Vasant Panchami: इस बार बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है।
Vasant Panchami: इस बार बसंत पंचमी (Basant Panchami) 2 फरवरी को मनाई जाएगी, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन विशेष रूप से मां सरस्वती (Maa Saraswati) की पूजा की जाती है, जो ज्ञान और विद्या की देवी मानी जाती हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2 फरवरी को सुबह 8:51 बजे शनि देव पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे, जहां वह 2 मार्च तक विराजमान रहेंगे। इस दिन विशेष रूप से शिव योग, सिद्ध योग और साध्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है।
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बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी (Basant Panchami) माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है, जो प्रकृति के उत्सव के रूप में भी जानी जाती है। इस दिन प्राकृतिक रूप से मौसम में बदलाव आता है, और फूलों की रंगीनियां चारों ओर बिखरने लगती हैं। शहर के बागों और बगीचों में विभिन्न प्रकार के फूलों से खुशबू फैलने लगती है।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व ज्ञान और विद्या से जुड़ा होने के कारण इसे विशेष रूप से विद्यालयों, गुरुकुलों और मंदिरों में मनाया जाता है। इस दिन बच्चों का विद्यारंभ संस्कार भी होता है और बिना मुहूर्त के विवाह भी संपन्न किए जाते हैं।
शिव योग, सिद्ध योग और साध्य योग का अद्भुत संयोग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2 फरवरी को शनि देव का गोचर होने के साथ ही तीन विशेष योग बन रहे हैं। शिव योग, सिद्ध योग और साध्य योग का संयोग विशेष रूप से शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन विवाह, वाहन खरीदारी, व्यापार, वस्त्राभूषण आदि की खरीदारी करने का आदर्श समय होगा, क्योंकि यह दिन अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
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मां सरस्वती की पूजा
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। नगर व्यास पंडित कमलेश व्यास ने बताया कि मां सरस्वती माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है। मां सरस्वती की पूजा से बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है। इस दिन सबसे पहले पीले वस्त्र धारण करें और मां सरस्वती को सफेद वस्त्र अर्पित करें। इसके अलावा, खीर या दूध से बने प्रसाद का भोग मां को अर्पित करें।

