क्या कहता है मुज़फ़्फ़रपुर का सियासी समीकरण..देखिए आजतक का हेलिकॉप्टर शॉट

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AajTak Muzaffarpur News: बिहार का मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में अपने महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश और दुनिया में लीची को लेकर प्रसिद्ध मुजफ्फरपुर की बात ही अलग है। मुजफ्फरपुर सीट से कभी दिग्गज नेता जॉर्ज फर्नाडिस सांसद हुआ करते थे। जॉर्ज फर्नाडीस (George Fernandes) ने 1989 और 1991 में सांसद बने थे।
यह जिला ऐतिहासिक रूप से भी काफी समृद्ध है। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म वैशाली के निकट बसोकुंड में लिच्छवी कुल में हुआ था। यह स्थान जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।

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मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट (Muzaffarpur Lok Sabha Seat) पर 1952 से 1971 तक कांग्रेस का कब्जा रहा। 1977, 1980 में जनता पार्टी की जीत हुई थी। 1989, 1991, 1996 में जनता दल ने जीत हासिल की। 1998 में आरजेडी की जीत हुई और 1999, 2004, 2009 में जेडीयू जीती थी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के परिणाम पर नजर डाले तो यहां से बीजेपी के उम्मीदवार अजय निशाद ने वीआईपी के राज भूषण चौधरी को 4 लाख से ज्यादा (4,09,988) वोटों से हराया था। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 का समीकरण पूरी तरह से बदल चुका है। बीजेपी ने अजय निशाद का इस चुनाव में टिकट काटा तो अजय निशाद कांग्रेस में शामिल होकर यहां से चुनावी मैदान में हैं। तो भारतीय जनता पार्टी ने इस बार राज भूषण चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) का सियासी समीकरण समझने के लिए आजतक की टीम सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप के साथ पहुंची मुजफ्फरपुर। आजतक की टीम जब यहां पहुंची तो तालियों से स्वागत हुआ और फिर शुरू हुआ सवालों कि सिलसिला। सवाल होते गए जवाब आए गए।

पहला सवाल महिलाओं से हुआ तो जवाब मिला कि चुनाव तो लोकतंत्र के लिए एक वरदान की तरह है, लेकिन सही प्रतिनिधि हैं जो राष्ट्रीय तत्वों के साथ विकास करें वो महत्वपूर्ण होता है। भरोसा उसी पर होता है जो विकास करे और सबको साथ लेकर चले इस बार मुजफ्फरपुर की जनता उसे वोट करेगी।

आजतक के इस कार्यक्रम में नरेन्द्र मोदी के निराला फैन भी दिखाई दिए। जो बेचते तो चाय हैं लेकिन अपने शरीर पर मोदी, जय हिन्द और स्वछता का संदेश लिखवाये थे। उन्होंने कहा कि मेरा सपना है मोदी जी को चाय पिलाना।

एक दूसरे व्यक्ति ने कहा कि वर्तमान सरकार ठीक काम कर रही है। बीजेपी सरकार ने अपने वादे भी पूरा किए हैं। फिर वह चाहे राम मंदिर हो या धारा 370। तो व्यक्ति ने कहा कि बीजेपी ने यहां अपना प्रत्याशी बदला लेकिन लोग मोदी को देख रहा हैं। सारे लोग विपक्षी जो एकजुट हुए हैं उनको आप खुद जानती हैं।

मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) की स्थिति को लेकर एक व्यक्ति ने शायरी के अंदाज में कहा कि “रहते रहते घर में घर हो जाते हैं। चलते चलते लोग सफर हो जाते हैं। राजनीति में कुछ लोगों की यह फितरत है, कभी इधर कभी उधर हो जाते हैं”।
कल तब जो अपराधी थे, नकारी थे लेकिन दल बदलते ही कैसे पवित्र हो जाते हैं यह समझ में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि यह बात सारे दलों पर एकदम फिट बैठती है। किसे वोट किया जाए यह एक बड़ा सवाल हो जाता है क्योंकि कभी प्रत्याशी इस पार्टी से आते हैं तो कभी पार्टी बदलकर दूसरे पार्टी से आ जाते हैं।

मुजफ्फरपुर और इसका सियासी समीकरण

मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) अपने शाही लीची के लिए यह जिला पूरी दुनिया में जाना जाता है। साहित्यकार देवकी नंदन खत्री, रामबृक्ष बेनीपुरी, जानकी वल्लभ शास्त्री और क्रांतिकारी खुदीराम बोस की यह स्थली रही है। जार्ज फर्नान्डिस और कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद जैसे नेताओं ने मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट सांसद रह चुके हैं।

2019 का जनादेश

2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के अजय निषाद ने जीत दर्ज की, उन्हें 6,66,878 वोट मिले थे। वहीं वीआईपी के राज भूषण चौधरी 2,56,890 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और एआईएफबी के अनिरुद्ध सिंह 2,543 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

2014 का परिणाम

मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर 2014 में हुए चुनाव में बीजेपी के अजय निषाद ने 4,69,295 वोट प्राप्त किए थे और जीत दर्ज की थी तो वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह थे जिन्हें 2,46,873 वोट मिले थे। जेडीयू के बीजेंद्र चौधरी 85,140 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे।