नोएडा के केंद्रीय विद्यालय से हैरान करने वाली खबर..पेरेंट्स परेशान

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Noida News: नोएडा के केंद्रीय विद्यालय (Central School) से हैरान करने वाली खबर है। नोएडा सेक्टर-24 स्थित केंद्रीय विद्यालय में बड़ी संख्या में 9 वीं व 11 वीं कक्षा के छात्रों के फेल (Students Fail) होने का मामला सामने आया है। बता दें कि स्कूल प्रबंधन (School Management) पर सीधा आरोप है कि खुद की ग्रेडिंग (Grading) बनाए रखने के लिए करीब 600 मेधावी बच्चों को जानबूझकर फेल कर दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि नोएडा सेक्टर-24 स्थित केंद्रीय विद्यालय (Central School) में बड़ी संख्या में 9 वीं व 11 वीं कक्षा के छात्रों के फेल होने का मामला सामने आया है। जिसके विरोध में अभिभावकों ने प्रधानाचार्य से लेकर केवीएस चेयरमैन, जिलाधिकारी, डीआईओएस को लिखित पत्र जारी कर प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।

स्कूल प्रबंधन पर सीधा आरोप है कि खुद की ग्रेडिंग बनाए रखने के लिए करीब 600 मेधावी बच्चों को जानबूझकर फेल कर दिया गया है।

प्रकरण के बाद विरोध जोर पकड़ने पर स्कूल प्रबंधन (School Management) ने आनन-फानन में फेल होने वाले छात्रों की सप्लीमेंट्री परीक्षा लेकर मामले को दबाने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी 200 से अधिक छात्र दोबारा फेल बताए जा रहे हैं। इससे अभिभावकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

छात्रों का रिजल्ट खराब आने से रो-रोकर बुरा हाल

स्कूल प्रबंधन की शिकायत करने वाले दिगंबर सिंह, अमित, मोहसिन सैफी, पूरन सिंह, रमेश पाल, सुधीर सिंह, वृजभान सिंह, सैय्यद फुरकान, मनीष कुमार, नवीन, सर्वण दास, अतवीर सिंह अभिभावक में शामिल संदीप कुमार ने बताया कि सभी के छात्र केवी में सुबह व शाम की पाली में पढ़ते हैं।

9 वीं व 11 वीं में पढ़ने वाले छात्रों का परीक्षा रिजल्ट (Exam Results) खराब आने से रो-रो कर बुरा हाल है। कुछ बच्चे तनाव की स्थिति में पहुंच गए है। अब सभी अभिभावक को डर लग रहा है कि उनका बच्चा कोई गलत कदम न उठा ले, क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के साथ भविष्य के साथ खिलवाड़ व भेदभाव किया है।

करीब 3 नंबर से सैकड़ों बच्चों को किया फेल

जो बच्चे पढ़ने में बहुत कमजोर थे, उन बच्चों को पास कर स्कूल प्रबंधन ने सांठगांठ कर पास कर दिया, सैकड़ों बच्चों को 3 नंबर से फेल किया गया है। इस साजिश में काफी शिक्षक संलिप्त हैं, ऐसे में स्कूल की पॉलिसी (Policy) और गाइडलाइन पर भी सवालिया निशान लगाया है। मांग की है कि जो भी गड़बड़ी हुई है, उसकी जांच निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए।

जिन बच्चों को स्कूल प्रबंधन सांठगांठ कर पास कर दिया है। उनकी पारदर्शी तरीके से एक बार फिर से परीक्षा होनी चाहिए। केवी सेक्टर 24 के प्रधानाचार्य खेमेंद्र टोडवाल (Khemendra Todwal) ने बताया कि मार्च में कक्षा 9 वीं व 11 वीं का परीक्षा परिणाम आया था। काफी संख्या में बच्चे फेल थे। सभी को सप्लीमेंट्री परीक्षा देने का अवसर दिया गया। अप्रैल माह के अंत में आए परीक्षा परिणाम में 200 के आसपास बच्चे फेल हैं।

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शिक्षक कॉपी दिखाने को नहीं हो रहे तैयार

अभिभावक संदीप (Sandeep) ने बताया सप्ताह भर पहले परीक्षा रिजल्ट घोषित किया गया। फेल होने वाले छात्रों और अभिभावकों की ओर से लगातार कॉपी दिखाने की मांग स्कूल प्रबंधन से की जा रही है लेकिन शिक्षक कॉपी दिखाने को तैयार ही नहीं हो रहे हैं। स्कूल जाने पर बरगलाया जा रहा है, शिक्षकों से बात करने पर स्टाफ की ओर से वीडियो बनाई जा रही हैं। प्रधानाचार्य को अवगत कराने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, अब प्रधानाचार्य की ओर से अब कोर्ट के माध्यम से कॉपी देखने की बात कह रहे है।

ग्रेडिंग के चक्कर में हुआ खेल

सूत्रों के मुताबिक 10 वीं व 12 वीं के परीक्षा परिणाम के आधार पर केंद्रीय विद्यालय (Central School) के शिक्षकों की ग्रेडिंग होती है। इसी के आधार पर इंक्रीमेंट व प्रमोशन किया जाता है।

परीक्षा रिजल्ट खराब होने पर शिक्षकों (Teachers) पर कार्रवाई भी होती है। खराब प्रदर्शन के जिम्मेदार शिक्षकों का तबादला तक कर दिया जाता है। इसी से बचने के लिए शिक्षक कक्षा 9 वीं व 11 वीं में हार्ड मार्किंग करते हैं। इससे कमजोर छात्र फेल होते हैं। छात्रों के इतनी संख्या में फेल होने का यह भी एक कारण हो सकता है।