बच्चों की नई उम्मीद बना ‘ConveGenius’

एक मुलाकात

ज्योति शिंदे, एडिटर, खबरीमीडिया

खबरीमीडिया के खास सेगमेंट ‘एक मुलाकात’ में आज बात शिक्षा यानि Education की। भारत विकासशील देशों में कतार में पहले नंबर पर है। जिसमें शिक्षा की भूमिका सबसे अहम है। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पढ़ेगा इंडिया बढ़ेगा इंडिया को लेकर युद्ध स्तर पर काम हो रहा है।   

इसी कड़ी में हम आपको ऐसे मल्टीटैलेंटेड शख्सियत से मिलवाने जा रहे हैं जो एक YOUNG ENTREPRENEUR हैं साथ ही बच्चों की एजुकेशन पर काम कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं ConveGenius Group के Co-Founder & Managing Director जयराज भट्टाचार्या (Jairaj Bhattacharya) की..जयराज ग्रेटर नोएडा वेस्ट(Greater Noida West) के अरिहंत आर्डन(Arihant Arden) सोसायटी में रहते हैं। जयराज ने नोएडा समेत देश के 4 अलग-अलग शहरों में ऑफिस खोल रखे हैं और इनकी कंपनी में 200 से ज्यादा Employee हैं। जयराज स्वागत है आपका

जयराज पाठकों को अपने बारे में बताइए

जयराज-  मैंने IIIT हैदराबाद से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। शिकागो बूथ से एग्जिक्यूटिव MBA के साथ मैंने अशोका यूनिवर्सिटी से यंग इडिया फेलोशिप भी हासिल की है।  

नौकरी नहीं करनी है, अपनी कंपनी फॉर्म करनी है। इसका आइडिया कैसे आया ?

जयराज- जब मैं IIIT कर रहा था तभी से दिमाग में अपनी कंपनी खोलने का आइडिया चल रहा था। सिंगापुर की Nanyang Technological University और मेरे कॉलेज के बीच रिसर्च calibration था। यहीं से मैंने रिसर्च शुरू कर दी थी। पढ़ाई के दौरान ही मुझे फैलोशिप के साथ रिसर्च के लिए पैसा भी मिला। कुछ वक्त के लिए मैं NASA(USA) भी गया था।

अपनी कंपनी के बारे में बताइए

जयराज- 2014 में मैंने ConveGenius Group नाम से कंपनी फॉर्म की। मेरी कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Artificial intelligence (AI) पर आधारित है। जिसका मकसद लोगों की जिंदगी आसान बनाना है। ALEXA से तो आप familiar होंगे ही। बहुत कुछ इसी तरह। लेकिन सब्जेक्ट अलग- और वो है एजुकेशन(Education)..।इसमें मददगार साबित होते हैं हमारी कंपनी के डिजाइन एप्लीकेशन AI Chatbot(Artificial Intelligence Chatbot) फिलहाल हमारी कंपनी बच्चों के एजुकेशन से सीधे तौर पर जुड़ी है।  

बच्चों के एजुकेशन पर ही काम करना है ये ख्याल कैसे आया ?

जयराज-  मैं आपको बता दू कि ये ख्याल कोरोना की उपज है। करोना में बच्चों का स्कूल आना-जाना बिल्कुल ही बंद हो गया। शहरी बच्चे तो ऑनलाइन एजुकेशन के जरिए अपनी पढ़ाई पूरी कर ली। लेकिन गांव के बच्चे पूरी तरह से पिछड़ गए। जिनकी पहचान करना इतना भी आसान नहीं था। आपको बता दें शहरों में तो बच्चों के टैलेंट को पहचानकर उसे आगे बढ़ाया जा सकता है। लेकिन गांव में ऐसा कर पाना बेहद मुश्किल होता है। हालांकि शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई प्लेटफार्म आए लेकिन उसकी कमजोरियां पकड़ने के लिए कोई तकनीक नहीं है उसी को सुधारने का काम विद्या समीक्षा केंद्र को सौंपा गया है। इसी खामी को दूर करने के लिए हमने Artificial intelligence (AI) पर काम करना शुरू किया ताकि Education का transformation करके बच्चों को सही रास्ता दिखा सकें। और ये सब मुमकिन हुआ विद्या समीक्षा केंद्र के जरिए।

Pic-Social Media

विद्या समीक्षा केंद्र कैसे काम करता है ?

