पंजाब में AAP की सरकार..चंडीगढ़ में ‘आप’ का मेयर!

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Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हफ्तों से चला आ रहा चुनावी घमासान थम गया है। सु्प्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पिछले चुनाव में वोटों की गिनती दोबारा करने का आदेश दिया है। साथ ही, वोटिंग के बाद क्रॉस मार्क किए गए बैलेट पेपर को गिनती में शामिल करने का आदेश दिया है। बता दें कि सोमवार रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने अदालत में कबूल किया था कि उन्होंने बैलेट पेपर पर क्रॉस मार्क लगाया था। उन्होंने सफाई दी थी कि आम आदमी के मेयर प्रत्याशी बैलेट पेपर फाड़ना की कोशिश की, इस कारण उन्होंने पेपर पर निशान लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चंडीगढ़ में आम आदमी के मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अनिल महीने द्वारा अवैध किए आठ मतों को वैध मानने का फैसला किया है। पढ़िए पूरी खबर…
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एक दिन पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से पूछा- आपने बैलट पेपर्स पर एक्स का निशान क्यों लगाया। इस पर मसीह ने कहा कि उन्होंने 8 खराब बैलट पर निशान लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनिल मसीह पर अलग केस चलना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी को लगाई थी फटकार

चंडीगढ़ मेयर (Chandigarh Mayor) के लिए 30 जनवरी को वोटिंग हुई थी। यहां पहली बार इंडिया गठबंधन के अनुसार आप-कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा। जिसमें एक सांसद और 35 पार्षदों ने वोटिंग की। चंडीगढ़ में मेयर को चुनने के लिए स्थानीय सांसद भी वोट करता है। वोटिंग के बाद चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने रिजल्ट की घोषणा की।

जिसमें बीजेपी के कैंडिडेट मनोज सोनकर (Manoj Sonkar) को 16 वोट मिले। इनमें 14 पार्षद, साथ ही चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर और अकाली दल पार्षद के 1-1 वोट शामिल थे। आप के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षदों ने वोटिंग की थी, लेकिन उनके कैंडिडेट कुलदीप टीटा को 12 वोट ही मिले। चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन कैंडिडेट के 8 वोट इनवैलिड बताए थे। आप-कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मसीह ने इन पर निशान लगाकर इन्हें इनवैलिड किया।

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सुप्रीम कोर्ट में 5 फरवरी को सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने वह वीडियो भी देखा था, जिसमें चुनाव अधिकारी अनिल मसीह बैलट पेपर पर क्रॉस लगाते दिख रहे हैं। इसके बाद CJI ने कहा था- वीडियो से साफ पता चल रहा है कि चुनाव अधिकारी ने बैलट पेपरों को डीफेस्ड (खराब) किया। क्या ऐसे ही चुनाव कराए जाते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है। इस अफसर पर केस होना चाहिए।

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चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई थी। अब वह वीडियो सामने आया है, जिसे विपक्ष ने सोमवार यानी 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था। वीडियो में चुनाव अधिकारी अनिल मसीह बैलट पेपर पर टिक करने के बाद CCTV कैमरे को दिख रहे थे।