बिहार के हाजीपुर में चाचा का क़िला भेज देंगे चिराग़? देखिए आजतक का हेलिकॉप्टर शॉट

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AajTak Hajipur News: बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट हर चुनाव में चर्चा में रहता है। हाजीपुर कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन 1977 के चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने सेंध लगाने में कामयाबी पाई थी। इसके बाद तो रामविलास पासवान और उनके परिवार का ही यहां झंडा लहराया। लेकिन 2019 के चुनाव में यहां स्थिति काफी अलग देखने को मिली। रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) और चाचा पशुपति पारस के बीच मतभेद दिखे। हालांकि, पिछला चुनाव पशुपति पारस ही जीते थे। बीजेपी अभी तक इस सीट पर खाता भी नहीं खोल पाई है।

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इस बार हाजीपुर (Hajipur) की जनता किसे जीत दे कर संसद भेजना चाहती है यहीं जानने के लिए आजतक की टीम सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप के साथ पहुंची हाजीपुर। आजतक का मंच तैयार था और उस मंच पर जनता के सवालों का जवाब देने के लिए मौजूद थे नेता। और फिर शुरू हुआ सवालों का सिलसिला।
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लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान इस बार हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चिराग पासवान का सीधा मुकाबला पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम से है।

पहला सवाल LJP(R) के प्रवक्ता हुआ तो जवाब आया कि भतीजे को जीतने को नहीं यह तो सीट हमारी जीती हुई है। हाजीपुर के लोग लोकतंत्र की पवित्र मिट्टी के हैं। इसकी पहचान देने वाले रामविलास पासवान जी, यहां के लोग राम और राम विलास दोनों पर आस्था रखने वाले लोग हैं। यहां हार और जीत की लड़ाई नहीं हैं यहां लड़ाई हार और जीत के अंतर को लेकर है। विपक्षी गठबंधन के लोग कह रहे हैं कि लोकतंत्र खतरे में है, आज यहां से पूरे देश को बताना चाह रहा हूं कि यहां से लोकतंत्र मजबूत होकर निकलेगा। यहां पर हमारी जीत बिहार की सबसे बड़ी जीत होगी।

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कांग्रेस की MLA ने कहा कि LJP(R) के प्रवक्ता कहते हैं कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) जीते हुए हैं और दूसरी तरफ कहते हैं कि लोकतंत्र की जननी है हाजीपुर। तो चुनाव होने दीजिए। न यह मेरी धरती है न उनकी धरती है यह लोकतंत्र की धरती है। पासवान परिवार को यही धरती आशीष देते रही तो आज अगर चिराग मैदान में बीजेपी के साथ हैं तो हार उनकी तय है। क्योंकि यहां की जनता बीजेपी का झूठ जान चुकी है। बीजेपी के लोग अपने किसी वादे पर खरे नहीं उतरे हैं।

जेडीयू के प्रवक्ता ने कहा कि जब हम सब यहां उनके चुनाव में आए हैं तो जीत तय है। मैं आपको दावे के साथ कह सकता हूं कि बिहार में सबसे बड़े अंतर से चिराग पासवान चुनाव जीत रहे हैं। इस धरती का नाम राम विलास पासवान जी ने रौशन किया है। एनडीए की कमान लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथ में हैं और बिहार में नीतीश कुमार के हाथ में है। ये लोग विकास करने वाले लोग हैं। बिहार में आज सड़के बिजली हर जगह पहुंच गई है। यह सब विकास को बताता है।

कांग्रेस (Congress) की विधायक ने कहा कि यहां कोई चैलेंज नहीं है। रही बात चिराग पासवान की तो उनका चुनाव निशान ही बताने के लिए काफी है कि यह पूंजीपतियों का चुनाव निशान है। यहां की जनता गरीबी झेल रही है। चिराग पासवान जी सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। चिराग पासवान ने कहा था कि उनको आरक्षण की जरूरत नहीं है तो फिर क्यों हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, उनको तो सामान्य सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।

इन सब पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी दुनिया के सबसे पापुलर व्यक्ति हैं। नरेन्द्र मोदी जी के प्रति लोगों को विश्वास बढ़ता जा रही है इसलिए विपक्षी गठबंधन कमजोर होता जा रहा है। लोग तीसरी बार नरेन्द्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाना चाह रहे हैं।

2019 का जनादेश

लोकसभा चुनाव 2019 में एलजेपी के पशुपति कुमार पारस 5,41,310 वोट हासिल किए थे। इस चुनाव में उनको जीत मिली थी तो वहीं आरजेडी के शिवचन्द्र राम 3,35,861 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दसई चौधरी 4,875 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

2014 का जनादेश

2014 में हुए लोकसभा चुनाव में एलजेपी के रामविलास पासवान 4,55,652 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज किए थे। कांग्रेस के संजीव प्रसाद टोनी 2,30,152 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे वहीं जेडी(यू) के राम सुन्दर दास 95,790 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।