Aiims दिल्ली में मरीज़ को दिखाने जाने से पहले ये ख़बर पढ़ लीजिए

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Delhi Aiims: दिल्ली एम्‍स में मरीजों को दिखाने जाने वालों के लिए बड़ी और जरूरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (All India Institute of Medical Sciences) नई दिल्‍ली (New Delhi) देश की सबसे अच्छी अस्‍पतालों में से एक है। यहां पूरे भारत से लोग गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए आते हैं। जबकि आसपास के कुछ मरीज छोटी-मोटी बीमारी में भी एम्‍स की सहायता लेते हैं।

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एम्‍स अब ओपीडी (OPD) में मरीजों को देखने को लेकर बड़ा फैसला करने जा रहा है। एम्‍स में स्‍क्रीनिंग ओपीडी (Screening OPD) शुरू की जाएगी। इसके लिए पॉलिसी भी तैयार हो चुकी है। जल्‍दी ही एम्‍स की ओपीडी में दिखाने के लिए आने वाले नए मरीजों को स्‍क्रीनिंग ओपीडी से भी गुजरना होगा। आइए एम्‍स में डिपार्टमेंट ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्‍ट्रेशन प्रो. निरुपम मदान से समझते हैं कि क्या है स्‍क्रीनिंग ओपीडी।

कब से शुरू होगी एम्‍स में स्‍क्रीनिंग ओपीडी

एम्‍स में स्‍क्रीनिंग ओपीडी के लिए पॉलिसी तैयार हो गई है। जल्‍द ही इसके लागू होने की उम्‍मीद है। स्‍क्रीनिंग ओपीडी सामान्‍य ओपीडी से अलग होती है। यह नए पेशेंट के लिए होगी। सभी पेशेंट्स की स्‍क्रीनिंग होगी जो माइनर बीमारी वाले मरीज होंगे वे वहीं पर हेंडल किए जाएंगे और जिन्‍हें इन डेप्‍थ इन्‍वेस्टिगेशन और फॉलोअप की जरूरत होगी या जिनकी बीमारी गंभीर होगी, उन्‍हें अंदर ओपनिंग ओपीडी में भेज दिया जाएगा।

स्‍क्रीनिंग किस स्‍पेशल वॉर्ड, ब्‍लॉक या जगह में कराई जाएगी

मरीजों की स्‍क्रीनिंग एम्‍स की सामान्‍य ओपीडीज में नहीं होगी, इसके लिए अलग जगह निश्चित की जाएगी। यहां सिर्फ नए मरीजों को पहले स्‍क्रीन किया जाएगा कि क्‍या वे टर्शियरी केयर के लिए आ रहे हैं या हल्‍की बीमारी के इलाज के लिए आ रहे हैं। स्‍क्रीनिंग ओपीडी में एसआर रहेंगे जो इसका फैसला करेंगे और ट्रीटमेंट करेंगे।

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क्या होगी स्‍क्रीनिंग ओपीडी की टाइमिंग्‍स

स्‍क्रीनिंग ओपीडी की टाइमिंग्‍स को ओपीडी टाइमिंग्‍स के साथ कॉर्डिनेट किया जाएगा। अभी इस पर बातचीत हो रही है।

क्‍या ये आरपी सेंटर के मरीजों की भी स्‍क्रीनिंग होगी?

नहीं फिलहाल तो इसे मेडिसिन डिपार्टमेंट की ओपीडीज के लिए शुरू किए जाने को लेकर बात हो रही है। आरपी सेंटर के लिए ऐसी तैयारी नहीं है।

स्‍क्रीनिंग ओपीडी की अपॉइंटमेंट अलग से लेनी होगी?

एम्‍स में जिस तरह से ओपीडी के लिए अपॉइंटमेंट लेते हैं, उसी तरह ली जाएगी। बस जब दिखाने पहुंचेंगे तो नए मरीजों को स्‍क्रीनिंग से गुजरना होगा।

स्‍क्रीनिंग ओपीडी से क्‍या फायदा होगा?

एम्‍स में हरदिन लगभग 20 हजार मरीज ओपीडी में दिखाने आते हैं। जिनमें कुछ तो सेकेंडरी ट्रीटमेंट लेने आते हैं जबकि कुछ लोग प्राइमरी ट्रीटमेंट के लिए आए होते हैं। उनको माइनर इलनेस होती है जो किसी दूसरे अस्‍पताल में दिखाने से भी ठीक हो सकती है, तो स्‍क्रीनिंग ओपीडी में ऐसे मरीजों को अलग किया जा सकेगा। रेजिडेंट डॉक्‍टर्स इन मरीजों को देखेंगे और जिन मरीजों को फॉलोअप की जरूरत नहीं है, उन्‍हें वहीं से ट्रीटमेंट देकर घर भेज दिया जाएगा, जबकि जिन्‍हें वास्‍तव में जरूरत है, उन्‍हें आगे ओपीडी में भेजेंगे। ऐसा करने से ओपीडी में भीड़ भी कम होगी और ज्‍यादा से ज्‍यादा गंभीर मरीजों को इलाज मिल पाना संभव होगा।

क्‍या इमरजेंसी में भी स्‍क्रीनिंग की जाएगी?

एम्‍स की इमरजेंसी में तो पहले से ही स्‍क्रीनिंग की जाती है। जो मरीजों इमरजेंसी में लाया जाता है, पहले उसकी स्‍क्रीनिंग की जाती है। ये इमरजेंसी रेड, येलो और ऑरेंज जोन में डिवाइडेड हैं। जो गंभीर हो, मरीज होते हैं उन्‍हें रेड इमरजेंसी में शिफ्ट कर दिया जाता है।