जयराज-  विद्या समीक्षा केंद्र एक मॉनिटरिंग सिस्टम है जो राज्य सरकार से सीधा जुड़ा है और उसके निर्देश यानि Guidance पर काम करता है। इसमें बच्चों के Attendance, किन Subjects में कितने नंबर आए..उसकी कमजोरियां, उपलब्धियां सबकुछ इसमें मौजूद है। सबसे अहम बात ये कि क्यों ना बच्चे हमारी निगरानी में पढ़े और पैरेंटस और टीचर दोनों ही बच्चें को देख पाए। ताकि बच्चों में improvement हो सके।

विद्या समीक्षा केंद्र के पीछे की सोच क्या है ?

जयराज- विद्या समीक्षा केंद्र का मकसद एजुकेशन से संबंधित डेटा इकट्ठा करना है। ताकि शिक्षा से जुड़ी योजनाओं पर सही तरीके से काम किया जा सके। हमारी कंपनी विद्या समीक्षा केंद्र को conversational AI Chatbot बंडल देती है। ये पूरी तरह बायोमीट्रिक होता है।

इसमें ‘टीचर फोकस्ड बॉट्स’(Teacher focused bots) होते हैं तो दूसरा स्टूडेंट फोकस्ड बॉट्स(Student focused bots.. ‘टीचर फोकस्ड बॉट्स’ का इस्तेमाल Attendance के लिए होता है। जबकि स्टूडेंट फोकस्ड बॉट का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए। चैट बॉट के जरिए शिक्षकों को लर्निंग मैटेरियल भी मुहैया करवाते हैं।

AI चैट बॉट्स एक तरह का एप्लीकेशन है जो छात्रों और शिक्षकों को एजुकेशन और दूसरी जरुरतों से जुड़ी Problems सॉल्व करने में मदद करता है। चैट बॉट्स के जरिए स्टूडेंट अपना सवाल बोलकर, या लिखकर जवाब हासिल कर सकते हैं।

जब स्टूडेंट, टीचर, एडमिनिस्ट्रेटर चैट बॉट्स का इस्तेमाल करते हैं तो ये एक तरह का डेटा जेनरेट करता है। जिससे राज्य सरकार के डैश बोर्ड को सीधे डेटा भेजता है। इसका फायदा ये होता है कि राज्य सरकार डेटा एनालिटिक्स के जरिए टीचर, स्टूडेंट का डेटा मॉनिटर कर सकती है। इसमें district level comparison, block level comparison और school level comparison किया जा सकता है। डेटा आने के बाद राज्य सरकार का शिक्षा बोर्ड, शिक्षा में सुधार की प्रक्रिया पर फोकस करना शुरू कर देता है।

आपने Chatbot का जिक्र किया। इसके बारे में डिटेल में समझाइए

जयराज- Chatbot दो शब्द से मिलकर बना है। Chat और Bot. Chat का मतलब होता है बातचीत और Bot का मतलब होता है Robot…मतलब बातचीत करने वाला robot. ये कोई physical robot नहीं होता है। Chatbot एक तरह का computer program है जिसे normal question-answering के लिए बनाया गया है। Chatbot से कोई भी बात कर सकता है। जैसे ही आप chatbot से कोई ऐसा सवाल पूछेंगे जिसका जवाब उसे पता होगा तो वो तुरंत जवाब जरूर देगा। आप chatbot से बिलकुल ऐसे बात कर सकते हैं जैसे आप किसी इंसान से बात करते हैं।

बच्चों के लिए कैसे चैट बॉट्स कैसे फायदेमंद साबित हो रहा है ?

