Rajasthan Politics: केंद्र पर भारी पड़ रही है गहलोत सरकार की योजनाएं

राजस्थान

Jyoti Shinde,Editor

कर्नाटक चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद अब कांग्रेस पार्टी की नजर राजस्थान पर है. राज्य में दूसरी बार जीत हासिल करने के लिए पार्टी पूरी ताकत से मैदान में उतर गई है. सीएम अशोक गहलोत आए दिन नई-नई योजनाओं की घोषणा करते नजर आ रहे हैं. गहलोत सरकार की कई योजनाएं हैं, जिन्हें हिमाचल और कर्नाटक में लागू करने का वादा कर पार्टी सत्ता में आई है. ऐसी कई योजनाएं हैं जो राज्य में मोदी सरकार की योजनाओं से भी ज्यादा लोकप्रिय नजर आ रही हैं. सीएम गहलोत भी अपनी इस योजना को न सिर्फ गेम चेंजर बता रहे हैं, बल्कि ये दावा भी कर रहे हैं कि इस योजना के जरिए सरकार रिपीट होगी.

जिन मुद्दों के कारण कांग्रेस को कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में जीत मिली, अब उन्हीं मुद्दों के सहारे बीजेपी ने राजस्थान में सत्ता में वापसी का रोडमैप तैयार किया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि कांग्रेस राज में 50 फीसदी कमीशनखोरी थी. भ्रष्टाचार चरम पर है. यह एक ऐसा मुद्दा है जो आम लोगों से जुड़ा है. हम इस मुद्दे पर चुनाव में जायेंगे. इसके अलावा राजस्थान में बीजेपी मोदी सरकार के काम को घर-घर तक पहुंचाने के लिए हर लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र में अभियान चला रही है.

अमर उजाला से चर्चा में भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद का कहना है कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार की मुफ्त बिजली, 25 लाख तक मुफ्त इलाज और सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन समेत कई योजनाओं ने प्रदेश का माहौल बदल दिया है. आज जिस तरह से चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक के बाद एक घोषणाएं कर रहे हैं, उससे बीजेपी में अंदर ही अंदर खलबली मची हुई है. हालांकि, पार्टी ने उन्हें जवाब देने के लिए नई रणनीति भी तैयार की है. चुनाव से पहले बीजेपी भ्रष्टाचार, परीक्षाओं में धांधली, किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को अपना मुख्य हथियार बनाएगी. गहलोत की योजनाओं का असर कम करने के लिए पार्टी इन मुद्दों को हवा देगी.

राजस्थान में गहलोत की इन योजनाओं से बीजेपी परेशान है

महंगाई राहत योजनाएं: इस विधानसभा चुनाव में महंगाई एक बड़ा मुद्दा बनकर उभर रही है. कर्नाटक चुनाव में भी कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के खिलाफ इसका खूब इस्तेमाल किया. राज्य में कांग्रेस सरकार के खिलाफ कोई माहौल नहीं था, इसलिए चुनाव से पहले हर जिले में महंगाई राहत शिविर लगाकर गहलोत ने माहौल बदलने की कोशिश की. लेकिन बीजेपी को इसकी काट नजर नहीं आ रही है. गहलोत की महंगाई राहत योजनाओं में लाभ लेने वालों का रजिस्ट्रेशन लगातार बढ़ रहा है. बीजेपी कांग्रेस की इन योजनाओं को चुनावी हथकंडा बता रही है. पार्टी का कहना है कि साढ़े चार साल तक कांग्रेस को महंगाई क्यों नहीं दिखी.

500 रुपये में सिलेंडर : महंगाई राहत शिविर के बाद राज्य में सबसे प्रचलित योजना 500 रुपये में गैस सिलेंडर की है. जिस गैस सिलेंडर की कीमत 1150 रुपए थी उसे कांग्रेस सरकार 500 रुपए में दे रही है। इस साल के बजट में गहलोत ने गरीब परिवारों को 500 रुपए में सिलेंडर देने की घोषणा की थी।

25 लाख तक मुफ्त इलाज : राज्य में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम से शुरू की गयी. योजना में 25 लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है। कांग्रेस सरकार ने 5 लाख से शुरू कर इसे 25 लाख तक पहुंचाया। इस योजना के तहत अब तक राजस्थान के 1 करोड़ 14 लाख से अधिक परिवार पंजीकृत हो चुके हैं। इस योजना के तहत पंजीकृत परिवारों का 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा भी किया जा रहा है।

Free Power: हर घर को 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के जरिए गहलोत सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है. वहीं, राज्य में किसानों को 2000 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है.

मुफ्त राशन, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा: विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस सरकार पहले ही गरीबों को मुफ्त राशन की योजना लागू कर चुकी है. गांवों में मनरेगा की तर्ज पर शहरों में भी इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत 125 दिन का रोजगार देकर लोगों को राहत देने की कोशिश की गई है। वहीं, अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के तहत मुफ्त राशन के लिए अब तक 95 लाख से ज्यादा लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है, जबकि 1,000 रुपये की न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत अब तक 46 लाख लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है.

महिलाओं को बस किराए में रियायत: महिला मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए सीएम गहलोत ने महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा सभी श्रेणियों की रोडवेज बसों के किराए में 50 प्रतिशत की छूट देने की भी घोषणा की है. पहले सामान्य श्रेणी की बसों में 30 फीसदी की छूट दी जा रही थी. इसका लाभ ग्रामीण महिलाओं को तो मिल जाता था, लेकिन शहरी महिलाएं ज्यादा लाभ नहीं उठा पाती थीं। अब मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सभी श्रेणी की बसों में 50 फीसदी की छूट दी जाएगी.

बीजेपी के पास ओपीएस की काट नहीं है

इन योजनाओं के अलावा गहलोत ने पूरे प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू कर बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. कांग्रेस ने इसका फायदा हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के चुनाव में उठाया. प्रदेश के लाखों कर्मचारियों से जुड़ी इस योजना को लेकर गहलोत बार-बार बयान दे रहे हैं कि अगर कांग्रेस सरकार दोबारा नहीं बनी तो बीजेपी ओपीएस बंद कर देगी. बीजेपी के पास गहलोत के इन बयानों का कोई जवाब नहीं है. वह न तो यह कह पा रही है कि ओपीएस जारी रहेगी और न ही यह कह पा रही है कि सरकार में आने के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। राजस्थान की तर्ज पर कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में भी ओपीएस लागू कर दिया है. वहीं मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने भी वादा किया है कि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी.

बीजेपी मोदी के कामों से जवाब देगी

बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि कांग्रेस की योजनाएं कांग्रेस को ही खा जाएंगी. उन्होंने लंबी-चौड़ी घोषणाएं कीं, लेकिन बजट में प्रावधान नहीं किया. चुनाव में कांग्रेस की योजनाओं पर भारी पड़ेगा मोदी सरकार का नौ साल का काम! मोदी सरकार ने नौ साल में हर वर्ग को राहत दी है। राजस्थान में लाखों लाभार्थी हैं जिन्हें मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है. कांग्रेस ने चुनावी फायदा लेने के लिए पांच महीने पहले ही लोकलुभावन योजनाएं लागू की हैं, लेकिन राजस्थान के मतदाता उसके झांसे में आने वाले नहीं हैं. आज आम आदमी समझ रहा है कि कांग्रेस ने साढ़े चार साल में कुछ नहीं किया और अब जब चुनाव नजदीक है तो मतदाताओं को गुमराह करने के लिए ऐसी योजनाएं लागू कर रही है।

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