Noida के ‘मेट्रो मैन’ डॉ. महेश शर्मा..मेट्रो कनेक्टिविटी के लिए की गई कोशिश रंग ला रही है

गाज़ियाबाद ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा

Jyoti Shinde, Editor,Khabrimedia.com

Noida: गौतमबुद्ध नगर के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा(Dr Mahesh Sharma) नोएडा के विकास के लिए हर मुमकिन कोशिशों में जुटे हैं। शहर हो या गांव लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए आसानी से ट्रांसपोर्ट मिल सके, बेहतर कनेक्टिविटी हो, इसे ध्यान में रखते हुए डॉक्टर महेश शर्मा ने कई कार्य किए हैं। इनमें सबसे अहम है नोएडा मेट्रो(Noida Metro)

आपको बता दें कि पीएम मोदी के निर्देश, सीएम योगी के सहयोग और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा(Dr Mahesh Sharma) के प्रयासों के बाद ही साल 2019 में नोएडा मेट्रो को रफ्तार मिल सकी। सांसद डॉक्टर महेश शर्मा के ही प्रयासों से लोगों को नोए़डा मेट्रो में नया नया बदलाव और सुधार भी देखने को मिल रहा है। जिससे लाखों नोएडा वासियों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि अब उन्हें नोएडा से दिल्ली जाने के लिए बसों के धक्के नहीं खाने पड़ते हैं।

दिल्ली-नोएडा के बीच की अहम कड़ी नोएडा मेट्रो

नोएडा मेट्रो दिल्ली और नोएडा के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक और आरामदायक परिवहन का साधन है। नोएडा मेट्रो का विस्तार भविष्य में नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

साल 2019 में, 5503 करोड़ रुपये की लागत से बनी नोएडा मेट्रो ने दिल्ली और नोएडा के बीच कनेक्टिविटी को पूरी तरह बदल दिया। पहले जहां सड़क से यात्रा करने में घंटों का समय बर्बाद होता था, तो वहीं मेट्रो के आ जाने से इस दूरी मिनटों में हो गई है। इसने न केवल यात्रियों का समय बचाया है, बल्कि यात्रा को भी अधिक आरामदायक और सुविधाजनक बना दिया है।

कब हुई थी नोएडा मेट्रो की शुरुआत

आपको बता दें कि NMRC परियोजना की नींव अक्टूबर 2014 में रखी गई थी। नोएडा मेट्रो का निर्माण दिसंबर 2014 के अंत तक शुरू किया गया था। अगस्त 2018 में ट्रायल रन शुरू हुआ और मेट्रो का उद्घाटन 25 जनवरी 2019 को हुआ। नोएडा मेट्रो को DMRC की ब्लू लाइन और NMRC की एक्वा लाइन के जरिए प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने की योजना है।

नोएडा मेट्रो के पहले चरण में 12 स्टेशन बनाए गए थे, जो दिल्ली के द्वारका सेक्टर 21 को नोएडा के सेक्टर 51 से जोड़ते थे। इस लाइन का निर्माण दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) द्वारा किया गया था। 

जिले में 21 मेट्रो स्टेशन

एनएमआरसी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच 29.707KM की लंबाई को तय करते हुए अपना कॉरिडोर खोला है और यह 26 जनवरी 2019 से शुरु है। 21 स्टेशनों में से 15 नोएडा और 6 ग्रेटर नोएडा में हैं। एनएमआरसी ने IGBC ग्रीन रेटिंग सिस्टम से एनएमआरसी के सभी 21 एलिवेटेड स्टेशनों के लिए “IGBC PLATINUM” रेटिंग मिली है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा वेस्ट डीपीआर को भी मंजूरी मिल गई है। उम्मीद है कि जल्द ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी मेट्रो दौड़ने लगेगी।

 नोएडा मेट्रो के फायदे

समय की बचत

नोएडा मेट्रो ने दिल्ली और नोएडा के बीच यात्रा का समय काफी कम कर दिया है। पहले जहां सड़क मार्ग से यात्रा करने में घंटो का समय लगता था वहीं अब मेट्रो से यह यात्रा मिनटों में पूरी हो जाती है।

आरामदायक यात्रा

नोएडा मेट्रो आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। इसमें वातानुकूलित डिब्बे, एस्केलेटर, लिफ्ट और सीसीटीवी कैमरे जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

पर्यावरण के अनुकूल

नोएडा मेट्रो एक पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन है। यह प्रदूषण को कम करने में मदद करती है।

आर्थिक विकास

नोएडा मेट्रो ने नोएडा के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसने नोएडा को दिल्ली के करीब ला दिया है, जिससे नोएडा में व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि हुई है।

नोएडा मेट्रो के निर्माण में प्रयोग की गई तकनीक

कट-एंड-कवर

यह सबसे आम तकनीक है, जिसमें मेट्रो लाइन के लिए भूमिगत सुरंगों का निर्माण किया जाता है।

एलिवेटेड

यह तकनीक उन क्षेत्रों में उपयोगी है जहां सड़कें संकरी हैं या भूमिगत निर्माण मुश्किल है।

अंडरग्राउंड

यह तकनीक उन क्षेत्रों में उपयोगी है जहां घनी आबादी है या पर्यावरणीय संवेदनशीलता है।

नोएडा मेट्रो में इस्तेमाल की गई तकनीकों के फायदे

सुरक्षित और कुशल यात्रा

कम प्रदूषण

कम यातायात जाम

बेहतर शहरी कनेक्टिविटी

आर्थिक विकास को बढ़ावा

नोएडा मेट्रो भारत में मेट्रो निर्माण के लिए एक आदर्श मॉडल है। इसमें इस्तेमाल की गई अत्याधुनिक तकनीकों ने इसे एक सुरक्षित, कुशल और पर्यावरण के अनुकूल यातायात साधन बना दिया है.

नोएडा मेट्रो से जुड़े तथ्य

नोएडा मेट्रो का निर्माण दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DMRC) द्वारा किया गया था। यह लाइन 30.9 किलोमीटर लंबी है और इसमें 21 स्टेशन हैं। इसका उद्घाटन 25 जनवरी 2019 को हुआ था। यह लाइन प्रतिदिन लगभग 3 लाख यात्रियों को ले जाती है।