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Ola, Uber और Rapido बाइक से चलने और चलाने वाले ये जरूरी खबर पढ़िए

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Ola, Uber और Rapido बाइक से चलने और चलाने वाले ये खबर आपके लिए है।

Ola-Uber-Rapido News: ओला-उबर और रैपीडो (Rapido) बाइक से चलने और चलाने वाले ये खबर आपके लिए है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ (v) में अब बाइक टैक्सी संचालन के लिए परमिट (Permit) लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम अवैध बाइक-टैक्सी (Bike-Taxi) की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए उठाया गया है। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि नए नियमों के अनुसार, बाइक टैक्सी (Bike Taxi) के परमिट के लिए 1350 रुपये की फीस का भुगतान करना होगा, और प्रत्येक सीट पर 600 रुपये का टैक्स भी निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, ओला, उबर, इन ड्राइव और रैपीडो जैसी कंपनियां अब निजी वाहनों के लिए अपना ऐप उपलब्ध नहीं करा पाएंगी, और निजी वाहन ऐप का उपयोग नहीं कर सकेंगे।

परिवहन विभाग को राजस्व का होगा फायदा

इस फैसले से अवैध बाइक-टैक्सी (Bike-Taxi) पर लगाम लगेगी और परिवहन विभाग को राजस्व का भी फायदा होगा। पहले चरण में 500 परमिट जारी किए जाने की तैयारी है। अभी शहर के अंदर ओला, उबर, इन ड्राइव और रैपिडो जैसी कंपनियों की बाइक टैक्सी चल रही हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर कमर्शियल नहीं हैं और इनका इस्तेमाल व्यावसायिक हो रहा है, लेकिन इसके बदले परिवहन विभाग को राजस्व नहीं मिल रहा है।

लोगों को मिलेगा रोजगार

संभागीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) की तरफ से बाइक टैक्सियों को परमिट देने में बाधा बन रही सीएनजी रिट्रोफिटमेंट की शर्त हटा देने से रास्ता साफ हो गया है। इस शर्त के हटने से बाइक टैक्सी के परमिट का आवेदन करने वाले वाहन माल‍िकों को आसानी से परमिट मिल जाएगा। साथ ही दोपहिया वाहन को बाइक टैक्सी के तौर पर चलाने के इच्छुक लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

भारत सरकार (Government of India) की गाइडलाइन के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों को पहले से ही परमिट से छूट मिली हुई है। ऐसे इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन इस दायरे में नहीं आएंगे। हालांकि इलेक्ट्रिक दो पहिया ऐसे वाहन जो बाइक टैक्सी के तौर पर संचालित होंगे, उन्हें अपना वाहन कमर्शियल में कन्वर्ट कराना होगा। पेट्रोल से संचालित दो पहिया वाहनों को परमिट लेना जरूरी होगा।

बता दें कि यूपी में साल 2018 में आयोजित की गई पहली इंवेस्टर समिट (Investor Summit) के दौरान बाइक टैक्सी की शुरुआत की गई थी। उस दौरान आरटीओ की ओर से बाइक टैक्सी के 750 परमिट स्वीकृत किए गए थे। इनमें 500 परमिट ओला, 200 परमिट उबर और 50 परमिट एक अन्य कंपनी के स्वीकृत हुए थे। आम जनता को यातायात जाम से निजात दिलाने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के मकसद से सीएनजी बाइक टैक्सी को सड़क पर उतारा गया था।

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बाइक टैक्सी को परमिट देना आसान

बाइक टैक्सी (Bike Taxi) की शुरूआत के दौरान इसमें कई अहम शर्तें भी जोड़ी गई थीं। इसके तहत बाइक टैक्सी को 6 माह में सीएनजी में कन्वर्ट किया जाना था। लेकिन आईकैट से मंजूरी न मिलने से इनका कन्वर्जन सीएनजी में नहीं हो सका। उस दौरान सिर्फ 18 परमिट स्वीकृत हुए थे, जो शर्त पूरी न कर पाने के चलते निरस्त हो गए थे। अब आरटीए ने इस शर्त को हटा देने से बाइक टैक्सी का परमिट देना आसान हो गया है।