किशोर दा के शहर खंडवा का क्या है हाल..देखिए खंडवा से आजतक का हेलिकॉप्टर शॉट

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AajTak Khandwa News: दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में बस जाएंगे। ये शब्द किशोर कुमार (Kishore Kumar) साहब के हैं जिनकी आवाज आज भी लोगों को झूमने पर मजबूर कर देती है। किशोर कुमार की धरती खंडवा (Khandwa) में पहुंच चुकी है आजतक की टीम, राजनीतिक हलचल को कैमरे में कैद करने के लिए।

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आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के खंडवा (Khandwa) में आजतक के हेलिकॉप्टर ने जमकर उड़ान भरी। सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप (Anjana Om Kashyap) की अगुवाई में आजतक की टीम ने खंडवा (Khandwa) की जनता का नब्ज टलोलने में सफल रही। खंडवा के लोग इस बार किसको जीताकर संसद भेजने जा रहे हैं तो किसे हार का गम देने जा रहे हैं इसको जानने के लिए अंजना ओम कश्यप ने शुरु किया सवालों का सिलसिला।
यहां मौजूद एक शख्स ने किशोर कुमार की आवाज में आजतक की टीम का गानों और जलेबी के साथ स्वागत किया गया।

आजतक के इस खास प्रोग्राम में इस बार के बीजेपी के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटिल और कांग्रेस के उम्मीदवार नरेन्द्र पटेल मौजूद थे। सवाल शुरू हुआ बीजेपी के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटिल से उन्होंने जवाब में कहा कि जनता के आशीष से ही मैं 2021 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी और जनता की अपेक्षा पर खरा उतने का काम किया है। आज रेलवे के क्षेत्र में आठ रेल का स्टापेज करवाया गया और बहुत काम हुए हैं।
खंडवा के लिए 350 करोड़ का रेलवे स्टेशन आदि। इन्हीं कामों के साथ हम जनता से एक बार फिर वोट करने की अपील कर रहे हैं।

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बीजेपी (BJP) सांसद के इन दावों को लेकर कांग्रेस के उम्मीदवार नरेन्द्र पटेल ने मोर्चा संभाला और कहा कि जब जब यहां की जनता ने कांग्रेस को जीत दिलाई है तब तब कांग्रेस के सांसद यहां विकास करने का काम किया है।
खंडवा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस सासंद ने यही 11 हजार करोड़ की लागत से पावर प्लांट लाया। खंडवा को मेडिकल हास्पिटल दिया। जनता हमें इसलिए वोट करें क्योंकि हमने गरीब महिलाओं को एक लाख रुपये देने का वादा किया है।

तो वहीं यहां मौजूद लोगों ने कहा कि जब से बीजेपी (BJP) की सरकार आई है कृषि के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। तो वहीं दूसरे व्यक्ति ने कहा कि आज भी खंडवा मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है।
एक और व्यक्ति ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि ये सच को दबाने के लिए चिल्लाते हैं, बीजेपी वाले काम के नाम पर कुछ नहीं करते। इनको राम के नाम पर सबकुछ चाहिए। खंडवा की आजतक कोई समस्या हल नहीं हुई है। बीजेपी की सरकार है खंडवा में युवाओं के लिए कोई काम नहीं हुआ है।

यहां मौजूद एक बुजुर्ग ने कहा कि खंडवा जिला है एक लेकिन हैरानी की बात है कि बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों पार्टी लोकल को टिकट देती ही नहीं है। आने वाले समय से लोकल उम्मीदवार को टिकट दिया जाए मेरी दोनों पार्टियों से गुजारिश है। तो वहीं एक युवा ने कहा कि यहां बीस साल से बीजेपी जीत रही है लेकिन बीजेपी ने यहां शिक्षा के लिए कोई काम नहीं की है।

खंडवा की राजनीतिक कहानी जानिए

खंडवा लोकसभा सीट (Khandwa Lok Sabha seat) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 29 लोकसभा सीटों में से एक है। इस सीट पर मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर होती है। बीजेपी के नंदकुमार चौहान इस सीट से सबसे ज्यादा बार जीतने वाले सांसद हैं। यहां की जनता ने उनको पांच बार सांसद बनाया है। 1996, 1998, 1999 और 2004 का चुनाव जीतकर उन्होंने इस सीट पर अपना दबदबा बनाए रखा। लेकिन 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके अगले चुनाव 2014 में उन्होंने इस सीट पर वापसी की और शानदार जीत दर्ज की।

खंडवा में लोकसभा का पहला चुनाव 1962 में हुआ था। कांग्रेस के महेश दत्ता ने पहले चुनाव में जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने इसके अगले चुनाव 1967 और 1971 में भी जीत हासिल की। लेकिन 1977 में भारतीय लोकदल ने इस सीट पर कांग्रेस को हरा दिया। कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी 1980 में की। तब शिवकुमार सिंह ने इस सीट पर कांग्रेस की वापसी कराई थी। कांग्रेस ने इसका अगला चुनाव भी जीत लिया। 1989 में बीजेपी ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की। हालांकि बीजेपी की खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी और 1991 में बीजेपी को कांग्रेस ने हरा दिया।

1996 में बीजेपी ने नंदकुमार चौहान को मैदान में उतारा है और जीत दर्ज की। वे अगले 3 चुनाव जीतने में भी कामयाब रहे। 2009 में अरुण सुभाष चंद्रा ने यहां पर कांग्रेस की वापसी कराई। 2009 में हारने के बाद नंदकुमार ने एक बार फिर यहां पर वापसी की और अरुण सुभाष चंद्र को हराया। बीजेपी को यहां पर 6 बार तो कांग्रेस को 7 बार जीत मिली है।

खंडवा की है निराली कहानी

प्राचीन मान्यताओं के मुताबिक खंडवा शहर का प्राचीन नाम खांडववन (खांडव वन) था जो मुगलों और अंग्रेजो के आने से बोलचाल में धीरे धीरे खंडवा हो गया। खंडवा नर्मदा और ताप्‍ती नदी घाटी के मध्य बसा है। ओमकारेश्‍वर यहां का लोकप्रिय और पवित्र दर्शनीय स्‍थल है। इसे भारत के 12 ज्योतिर्लिगों में गिना जाता है।