Noida प्राधिकरण के फ्लैट पर किसने जमाया कब्जा..पढ़िए बड़ी ख़बर

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा

Noida News: नोएडा प्राधिकरण के 15 फ्लैट को लेकर चौका देने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की ओर से साल 2012 में नोएडा के सेक्टर-118 स्थित समाजवादी आवास योजना (Samajwadi Awas Yojana) में लगभग 1200 फ्लैट बनाकर खरीददारों को देने की घोषणा हुई थी। आवंटित फ्लैट लोगों को दे भी दिए गए। लेकिन नोएडा प्राधिकरण की (Noida Authority) ओर से बनाए गए लगभग 15 फ्लैटों में वर्तमान में पुलिसकर्मियों का कब्जा है। मतलब बिना बिके हुए फ्लैटों पर गवर्नमेंट सेक्टर में काम कर रहे लोगों ने कब्जा कर लिया है। ये लोग नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के जिम्मेदार अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर कई महीनों से यहां अवैध तरीके से रह रहे हैं। खबर यह भी है कि यह सारा खेल संबंधित अधिकारियों के नाक के नीचे चल रहा है। प्राधिकरण के बन्द फ्लैटों का कोई जानकारी नहीं लें रहा है।

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नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के वर्क सर्किल-6 के क्षेत्र में आने वाली समाजवादी आवास योजना के खाली लगभग 10 से 15 फ्लैट {प्रॉपर्टी} पर इन दिनों अवैध कब्जा है। फ्लैट में रहने वाले परिवार कोई सामान्य लोग नहीं हैं। इन फ्लैटों में रहने वाले लोग सरकारी कर्मचारी हैं। नोएडा प्राधिकरण के विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों में चर्चा है कि यह मामला सम्बंधित अधिकारियों की जानकारी में होने के बाद भी आखिर इन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।

अधिकारी नहीं ले रहे हैं खाली फ्लैटों की सुध

प्राधिकरण में तैनात कर्मचारियों की बीच आपस में चल रही बातचीत में एक अधिकारी का कहना है कि प्राधिकरण अपनी आवासीय योजना के तहत अनसोल्ड-लेफ्ट आउट प्रॉपर्टी की संख्या का आंकलन करने का रत्ती भर भी कोशिश नहीं कर रहा है। उसके पास इतना समय है भी नहीं कि वह बन्द पड़े फ्लैटों का सर्वे कराए। जब बचे हुए फ्लैट के संख्या का निर्धारित होने पर एक नई आवासीय स्कीम (New Housing Scheme) को लांच करने की तैयारी की जाएगी तो कुंभकर्णी नींद से जाग कर यह जिम्मेदार अधिकारी इन फ्लैटों का स्थलीय निरीक्षण करवाएंगे। इससे पहले कोई अधिकारी इसकी सुध नहीं लेने वाला है।

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जब इस मामले में एक न्यूज एंजेसी ने अचानक इस मुद्दे को उठाने वालों से पूछ लिया कि क्या प्राधिकरण के इन बन्द पड़े हुए फ्लैटों में बिना मूलभूत सुविधा के कब्जा कर रहना संभव है। रहने के लिए लोगों को कम से कम बिजली पानी की सुविधा तो चाहिए ही चाहिए। इस पर पहले तो सभी लोग घबरा गए। सब ने चुप्पी साध ली। फिर उनमें से एक ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि इन अनसोल्ड-लेफ्ट आउट फ्लैट में बिजली के मीटर जारी करने के लिए फ्लैट अलॉटमेंट लेटर की जरूरत होती है। लेकिन चंद रुपये खर्च कर इन सुविधाओं का लुत्‍फ उठाते हुए मुफ्त में 2 बीएचके जैसे फ्लैट में रहने का सौदा किसके लिए अच्छा नहीं होगा।

पहली बार नहीं हो रहा है यह

आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी साल 2019 में नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के सेक्टर-71 स्थित शिव शक्ति अपार्टमेंट में 250 फ्लैट {प्रॉपर्टी} पर अवैध कब्जा हुआ था। फ्लैट में रहने वाले परिवार से किराए के रूप में मासिक वसूली हो रही थी। उस समय यह मामला जानकारी में आया जब प्राधिकरण ने अपनी आवासीय योजना में अनसोल्ड-लेफ्ट आउट प्रॉपर्टी की संख्या का आंकलन करने की कोशिश किया था। सर्वे के माध्यम से प्रत्येक वर्क सर्किल के क्षेत्र में भौतिक निरीक्षण करवाया गया था। जिससे फ्लैट {प्रॉपर्टी} संख्या का निर्धारण होने पर एक नई आवासीय योजना को लांच किया जा सके।

साथ ही नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ ने उस समय उन वर्क सर्किल अधिकारियों और क्षेत्र के जेई पर निगाहें टेढ़ी कर दी गई थी। जिनकी निगरानी के बावजूद प्राधिकरण के खाली फ्लैटों पर कब्जा हो गया था। उस समय प्राधिकरण अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि स्थलीय निरीक्षण के दौरान किराए पर रहने वाले लोगों से गहनता से पूछताछ की जाएगी। जिसने उन्हें फ्लैट किराए पर दे रखा है। उसकी गिरफ्तारी भी होगी। साथ ही क्षेत्र के जेई की मामले में संलिप्तता पाए जाने पर उसे तत्काल निलंबित किया जाएगा।

अब सवाल प्रश्न उठता है कि किसके आदेश पर अनसोल्ड-लेफ्ट आउट फ्लैट में लोग रह रहे है? क्या संबंधित वर्क सर्किल अधिकारी और क्षेत्र के जेई को इस बारे में सूचना नहीं है? यदि संबंधित अधिकारियों को जानकारी है तो फिर आंखों पर गांधारी की पट्टी बांधे जिम्मेदार प्राधिकरण के सपंत्ति को कब्जा होते देख चुप क्यों बैठे है? यह जांच का विषय बन गया है।