कोरोना को लेकर अलर्ट पर पंजाब सरकार, जारी की गई गाइडलाइन

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Punjab News: देशभर में काफी तेज रफ्तार से कोरोना बढ़ने लगा है। जिसको लेकर केन्द्र से लेकर सभी राज्य सरकार अलर्ट मोड़ पर है। कोरोना को लेकर पंजाब की भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Sarkar) भी अलर्ट मोड़ है। पिछले दिनों जालंधर में हुई 1 महिला की मौत के बाद लोगों में काफी डर का माहौल है। वहीं अब चिकित्सा विशेषज्ञों (Medical Experts) ने विशेष एहतियात बरतने की भी सलाह दी है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना का नया वेरिएंट जे.एन.1 पहले के वेरिएंट्स के मुकाबले तेजी से फैल रहा है लेकिन इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। जे. एन. 1 वेरिएंट (J. N. 1 variant) ओमिक्रॉन का ही वंशज है और इसके लिए कोविड-19 जैसी ही सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।
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पंजाब स्वास्थ्य विभाग (Punjab Health Department) ने कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसमें लोगों से भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने की अपील की गई है। इसके साथ ही कहा गया है कि भारत के कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के मामलों की वृद्धि हुई है। इसलिए प्रदेश के सभी लोगों को कोविड एडवाइजरी का सख्ती से पालन करना होगा।

लोगों को इस एडवाइजरी का करना होगा पालन

यदि आप अस्वस्थ महसूस करें (बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई आदि) तो डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर के पास जाते समय अपना मुंह और नाक ढकने के लिए मास्क पहनें।
अगर कोविड के लक्षण दिखाई तो तुरंत उसकी जांच करवाएं।
भीड़-भाड़ वाली जगहों और बंद जगहों पर मास्क का प्रयोग करें।
डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों की देखभाल करते समय अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा।
सार्वजनिक स्थानों पर थूकें नहीं।
किसी भी श्वसन लक्षण/बीमारी के मामले में खुद से दवाईयां ना लेकर डॉक्टर की सलाह से दवाईयां लें।
छींकते और खांसते समय नाक और मुंह को रूमाल/टिशू से ढकना होगा।
उपयोग किए गए टिश्यू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंकना होगा।
बार-बार हाथ धोने का अभ्यास करें. हाथों को साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड रब का उपयोग करें. हाथ जरूर धोएं, भले ही वे दिखने में साफ हों।
श्वसन संबंधी लक्षणों से पीड़ित होने पर खुद को अन्य लोगों से अलग रखें।

बीमार लोगों को रखनी होगी ये सावधानी

डाक्टरों की मानें तो सर्दियों में खांसी और जुकाम के दौरान इस वेरिएंट से बचने के लिए स्वच्छता बेहद जरूरी है। पहले की तरह बार-बार हाथ धोना और स्कूल या काम से छुट्टी लेकर इसे रोकने के कारगर उपाय जारी रखने चाहिए। बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को इससे काफी सतर्क रहने की जरूरत है। चिकित्सकों ने आगे कहा कि इसने साथ ही मधुमेह, ब्रोंकाइटिस या अस्थमा, हृदय व कैंसर रोगियों को घर से बाहर निकलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

वेरिएंट है कम घातक

संक्रामकता चिंताजनक पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर मैडीसन, साकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल बेंगलुरु के वरिष्ठ सलाहकार डा. सचिन कुमार ने बताया कि वर्तमान में इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि जे.एन. वेरिएंट की गंभीरता अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में अधिक खतरनाक है। यह हल्का प्रतीत हो रहा है और एकमात्र चिंताजनक कारक इसकी बढ़ी हुई संक्रामकता है।

हर दिन करें व्यायाम करें

कोविड के जे. एन. वेरिएंट (J. N. variants) से बचने के लिए उन्होंने संतुलित आहार, हर दिन व्यायाम करने की सलाह दी है। साथ ही उनका कहना है कि पर्याप्त नींद भी बेहद आवश्यक है। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए डा. सचिन ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह लेने की भी लोगों से अपील की है।

संक्रमित करने के बाद वेरिएंट होता है कमजोर

वह बताते हैं कि वेरिएंट की बढ़ी हुई संक्रामकता को एक सामान्य विकास प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है, जहां यह आसानी से फैलता है, लेकिन कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। डा. सचिन कुमार कहते हैं कि जे.एन. 1 वेरिएंट के विकास के साथ समग्र मृत्यु दर कम दिख रही है, जो एक ऐसी प्रवृत्ति का संकेत देता है कि यह अधिक लोगों को संक्रमित करके अपना अस्तित्व सुनिश्चित करने के बाद समय के साथ कम घातक हो जाता है। इस बात पर जोर दिया गया है कि मौजूदा स्थिति गंभीर परिणामों का संकेत नहीं देती है, लेकिन उच्च जोखिम वाले समूहों के व्यक्तियों को सतर्क रहना चाहिए और आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।

कोरोना का नया JN.1 वैरिएंट क्या है


कोरोना का नया वैरिंएट JN.1 है, जो पहली बार लक्जमबर्ग में पाया गया था। वैज्ञानिकों के अनुसार यह नया वैरिएंट पिरोला वैरिएंट (BA.2.86) से बना है। इस वैरिएंट के स्पके प्रोटीन में उत्परिवर्तन अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा है। इसीलिए यह चिंता का कारण बना हुआ है। यह वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। भारत में जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला 8 दिसंबर को केरल में मिला था। एक महिला मरीज इस वैरिएंट से संक्रमित पायी गयी थी।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण

कोरोना के नए JN.1 वैरिएंट से संक्रमित होने पर मरीज को हल्का बुखार, नाक बहना, गले में खराश और सिरदर्द जैसी बीमारी होती है। इसके अलावा मरीजों को सांस से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद 5-6 दिनों तक ये लक्षण मरीज में दिखाई देते हैं।