क्या कहता है UP के ग़ाज़ीपुर का गणित..देखिए आजतक का हेलिकॉप्टर शॉट

उत्तरप्रदेश चुनाव 2024 राजनीति

AajTak Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का मशहूर ज़िला है गाजीपुर(Ghazipur)। जिसे लहुरी काशी यानि छोटी काशी भी कहते हैं। इस समय गाजीपुर में सियासी पारा हाई है।
गाजीपुर लोकसभा सीट से माफिया मुख़्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) सांसद हैं। 2019 चुनाव में वो बसपा की टिकट से चुनाव जीते थे। हालांकि इस चुनाव में अफजाल सपा की टिकट से चुनाव मैदान में हैं। सपा ने उनके नाम की घोषणा कर दी है।
अफजाल अंसारी पहली बार 2004 के चुनाव में जीतकर संसद पहुंचे थे। वहीं गाजीपुर लोकसभा सीट (Ghazipur Lok Sabha Seat) से बीजेपी (BJP) ने पारसनाथ राय को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि बसपा ने उमेश सिंह को मैदान में उतारा है।

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ग़ाज़ीपुर अफीम की खेती और अंसारी परिवार के लिए भी जाना जाता है। यहां लंबे समय तक अंसारी परिवार का दबदला चला है। बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत के बाद सबकी नज़र अफजाल अंसारी पर है।
आपको बता दें कि इस सीट पर बीजेपी की तरफ से मनोज सिन्हा भी सांसद रह चुके हैं।
आजतक की टीम सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप (Anjana Om Kashyap) के साथ पहुंची गाजीपुर। गाजीपुर की जनता इस बार किसपर भरोसा कर रही है और किसे हाराने का मन बना ली है, इसी सवाल का जवाब तलाशने।

आजतक की टीम जब गाजीपुर पहुंची तो गाजे बाजे के साथ टीम का भव्य स्वागत हुआ। और फिर अंजना ओम कश्यप ने शुरू किया सवालों का सिलसिला। जनता जवाब देती गई है स्थिति साफ होती गई।
पहला सवाल हुआ तो जवाब आया कि चुनाव में इस बार बीजेपी जीतने जा रही है। यहां दबदबा खत्म हो गया है। तो वहीं दूसरे व्यक्ति ने कहा कि सरकार ने हमसे बहुत वादें किए, लेकिन सरकार को वादों पर खरा उतरना चाहिए। यह जनता सब जानती है किसी को कुछ बताने की जरूरत नहीं है।

सवाल जब महिलाओं से किया गया तो जवाब आया कि इस बार चुनावी मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी और परेशानी है। महंगाई ने एकदम परेशान करके रखा है। सिलेंडर की कीमत बहुत महंगी है। स्कूल की फीस बहुत ज्यादा है। कैसे बच्चों को पढ़ाएं। मुख्तार अंसारी को लेकर जब सवाल किया गया तो जवाब आया कि मुख्तार अच्छे आदमी थे लोगों की मदद करते थे।

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तो वहीं एक दूसरे व्यक्ति ने कहा कि बेरोजगारी देश में नहीं है अच्छे छात्रों के लिए देश में नौकरियां हैं। जीनियस छात्रों के लिए नौकरी है। जो नौकरी पा रहे हैं एक भी पैसा घूस नहीं लग रहा है।
एक व्यक्ति ने कहा कि बीजेपी की जनकल्याणकारी योजना का लाभ आज जनता को मिल रहा है। उज्जवला योजना लाभकारी साबित हो रही है। इस बार गाजीपुर का चुनाव बीजेपी की तरफ है।
वहीं अंसारी परिवार पर हमला करते हुए एक व्यक्ति ने कहा कि 2000 से 2015 तक जो दौर चला उसमें कितनी हत्या हुई कोई बता नहीं सकता।
गाजीपुर की जनता अपराध को पूरी तरह से खत्म करना चाह रही है। गाजीपुर की जनता इनके इस चुनाव में कुर्सी से उतारने का काम करेगी।


एक व्यक्ति ने कहा कि मनोज सिन्हा के समय यहां विकास कार्य हुए हैं। पुल बना सड़क बनी। तो इस पर हमला बोते हुए एक दूसरे व्यक्ति ने कहा कि इस बार फिर से जीत अंसारी परिवार की होने जा रही है।
बसपा के एक नेता ने कहा कि सपा असल माफिया और बीजेपी नकल माफिया को टिकट दी है, बसपा उमेश सिंह को टिकट दे कर जनता को अपराध मुक्त कराने की भरोसा दी है।

गाजीपुर का सियासी समीकरण

गाजीपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र (जखनियां, सैदपुर, गाजीपुर सदर, जंगीपुर, जमनिया) आते हैं, जिसमें 2 (जखनियां और सैदपुर) रिजर्व सीट के रूप में दर्ज है।

2019 का जनादेश

इस चुनाव में बसपा के अफजल अंसारी 5,66,082 वोट पाकर जीत दर्ज किए थे तो वहीं दूसरे नंबर पर बीजेपी के मनोज सिन्हा थे जिनको 4,46,690 वोट मिले।

2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा ने सपा की प्रत्याशी शिवकन्या कुशवाहा को 32,452 मतों के अंतर से हराया था। चुनावी समर में 18 उम्मीदवार थे जिसमें मनोज सिन्हा को 31.11 फीसदी यानी 3,06,929 वोट मिले जबकि दूसरे स्थान पर रही शिवकन्या को 2,74,477 (27.82 फीसदी) वोट हासिल हुए थे।

बात करें लोकसभा चुनाव 2009 की तो इस चुनाव में सपा के राधे मोहन सिंह ने बसपा के अफजल अंसारी को हराया था। अफजल अंसारी ने 2004 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और विजयी रहे थे।