कतर में फँसे 8 भारतीयों को नहीं होगी फाँसी..PM मोदी ने की बड़ी डील

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Qatar Indian Soldiers: कतर में पूर्व भारतीय नौसैनिकों के मामले में बड़ा फैसला आया है। बता दें कि कतर ने भारत के पूर्व नौसेनिकों पर जासूसी (Spying) का आरोप लगाते हुए उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया था। वहां की अदालत (Court) ने इन सैनिकों को इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन अब कतर (Qatar) में गिरफ्तार 8 भारतीय नौसैनिकों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई है। पढ़िए पूरी खबर…

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कतर (Qatar) में जासूसी के मामले में मौत की सजा प्राप्‍त पूर्व भारतीय नौसेनिकों को गुरुवार को बड़ी राहत मिली है। भारत के हस्तक्षेप के बाद कतर की अदालत में अपील दाखिल की गई। अब इन सैनिकों की सजा को कम करने का फैसला किया गया है। ये पूर्व नौसैनिक न सिर्फ मौत के चंगुल से बाहर आ गए हैं बल्कि भविष्‍य में उनके भारत आने का रास्ता भी साफ हो गया है। भारत और कतर से बीच कैदियों का प्रत्यावर्तन अधिनियम (Repatriation of Prisoners Act) 2003 के अनुसार ऐसा संभव हुआ है।

बता दें कि 2 दिसंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) की कैबिनेट ने भारत और कतर के बीच सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण संधि को मंजूरी दी थी। जिसके बाद मार्च 2015 में दोनों देशों के बीच संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इस संघी के बाद से कतर में सजा पाए भारतीय कैद अपनी बची सजा भारत में पूरी कर सकते है। और अगर कतर का कोई नागरिक भारत में सजा भुगत रहा है तो वो अपने देश में उस सजा की अवधी को पूरा कर सकता है।

जानिए काटनी होगी भारत में बाकी की सजा?

आपको बता दें कि साल 2004 से पहले, ऐसा कोई घरेलू कानून नहीं था जिसके तहत विदेशी कैदियों (Foreign Prisoners) को उनकी सजा की शेष अवधि काटने के लिए उनके मूल देश में स्थानांतरित किया जा सके। न ही किसी विदेशी अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए भारतीय मूल के कैदियों को उनके मूल देश में स्थानांतरित करने का प्रावधान था।

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कतर में सैनिकों के साथ क्या हुआ था?

कतर की निचली अदालत ने पिछले महीने यानी 26 अक्टूबर को इंडियन नेवी (Indian Navy) के 8 पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने सजा पर हैरानी जताई थी और कहा था कि वह पूर्व अफसरों के परिवार वालों के संपर्क में है और सभी तरह के कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
ये सभी पूर्व अफसर दाहरा ग्लोबल टेक्नॉलजी ऐंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम करते थे। उन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। नेवी (Navy) के पूर्व अफसरों को किस मामले में गिरफ्तार किया गया, उन पर क्या आरोप लगाए गए, इसे लेकर न तो कतर की तरफ से कुछ आधिकारिक तौर पर कहा गया है और न ही भारत की तरफ से।

पीएम मोदी ने की थी कतर के शासक से मुलाकात

इसी साल दिसंबर की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के शासक अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की थी। तब भी पूर्व नौसेनिकों (Naval Personnel) की मौत की सजा वाला मामला उठाया गया था। इस मुलाकात के बाद कतर की ओर से नरमी के संकेत मिलने लगे थे। 8 नौसैनिकों को दूसरी बार काउंसलर एक्सेस दी थी।

भारत की किन देशों के साथ है ऐसी डील?

भारत सरकार (Indian Government) ने अब तक ईरान, कंबोडिया, मिस्र, फ्रांस, ब्रिटेन, मॉरीशस, बुल्गारिया, ब्राजील, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, कुवैत, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, थाईलैंड की सरकारों के साथ इसी प्रकार के समझौतों पर हस्ताक्षर किए है। जबकि कई देशों के साथ वार्ता जारी है।