दिल्ली में केजरीवाल सरकार के खिलाफ़ बड़ी साजिश का आरोप.. आतिशी ने कहा-राष्ट्रपति शासन की हो रही तैयारी

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Delhi News: राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) की कैबिनेट मंत्री आतिशी (Atishi) ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन (President Rule) लगाने क लिए साजिश रच रही है। मंत्री आतिशी ने इसके पीछ कई ऐसा घटनाओं का जिक्र किया है जिससे उन्हें आशंका है कि राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
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मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी उनकी सरकार को गिराने के लिए एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएगा। लेकिन दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना गैरकानूनी और जनादेश के खिलाफ होगा।

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आतिशी ने दिया यह तर्क

मंत्री आतिशी ने पत्रकारों का सामने यह दावा किया कि बीते कुछ महीनों में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जो इस आशंका की ओर इशारा करती हैं। मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के किसी वरिष्ठ अधिकारी को दिल्ली में तैनात नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि विभागों में पद खाली पड़े हैं, लेकिन कोई तैनाती नहीं की जा रही है। नौकरशाहों ने आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए मंत्रियों की तरफ से बुलाई जाने वाली बैठकों में आना बंद कर दिया है। उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के कामकाज को लेकर गृह मंत्रालय को पत्र लिख रहे हैं।
आतिशी ने आगे कहा कि BJP को पहले से ही पता था कि वह राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में नहीं आ सकती। आतिशी ने कहा कि आप ने 2015 और 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में BJP को हराया है। इसलिए वे दिल्ली सरकार को गिराना चाह रहे हैं। लेकिन राष्ट्रपति शासन लगाना गैरकानूनी होगा, क्योंकि दिल्ली सरकार के पास बहुमत है। हमने इस साल 17 फरवरी को सदन में बहुमत परीक्षण पास कर लिया था।

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि यह वही एलजी साहब हैं जो कोर्ट में खड़े होकर कहते हैं कि यह ट्रांसफर सब्जेक्ट है। इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। आतिशी ने कहा कि जब एलजी यह बात कहते हैं तो फिर वो एमएचए को लेटर क्यों लिख रहे हैं।

मंत्री आतिशी ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार के अफसरों ने कोड ऑफ कंडक्ट का बहाना बनाकर किसी भी मीटिंग में आना बंद कर दिया है। चाहे वो कितने भी जरूरी मुद्दे पर ही क्यों न हो। आतिशी ने आगे कहा कि कैसे 20 साल पुराने केस को उठाकर अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव को बर्खास्त कर जाता है। उन्होंने कहा कि यह सारे लक्षण दिखा रहे हैं कि एक बहुत बड़ी साजिश दिल्ली सरकार को गिराने की हो रही है और राष्ट्रपति शासन लगाने की हो रही है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल से प्यार करते हैं, दिल्ली के लोग आप को पसंद करते हैं और दिल्ली के लोग बीजेपी की हरसंभव कोशिश के बाद AAP को ही वोट देते हैं।

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जानिए क्या दिल्ली में लगाया जा सकता है राष्ट्रपति शासन

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अभी जेल में हैं और दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है। इसे देखते हुए ऐसे में उपराज्यपाल की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही आप और उसके नेता यही कहते आए हैं कि सीएम इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे। अब अगर केजरीवाल CM बने रहने का फैसला करते हैं, तो LG “संवैधानिक मशीनरी के टूटने” का हवाला दे सकते हैं और धारा 239 AB के तहत राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं। उपराज्यपाल धारा 239 AA के तहत सरकार को बर्खास्त करने के लिए भी यही कारण बता सकते हैं।

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जेल में रह कर चला सकते हैं सरकार?

आपको बता दें कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के मुताबिक, दोषी साबित होने तक किसी चुने हुए प्रतिनिधि को पद नहीं छोड़ना होता है। लेकिन पद पर बने रहने को लेकर एक नैतिक सवाल जरूर खड़ा होता है। कानून के अनुसार, अरविंद केजरीवाल तब तक मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं, जब तक उन्हें दोषी करार नहीं दिया जाता।
व्यावहारिक रूप से आप के मामले में जो बात मदद कर सकती है, वो ये है कि केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है। हालांकि, राजनीतिक रूप से यह एक बुद्धिमानी भरा कदम नहीं हो सकता है।
क्योंकि सीएम केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया है, इसलिए वह गिरफ्तार होने वाले पहले मौजूदा मुख्यमंत्री बन गए हैं। लेकिन केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए अदालत या जेल से कुछ राहत की जरूरत होगी।