भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज और 2007 टी20 और 2011 वनडे विश्व कप (World Cup) विजेता टीम का हिस्सा रहे एस श्रीसंत ने भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में नस्लभेद को लेकर बड़ा खुलासा किया है। केरल के रहने वाले एस श्रीसंत (S Sreesanth) को की माने तो उन्हें जिंदगी भर मद्रासी कहा जाता था।
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भारत के पूर्व तेज गेंदबाज ने खुलासा किया कि उन्हें पूरे जीवन भर मद्रासी (Madrasi) कहकर चिढ़ाया गया। गौरतलब है कि मद्रासी मुख्य रूप से तमिलनाडु के मूल निवासियों को कहा जाता है, लेकिन उत्तर भारत में कुछ लोग समूचे साउथ इंडियन लोगों के लिए इसे एक गाली की तरह इस्तेमाल करते हैं। तेज गेंदबाज ने यह खुलासा एक पॉडकास्ट के दौरान किया।
श्रीसंत (Sreesanth) ने मद्रासी कहने को लेकर खुलासा करते हुए कहा, ‘मैं अपने पूरे जीवन में….मैं यह कह सकता हूं। मैं इसे तब से सुन रहा हूं जब मैं अंडर-13, अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 खेल रहा था। तब हम कोच्चि (Tuskars Kerala) टीम के लिए खेल रहे थे और यह देश के लिए फिर से खेलने जैसा था।’ बता दें कि श्रीसंत ने अक्टूबर, 2005 में नागपुर में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच से भारत के लिए डेब्यू किया था। इस तेज गेंदबाज ने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में क्रिकेट खेला और कुल 169 विकेट लिया है।
श्रीसंत ने एक और खुलासा आईपीएल से खत्म हो चुकी कोच्चि टस्कर्स केरल (Kochi Tuskers Kerala) को लेकर किया। उन्होंने बताया कि इस टीम ने अभी तक उनकी सैलरी नहीं दी है। बता दें कि यह पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आईपीएल 2011 सीजन में कोच्चि टस्कर्स केरल की टीम का हिस्सा थे। अगले सीजन से पहले टीम को समाप्त कर दिया गया। श्रीसंत ने कहा, ‘उन्हें बहुत सारा पैसा देना होगा। उन्होंने अभी भी नहीं दिया है।’
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श्रीसंत ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि बीसीसीआई (BCCI) ने सचमुच आपको भुगतान कर दिया है। कृपया हमें भुगतान करें…वैसे भी जब भी आप भुगतान कर रहे हों, तो हर साल 18% ब्याज का याद रखें।’ पूर्व पेसर ने हंसते हुए आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि जब तक मेरे बच्चे की शादी होगी, तब तक हमें पैसा जरूर मिल जाएगा। टीम तीन साल की होनी चाहिए थी और पहले साल में ही टीम ख़त्म हो गई। अब भी जब खिलाड़ी मिलते हैं तो इस बारे में बात करते हैं। एक भी इंटरनेशनल क्रिकेटर इसके लिए बात नहीं कर रहा है।’