Punjab News: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली की एक और तस्वीर देखिए

पंजाब

Punjab News: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली की एक और हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। आपको बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) के अधिकारी अनिल मसीह (Anil Masih) की एक और तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में वह मेयर चुनाव के दिन भाजपा (BJP) उम्मीदवार को मेयर घोषित करने के बाद बैलट पेपर के साथ असेंबली हॉल से बाहर निकल रहे हैं।

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इसको लेकर विपक्ष के नेता आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा ने बैलट पेपर सील किए बिना लगभग 10 मिनट तक मेयर ऑफिस में रखा। यहां बैलट पेपरों से छेड़छाड़ हुई। इसके बाद सील कर उन्हें ट्रेजरी ऑफिस भेजा।

यह तस्वीर 30 जनवरी की है। तस्वीर में दिख रहा है कि मेयर की कुर्सी पर मनोज सोनकर बैठे हैं और असेंबली में हंगामा हो रहा है। विपक्षी पार्षदों ने अनिल मसीह से बैलट पेपर छीनने की कोशिश की है। इसके बाद मसीह हॉल में मौजूद मार्शल और बीजेपी पार्षदों की सहायता से बैलट पेपर लेकर निकल गए। कॉरिडोर से होते हुए वह मेयर ऑफिस पहुंच तक गए। बता दें कि कॉरिडोर सीधा मेयर ऑफिस में जाकर जुड़ता है।

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जानिए नियम क्या कहता है

कानून के जानकारों का कहना है कि नियम के मुताबिक नतीजे की घोषणा के तुरंत बाद पार्षदों और निगम की जॉइंट कमिश्नर ईशा कंबोज की मौजूदगी में असेंबली हॉल में मत पत्रों को सील करना चाहिए। रिटर्निंग ऑफिसर मत-पत्रों को असेंबली हॉल से किसी भी हाल में बाहर लेकर नहीं जा सकते हैं।

चंडीगढ़ DC विनय प्रताप सिंह को भी परिणाम घोषित होने और मत-पत्रों के सील होने तक असेंबली हॉल में ही रहना चाहिए था, लेकिन वह भी पहले ही असेंबली हॉल से बाहर निकल चुके थे। चुनाव का परिणाम उनकी अनुपस्थिति में ही घोषित किया गया।

आप का आरोप चुनाव में धांधली हुई


चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के सह-प्रभारी एसएस अहलूवालिया ने कहा कि भाजपा ने मेयर चुनाव में साफ तौर पर धांधली की है। पहले रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह वोटों के साथ छेड़छाड़ करते हुए देखे गए थे। भाजपा के पार्षद उनके ऊपर से कैमरा को हटाते हुए भी वीडियो में दिखे थे। अब अनिल मसीह को वोटों को असेंबली हॉल से बाहर ले जाते हुए देखा जा सकता है।

उन्हें मत पत्रों को कैमरे से दूर ले जाने की क्या आवश्यकता हुई। यह तो वही जानते हैं, लेकिन लोकतंत्र में ऐसा नहीं हो सकता। किसी गलत मंशा से ही वह मत पत्रों को असेंबली हॉल से दूर कैमरे की नजर से भी दूर ले गए।

डिप्टी मेयर को मिल सकता है कार्यकारी मेयर का पद

चंडीगढ़ मेयर चुनाव के ही दिन से हंगामा हो रहा है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत न मिलने से विपक्षी गठबंधन के मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा की ओर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मेयर को किसी भी प्रकार की कोई बैठक और निगम के काम करने पर रोक लगा दी है। ऐसे में नगर निगम का पूरा कामकाज ठप पड़ा हुआ है।

विशेषज्ञों के अनुसार अगली सुनवाई पर कोई फैसला नहीं होता है, तो निगम का कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू को मेयर का काम दिया जा सकता है। इससे पहले भी एक बार 5 महीने के लिए निगम के डिप्टी मेयर शरण सिंह काला को कार्यकारी मेयर बनाया गया था।

आपको बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी को खूब फटकार लगाई थी। अब वह वीडियो सामने आया है, जिसे विपक्ष ने सोमवार यानी 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था। वीडियो में चुनाव अधिकारी अनिल मसीह बैलट पेपर पर टिक करने के बाद CCTV कैमरे की तरफ देख रहे हैं।

इसी वीडियो को देखने के बाद CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये साफ है कि बैलट पेपर के साथ छेड़छाड़ हुई है। क्या इस तरह से चुनाव होता है? चुनाव अधिकारी पर केस होना चाहिए, ये कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं और फिर किसी भगोड़े की तरह भाग क्यों रहे हैं?