Rajasthan के सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के बुजुर्गों के लिए एक अनूठी पहल की घोषणा की है।
Rajasthan News: राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने प्रदेश के बुजुर्गों के लिए एक अनूठी पहल की घोषणा की है। बता दें कि अब 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को जरूरी दवाएं घर बैठे ही उपलब्ध कराई जाएंगी। यह सुविधा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद शुरू की जा रही है।

पायलट प्रोजेक्ट से होगी शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को पहले किसी एक जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा। इसके सफल होने पर इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना और उन्हें अस्पतालों के चक्कर लगाने की परेशानी से बचाना है।
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मोदी के संकल्प को मजबूत करने की पहल
सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ और समृद्ध भारत के संकल्प को मजबूत करने की दिशा में एक अहम प्रयास है। सरकार का लक्ष्य प्रदेश के हर गांव और ढाणी तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। इसी सोच के साथ राज्य सरकार ने अपने पहले बजट में 8.26 प्रतिशत बजट स्वास्थ्य क्षेत्र को आवंटित किया था।

स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में अब तक 6 करोड़ 20 लाख से अधिक आभा आईडी बनाई जा चुकी हैं, जिससे राज्य देशभर में दूसरे स्थान पर है। साथ ही, स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से 1 करोड़ 68 लाख से अधिक आभा लिंक्ड ई-हेल्थ रिकॉर्ड बनाए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण संबंधी कार्यों के लिए समयसीमा तय कर नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
RUHS को बनाया जाएगा RIMS
सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने यह भी घोषणा की कि राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) को एम्स दिल्ली की तर्ज पर राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना पर चरणबद्ध तरीके से 750 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
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RGHS योजना पर होगी सख्ती
सीएम शर्मा ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए संचालित आरजीएचएस (RGHS) योजना के दुरुपयोग पर रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी और धोखाधड़ी की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

