Ice Cream: खाने-पीने के शौकीनों और हेल्थ के प्रति जागरूक लोगों के लिए एक बड़ी खबर आई है।
Ice Cream: खाने-पीने के शौकीनों और हेल्थ (Health) के प्रति जागरूक लोगों के लिए एक बड़ी खबर आई है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने कंपनियों को फूड लेबलिंग के मामले में सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब कोई भी कंपनी तब तक अपने उत्पाद पर ‘ओआरएस’, ‘आइसक्रीम’ (Ice Cream) या ऐसे किसी शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी, जब तक वह तय मानकों पर पूरी तरह खरी न उतरे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
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FSSAI की सख्ती
FSSAI ने साफ कहा है कि कई कंपनियां अपने उत्पादों को आकर्षक बनाने के लिए ‘ORS’ या ‘आइसक्रीम’ जैसे शब्दों का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। जबकि ये उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाला कदम है। इसलिए अब से जो उत्पाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तय मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे, उन पर ‘ORS’ शब्द का प्रयोग करना कानून का उल्लंघन माना जाएगा।

क्या है ORS और क्यों है इसका दुरुपयोग?
यूनिसेफ (UNICEF) के मुताबिक, ORS नमक-चीनी का ऐसा घोल होता है जो शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन), दस्त या हीट स्ट्रोक जैसी स्थितियों में दिया जाता है। लेकिन मार्केट में कई ड्रिंक कंपनियां अब अपने उत्पादों पर ‘ORS’ लिखकर बेच रही हैं, जबकि उनमें वैसी वैज्ञानिक संरचना नहीं होती। यही कारण है कि FSSAI ने अब इस पर रोक लगा दी है।
केवल ‘आइसक्रीम’ नहीं, और भी शब्दों पर लगेगी रोक
यह सख्ती सिर्फ ORS तक सीमित नहीं है। अब कंपनियां ‘आइसक्रीम’, ‘फ्रूट जूस’ या ‘डेजर्ट’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल तभी कर सकेंगी जब वे तय गुणवत्ता मानकों को पूरा करेंगी। यानी अब पैकेट पर लिखा हर शब्द मायने रखेगा, क्योंकि वही तय करेगा कि आप जो खा रहे हैं, वह वाकई हेल्दी है या नहीं।
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फूड लेबल पर कैसे खा जाते हैं धोखा?
हममें से कई लोग फूड लेबल को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही लेबल बताते हैं कि हम जो खा रहे हैं, वह असली है या नकली। FSSAI ने कुछ आम शब्दों के बीच के अंतर को लेकर भी चेतावनी दी है ताकि उपभोक्ता भ्रमित न हों।
क्रीम Vs क्रेम – दिखने में एक, पर फर्क बहुत बड़ा
पहली नजर में क्रीम और क्रेम एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन दोनों में बड़ा अंतर है। FSSAI के 2011 के नियम के मुताबिक, क्रीम एक मिल्क प्रोडक्ट है जिसमें कम से कम 25 प्रतिशत मिल्क फैट होता है और यह पूरी तरह दूध से बनता है। वहीं क्रेम या नॉन-डेयरी क्रीम में वेजिटेबल ऑयल का इस्तेमाल होता है।
यानी, आपके बचपन के ‘क्रीम बिस्कुट’ में असली दूध वाली क्रीम नहीं, बल्कि वेजिटेबल ऑयल बेस्ड नकली क्रीम होती थी। यह भले ही स्वाद में असली लगे, लेकिन कानूनन इसे ‘क्रीम’ नहीं कहा जा सकता।

आइसक्रीम Vs फ्रोजन डेजर्ट- असली कौन?
कई लोग आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट को एक ही समझ लेते हैं, जबकि दोनों अलग हैं। FSSAI के नियम 2.1.7 के मुताबिक, आइसक्रीम वही कहलाएगी जो मिल्क फैट से बनी हो यानी दूध की क्रीम या बटर का इस्तेमाल हुआ हो।
वहीं फ्रोजन डेजर्ट में दूध की जगह वेजिटेबल ऑयल या प्लांट बेस्ड फैट का इस्तेमाल किया जाता है। ये सस्ती होती हैं और लंबे समय तक स्टोर की जा सकती हैं, लेकिन असली आइसक्रीम नहीं मानी जातीं।
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FSSAI का अंतिम निर्देश
FSSAI ने कंपनियों को आदेश दिया है कि वे अपनी पैकिंग पर स्पष्ट रूप से लिखें कि उत्पाद ‘Frozen Dessert’ या ‘Frozen Confection’ है, जिससे ग्राहक धोखे में न रहें। अब हर उपभोक्ता को पैकिंग पढ़ने की आदत डालनी होगी- क्योंकि अब पैकिंग पर लिखा हर शब्द आपके सेहत की सच्चाई बताएगा।

