Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित देविका गोल्ड होम्स सोसाइटी की समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एओए (आवासीय ओनर्स एसोसिएशन) का गठन हुए केवल आठ महीने ही हुए थे कि एओए के सदस्यों के बीच आपसी मतभेद के चलते दरार आ गई है।
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एओए के सात में से दो सदस्यों अभिषेक जैन और राजेश पांडे ने अध्यक्ष अनुराग खरे पर पद का दुरुपयोग, तानाशाही रवैया और सोसाइटी को कोर्ट कचहरी की उलझनों में फंसाने के प्रयास का गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया, साथ ही इन दोनों लोगों ने इस संदर्भ में सोसाइटी रजिस्ट्रार से एओए भंग करने और दुबारा चुनाव कराने का निर्देश देने के लिए भी अपील की है।
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इस्तीफा देने वाले सदस्यों का कहना है कि जब चुनाव हुए थे, तो सदस्यता के नाम पर सोसाइटी के निवासियों से लाखों रुपये इकट्ठा किए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अध्यक्ष अनुराग खरे ने बिना किसी सदस्य की सहमति के उन पैसों को कोर्ट केस में खर्च करने का मंसूबा बनाया। इस कदम के कारण एओए के सदस्यों में रार पैदा हो गई। खासकर इस वक्त जब सोसाइटी की रजिस्ट्री प्रक्रिया ग्रेटर नोएडा में चल रही है, तो निवासियों को यह डर है कि कोर्ट के मामलों में फंसने के कारण उनकी रजिस्ट्री रुक सकती है।
अध्यक्ष अनुराग खरे का आरोपों पर जवाब
पूरे मामले पर अध्यक्ष देविका गोल्ड होम्स के अध्यक्ष अनुराग खरे ने ख़बरी मीडिया को बताया कि ये दोनों ना किसी मीटिंग में कभी उपस्थित हुए। ना ही कभी जब इन्हें किसी काम के लिए कहा गया तो इन्होंने किसी काम में इंटरेस्ट लिया। हमेशा नॉट अवेलेबल नॉट इंटरेस्टेड इनका जवाब होता था। आज जब हम पूरी प्रक्रिया को अपनाते हुए बिल्डर से हैंडोवर लेने का प्रयास कर रहे हैं और उसी क्रम में हाईकोर्ट में रेट याचिका दाखिल करने जा रहे हैं जिसका की रजिस्ट्री से कोई लेना-देना नहीं है। रजिस्ट्री के लिए भी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सेक्रेटरी ही सिर्फ दौड़ रहे हैं । आज तक कभी या दोनों सदस्य किसी भी ऑफिस किसी भी प्रशासनिक अधिकारी से मिलने तक नहीं गए साथ में। सोसाइटी का फंड पूरी तरीके से कोषाध्यक्ष जी के पास सुरक्षित है। पूरी AOA टीम बहुमत के आधार पर तय करके उसका उपयोग करती है।
यह इस समय बिल्डर को समर्थन देने वाले कुछ लोगों के द्वारा भटकाए हुए हैं इन्होंने अभी तक जगह-जगह अपना रिजाइन भेजने का दावा किया है। परंतु अभी तक अपना इस्तीफा ना किसी AOA मेंबर को और ना ही AOA को email भेजी है। इससे साफ पता चलता है कि ये aoa टीम को बदनाम करके और निवासियों द्वारा चुनी गई कमेटी को भंग करने की साजिश है।

