Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आज मंगलवार को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है।
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के डोडा (Doda) जिले में आज मंगलवार को बादल फटने (Cloud Burst) की घटना ने भारी तबाही मचाई है। बता दें कि थाथरी उप-मंडल में हुई इस प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) ने 10 से अधिक मकानों को नष्ट कर दिया, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिए हैं। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जम्मू क्षेत्र में हालात गंभीर बने हुए हैं, और प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
डोडा में बादल फटने से सैलाब
डोडा जिले के थाथरी उप-मंडल में बादल फटने से अचानक आए सैलाब ने भारी नुकसान पहुंचाया है। कम से कम 10 मकान पूरी तरह बह गए, जबकि कई अन्य क्षतिग्रस्त हो गए। स्थानीय निवासियों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा है, क्योंकि कई परिवारों का कीमती सामान और संपत्ति इस प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गई। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है। डोडा में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है, जिससे राहत कार्यों में चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
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शहरों और बाजारों में पानी
बादल फटने के बाद डोडा और आसपास के इलाकों में नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। तवी, व्यास, उझ, और रावी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों और बाजारों में पानी घुस गया है। वीडियो फुटेज में नदियों का तेज बहाव और जलमग्न सड़कें साफ दिखाई दे रही हैं। प्रशासन ने कई रास्तों को बंद कर दिया है ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे भी रामबन में भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
कटरा रेल सेवाएं ठप
कटरा-संगर रेलवे स्टेशन के बीच टनल नंबर 16 पर भूस्खलन के कारण रेल सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। मलबे ने रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया, जिससे ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। रेलवे टीमें ट्रैक को साफ करने और यातायात सामान्य करने में जुटी हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्रा शुरू करने से पहले ट्रेनों की स्थिति की जानकारी लें। भारी बारिश के कारण भदरवाह के ऐतिहासिक शिव मंदिर और पांडु गुफा मंदिर भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, और मंदिर के पुजारियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
हिमाचल और पंजाब में भी तबाही
जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश और पंजाब में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया है। हिमाचल में पिछले तीन दिनों से भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हो रही हैं, जिसके कारण 750 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं। मनाली में मनाली-लेह नेशनल हाईवे का एक बड़ा हिस्सा ब्यास नदी के तेज बहाव में बह गया, और एक रेस्टोरेंट सहित चार दुकानें भी नष्ट हो गईं। पंजाब में रणजीत सागर और भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण रावी, सतलुज, और ब्यास नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे सात जिले बाढ़ की चपेट में हैं। पठानकोट-जालंधर रेलवे रूट भी चक्की रेलवे पुल के नीचे मिट्टी धंसने से बंद कर दिया गया है, जिससे 90 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।
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प्रशासन का त्वरित राहत कार्य
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने डोडा में बादल फटने के बाद तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है, और नुकसान का आकलन करने के लिए टीमें तैनात की गई हैं। एसडीएम अरुण कुमार बड्या ने कहा कि पिछले 72 घंटों की भारी बारिश के कारण कुछ घरों में दरारें आ गई हैं, और 4-5 घर रहने योग्य नहीं रहे। प्रशासन की प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है, और इसके लिए सरकारी संस्थानों और अन्य सुरक्षित ठिकानों का उपयोग किया जा रहा है। आपातकालीन संपर्क नंबर 0191-2525542 और 0191-2571616 जारी किए गए हैं, जिससे लोग जरूरत पड़ने पर सहायता मांग सकें।

