिस्ट अलग-अलग होगी।

द पोस्ट ऑफिस बिल 2023

भारतीय डाकघर अधिनियम 1898 को निरस्त करेगा। डाकघर की कार्यप्रणाली, शिपमेंट की प्रक्रिया के प्रावधान तय किए जाएंगे। ये बिल राज्यसभा में पेश किया जा चुका है।

द प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिक बिल 2023

प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ 1867 को खत्म करेगा। इसके अंतर्गत अखबारों, साप्ताहिकों, मैग्ज़ीन और बुक्स का रजिस्ट्रेशन भी होगा। इस बिल के पास होने के बाद प्रेस रजिस्ट्रार जनरल की नियुक्ति होगी। ये बिल इस साल 3 अगस्त को राज्यसभा में पास हो चुका है।

ये सारे बिल संसद के किसी एक सदन में पिछले सत्रों में पेश हो चुके हैं।

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ये बिल पहली बार इस सत्र में टेबल किए जाएंगे

जम्मू-कश्मीर रीऑर्गजेशन बिल 2023

इसके तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा की एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।

द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज बिल 2023

पुडुचेरी विधानसभा में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने का प्रावधान होगा।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (Delhi) में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने की अवधि को 3 साल के लिए बढ़ाया जाएगा। बिल के पास होने पर 31 दिसंबर 2026 तक कार्रवाई पर रोक लग जाएगी।

द सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिल 2023

ये बिल तेलंगाना में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने के लिए लाया जा रहा है।

द बॉयलर्स बिल 2023

स्टीम बॉयलर को रेगुलेट करने वाले बॉयलर एक्ट की जगह लेगा ये नया एक्ट है।

इन सभी बिल के अतिरिक्त सरकार संसद में 2 फाइनेंस बिल (Finance Bill) भी पेश करेगी। आप जानते ही हैं फाइनेंस बिल को सिर्फ लोकसभा में पास कराने की जरूरत होती है। राज्यसभा फाइनेंस बिल के लिए अमेंडमेंट प्रस्तावित कर सकती है। लेकिन 75 दिन बाद बिल को राज्यसभा से अपने आप-पास मान लिया जाता है।

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