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Greater Noida से दिल्ली सिर्फ 30 मिनट में..वो भी बिना कार..बिना मेट्रो!

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Greater Noida: ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाले नौकरीपेशा लोगों के लिए एक शानदार खबर आई है।

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाले नौकरीपेशा लोगों (People) के लिए एक शानदार खबर आई है। अब गाजियाबाद से दिल्ली (Delhi) जाने का समय बहुत कम हो जाएगा, और वह भी बिना मेट्रो या कार के। बता दें कि, गाजियाबाद के नमो भारत स्टेशन पर एक नया को-वर्किंग स्पेस ‘मेट्रोडेस्क’ (MetroDesk) खोला जाएगा, जिससे पेशेवरों को अब अपनी यात्रा (Travel) को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होगी। इस को-वर्किंग स्पेस के उद्घाटन के बाद, गाजियाबाद से दिल्ली तक महज 10 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। पढ़िए पूरी खबर…
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‘मेट्रोडेस्क’ को-वर्किंग स्पेस खोलने की योजना

गाजियाबाद स्थित एनसीआरटीसी अब गाजियाबाद के नमो भारत स्टेशन पर ‘मेट्रोडेस्क’ (MetroDesk) को-वर्किंग स्पेस खोलने की योजना बना रहा है। यह पहल शहरी ट्रांजिट स्पेस को व्यवसायिक हब में बदलने की दिशा में एक अहम कदम है, जो नमो भारत नेटवर्क का हिस्सा होगा। यह को-वर्किंग मॉडल गाजियाबाद और आसपास के पेशेवरों, उद्यमियों और छोटे व्यवसायों के लिए उपयुक्त रूप से डिजाइन किया गया है।

मॉडर्न वर्किंग स्पेस सुविधाओं से लैस

नमो भारत स्टेशन (Namo Bharat Station) के कॉनकोर्स लेवल पर स्थित इस को-वर्किंग स्पेस में 42 ओपन वर्कस्टेशन, 11 निजी केबिन और 2 मीटिंग रूम होंगे, जहां एक समय में 42 पेशेवर और 11 कंपनियां काम कर सकेंगी। यहां हाई-स्पीड इंटरनेट, प्लग-एंड-प्ले वर्कस्टेशन, स्मार्ट लाइटिंग, जलवायु नियंत्रण, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेटअप जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जो पेशेवरों की कार्यक्षमता को बढ़ाएंगी।

आरआरटीएस स्टेशन पर कामकाजी स्पेस

यह को-वर्किंग स्पेस (Co-Working Space) गाजियाबाद-मेरठ मार्ग पर स्थित आरआरटीएस स्टेशन पर होगा, जो गाजियाबाद और मेरठ के बीच मुख्य ट्रांजिट हब बन चुका है। स्टेशन का स्थान गाजियाबाद के मेरठ तिराहा मोड़ और दिल्ली मेट्रो के शहीद स्थल नया बस अड्डा स्टेशन के पास होने के कारण यात्री यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।

इस को-वर्किंग स्पेस के लिए बायोमेट्रिक एंट्री और डिजिटल की-कार्ड्स का उपयोग होगा, जिससे स्मार्ट एक्सेस सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, यहां आरक्षण, मेंबरशिप प्रबंधन और कैशलेस लेनदेन के लिए समर्पित प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा।

स्मार्ट सुविधाओं के साथ कार्यक्षमता में वृद्धि

‘मेट्रोडेस्क’ को-वर्किंग स्पेस (Co-Working Space) को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) सेवाओं के साथ डिज़ाइन किया जाएगा। इसका मतलब है कि स्मार्ट लाइटिंग, स्वचालित जलवायु नियंत्रण, मीटिंग रूम की बुकिंग और अन्य सुविधाएं अपने आप काम करेंगी। यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, वायरलेस स्क्रीन शेयरिंग, और अन्य तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही, हॉट डेस्क, वेंडिंग मशीन और फीडबैक संग्रह के लिए क्यूआर-आधारित स्कैन-एंड-यूज़ विकल्प भी मिलेंगे।

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इस अत्याधुनिक को-वर्किंग स्पेस (Co-Working Space) के शुरू होने से गाजियाबाद और आसपास के पेशेवरों को उनके कामकाजी जीवन में और अधिक सुविधा मिलेगी और वे बिना किसी यात्रा की थकान के बेहतर तरीके से कार्य कर सकेंगे। यह नया कदम एनसीआर के शहरी परिवहन और कार्यक्षेत्रों के विकास में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।