जयराज- पहले सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई टीचर की काबिलियत के ऊपर निर्भर थी। लेकिन chatbot के आने से टीचर औऱ बच्चे दोनों की पढ़ना-पढ़ाना आसान हो गया है। सबसे अहम बात ये कि चैट बॉट्स हर राज्य की उनकी भाषा में होता है ताकि बच्चों और शिक्षकों को इसे हैंडल करने में आसानी हो। मसलन गुजरात में गुजराती, गोवा में इंग्लिश..पंजाब में पंजाबी। chatbot का फायदा ये भी बॉट्स ना सिर्फ पढ़ाई में मदद करता है बल्कि इसके लिए बच्चे सवालों के जवाब भी हासिल कर सकते हैं। लर्निंग गेम्स भी खेल सकते हैं।

ConveGenius Group ने पहले गुजरात और हाल में गोवा सरकार के साथ MoU साइन किए हैं। उसके बारे में बताइए

जयराज- ConveGenius Group ने गुजरात के साथ-साथ गोवा के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधारों के लिए गोवा सरकार(Goa Government) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। हमारी कोशिश है कि पूरे देश में ये सिस्टम लागू हो। और राज्य सरकारे इस कदम में हमारा साथ दें। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विद्या समीक्षा केंद्र को पूरे भारत में लागू करने की सिफारिश भी की है। 

डेटा जुटाने की प्रक्रिया पहले भी होती थी, ये उससे अलग कैसे हैं ?

जयराज- आपने बिल्कुल सही कहा। स्कूल पहले भी डेटा इकट्ठा करने का काम करते थे। लेकिन वो सब
मैनुएल (Manuel) होता था। टीचर डेटा इकट्ठा करके राज्य सरकार को रिपोर्ट करते थे। उसमें कई तरह की कमियां सामने आती थी। क्योंकि सभी कुछ Written form में होता था। लेकिन अब ये सब ऑनलाइन हो गया है। जिसमें एक क्लिक के जरिए आप किसी भी छोटे से छोटे स्कूल का डेटा पता कर सकते हैं।

शिक्षा को अभी कहां देखते है आप?

जयराज- भारत मे 33 करोड़ छात्र है जिनमें तमाम छात्र ऐसे भी हैं जो Extra Ordinary होते हैं। लेकिन हम उन्हें सही वक्त पर पहचान नहीं पाते। हैरान करने वाली खास बात यह है कि इन 33 करोड़ छात्रों में 40 प्रतिशत बच्चे प्राइवेट स्कूल में जाते है। और 60 प्रतिशत सरकारी स्कूल में जाते है। हम सब जानते है कि प्राइवेट स्कूलों की पढ़ाई सरकारी स्कूलों के मुकाबले कई गुणा बेहतर है और उन्हीं की वजह से देश में इतनी ग्रोथ है। अगर हम 60 प्रतिशत बच्चों को ऐसी शिक्षा दें तो हमारा देश विकसित देशों में शामिल हो जाएगा।

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आपके Future प्लान क्या हैं ?

जयराज- हमारी कोशिश है कि आने वाले दिनों में हम हर राज्य को AI Chatbot(Artificial Intelligence Chatbot) मुहैया करवाना है जिससे स्कूली शिक्षा को आसान बनाया जा सके। साथ ही इसकी कमियों पर भी ध्यान दिया जा सके। जिससे देश के बच्चे आगे चलकर कामयाबी का परचम बुलंद कर सके। हमारी कोशिश भविष्य में बच्चों के साथ आम लोगों की जिंदगी भी आसान बनाने की है। हमारी पूरी टीम उस एप्लीकेशन पर भी काम रही है।

खबरीमीडिया से बात करने के लिए जयराज आपका बहुत बहुत शुक्रिया।  

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