Patna News: बिहार सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसके तहत राज्य के 38 जिलों में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बालिका छात्रावास योजना को स्वीकृति दी गई है। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहित करना और उनका सशक्तिकरण करना है।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने इस योजना के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और 10+2 विद्यालयों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए 100 आसन वाले सावित्रीबाई फुले बालिका छात्रावासों के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को सुरक्षित और उच्चस्तरीय आवासीय सुविधा प्रदान कर उन्हें शिक्षा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। छात्रावासों में रहने वाली बालिकाओं को मुफ्त आवासन के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
इस योजना के तहत मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना में प्रत्येक छात्रा को ₹1000/- (एक हजार रुपये) मासिक अनुदान मिलेगा। इसके अतिरिक्त, खाद्यान्न आपूर्ति योजना के तहत प्रत्येक छात्रा को 09 किलो चावल और 06 किलो गेहूं निःशुल्क दिया जाएगा।
नए छात्रावासों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2025-26 तक पूरा किया जाएगा। प्रत्येक छात्रावास भवन के निर्माण पर ₹4,90,62,000/- की लागत आएगी, जिससे कुल ₹1,86,43,56,000/- (एक अरब छियासी करोड़ तैंतालीस लाख छप्पन हजार रुपये) की राशि व्यय होगी। भवन निर्माण विभाग द्वारा तकनीकी अनुमोदित प्राक्कलन और नक्शा के अनुसार इन छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा, और पांच वर्षों तक फर्निशिंग तथा रखरखाव की जिम्मेदारी भी इसी परियोजना के अंतर्गत होगी।
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बिहार सरकार सावित्रीबाई फुले जैसी महान समाज सुधारकों के आदर्शों से प्रेरित होकर बालिकाओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। मंत्रिमंडल का यह निर्णय बिहार सरकार की बालिका शिक्षा और महिलाओं के समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, ताकि बिहार की बेटियां राज्य और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।