आ रहा है कोरोना का बाप..5 करोड़ लोगों की जान ख़तरे में!

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उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Disease X: दुनिया से अभी कोराना महामारी का संकट पूरी तरह से टला नहीं है कि एक दूसरे वायरस (Virus) की इंट्री हो गई है। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि जल्द ही भविष्य में ऐसी महामारी आने वाली है जो कोरोना (Coronavirus) से कई गुना ज्यादा खतरनाक होगी और इसमें कम से कम 5 करोड़ लोगों की मौत हो जाएगी। इस बीमारी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने डिजीज एक्स (Disease X) नाम दिया है। यूके वैक्सीन टास्क फोर्स की प्रमुख केट ब्रिंघम ने कहा आने वाली बीमारी ऐसी ही होगी जैसी 1919-1920 में स्पेनिश फ्लू महामारी थी। स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu) महामारी के कारण 1918 से 1920 के बीच 5 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। इसके आसपास ही प्रथम विश्व युद्ध (First world war) हुआ था जिसमें इससे आधे लोगों की मौत हुई थी।

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वायरस के 25 कुलों की हो चुकी है पहचान
केट ब्रिंघम (Kate Bringham) ने कहा कि धरती पर कई ऐसे वायरस हैं जो पहले से ही मौजूद हैं और इनमें महामारी का रूप लेने की क्षमता है। इसलिए आने वाली महामारी ठीक उसी तरह से घातक होगी जिस तरह से स्पेनिश फ्लू थी। इसमें उससे भी ज्यादा मौतें होने की सम्भावना है। उन्होंने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर विश्व के डिजीज एक्स के खतरे को खत्म करना चाहता है तो इसके लिए अभी से तैयारी करने की जरूरत है। इसके लिए वैक्सीन निर्माण की क्षमता इस तरह की होनी चाहिए कि जरूरत पड़ने पर रिकॉर्ड समय में करोड़ों वैक्सीन का प्रोडक्शन हो सके। साथ ही वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया भी तेज होनी चाहिए। एक्सपर्ट का मानना है कि वैज्ञानिकों ने वायरस के 25 कुलों की पहचान की है लेकिन इनके 10 लाख से ज्यादा अंजाने वैरिएंट का अस्तित्व धरती पर है। इनमें जीवों की एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में जाने की क्षमता है।
इबोला जितनी मृत्यु दर
ब्रिंघम ने कहा कि हम इस मामले में लकी रहे कि कोरोना के कारण सिर्फ 69 लाख लोगों की ही जान गई। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर इस तरह की महामारी इतनी बड़ी आबादी में लग गई तो इसे मैनेज करने में बहुत मुश्किल होगी क्योंकि डिजीज एक्स बेहद तेजी से फैलने वाला संक्रमण होगा और इसमें मौत की दर इबोला जितनी होगी। दुनिया के किसी भी हिस्से में यह महमारी क्यों न हो यह बहुत जल्दी खुद का रुप बदलने में सक्षम हो जाएगा और तुरंत किसी इंसान में जाकर उसे संक्रमित कर देगा। इबोला में मृत्यु दर 67 प्रतिशत है। वहीं वर्ड फ्लू और एमईआरएस में मौत की दर बहुत होती है। इसलिए हमें आगामी महामारी को हल्के में नहीं लेना है।
WHO ने मई में ही दे दी थी चेतावनी
इसी साल मई में डब्ल्यूएचओ ने इस महामारी के बारे में चेतावनी दे दी थी। इसके लिए अधिक से अधिक जानकारी को बढ़ाने की बात कही गई है। डब्ल्यूएचओ ने डिजीज एक्स की तरह ही एक शब्द का इस्तेमाल 2018 में किया था और इसके बाद कोरोना महामारी आई। हालांकि डिजीज एक्स कब तक दस्तक देगी इसके बारे में पुख्ता प्रमाण नहीं है।

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Disease X का क्या है इतिहास
WHO ने 2018 में पहली बार एक अज्ञात बीमारी के रूप में Disease X का उल्लेख किया, जिसमें महामारी की संभावना बताया था। डब्ल्यूएचओ के आधिकारिक वेबसाइट पर कहा गया है कि Disease X एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी, एक रोगजनक का कारण हो सकती है, जिसका फिलहाल मानव रोग का कारण अज्ञात है। आर एंड डी ब्लूप्रिंट स्पष्ट रूप से प्रारंभिक क्रॉस-कटिंग आर एंड डी को तैयार करने का प्रयास कर रहा है, जो एक अज्ञात Disease X के लिए भी प्रासंगिक है।

जानें कुछ बातें इस बीमारी के बारे में

बिंगमैन ने बताया कि 1918-19 फ्लू महामारी ने दुनिया भर में कम से कम 50 मिलियन लोगों की जान ले ली थी, जो प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की तुलना में दोगुना है। आज, हम पहले से मौजूद कई वायरस में से एक से उसी तरह का जनहानि की उम्मीद कर सकते हैं, जो अस्तित्व में है।
यूके के स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने आगे बताया कि वैज्ञानिकों ने 25 वायरस समूहों की पहचान की है और इसके दस लाख अनदेखे वेरिएंट हो सकते हैं, जो एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में जा सकते हैं।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अधिकांश कोविड-19 मरीज़ ठीक हो गए। कल्पना कीजिए कि Disease X इबोला की मृत्यु दर के साथ खसरे जितना ही संक्रामक है। दुनिया में कहीं न कहीं, इसकी पुनरावृत्ति हो रही है, और देर-सबेर कोई न कोई बीमार महसूस करने लगेगा।
बिंघम ने कहा प्रकोप में वृद्धि वो कीमत है जो हमें आधुनिक दुनिया में रहने के लिए चुकानी पड़ रही है। सबसे पहले, यह वैश्वीकरण के माध्यम से तेजी से जुड़ा हुआ है। दूसरा, अधिक से अधिक लोग शहरों में बस रहे हैं, जहां वे अक्सर दूसरों के साथ निकट संपर्क में आते हैं, इससे इस महामारी का खतरा और भी बढ़ जाता है।
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