ये है मोदी मैजिक..जिन्होंने रुकवाई थी रूस-यूक्रेन जंग

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PM Modi: रूस-यूक्रेन जंग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि भारत दौरे पर आए यूक्रेन के विदेश मंत्री (Foreign Minister of Ukraine) दिमित्रो कुलेबा (Dmytro Kuleba) ने युद्ध की शुरुआत में भारतीय छात्रों की वापसी को लेकर बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के दखल के कारण रूस-यूक्रेन युद्ध कुछ समय के लिए रुक गया था। कुलेबा ने इस बात का खुलासा तब किया है जब भारत में कई विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी (BJP) के ऐसे ही एक विज्ञापन पर सवाल उठाए थे।

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उस विज्ञापन में यह दावा किया जा रहा था कि पीएम मोदी के कहने पर रूस-यूक्रेन युद्ध रुक गया था। कुलेबा ने भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (NSA Ajit Doval) के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। बताया जा रहा है कि कुलेबा रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) में भारत की मध्यस्थता का प्रस्ताव लेकर नई दिल्ली पहुंचे हैं।

जानिए क्या कहा यूक्रेन के विदेश मंत्री ने

यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने एक नेशनल चैनल के साथ एक इंटरव्यू में बताया कि हम विदेशी छात्रों के जाने के लिए विशेष गलियारों और विशेष प्रकार की खिड़कियों (युद्ध विराम) की व्यवस्था करने में सफल हुए थे। मैं और हर कोई इसमें शामिल था, जिसमें शीर्ष नेताओं से लेकर (विभिन्न देशों के प्रधानमंत्री), भारत के पीएम और मेरे राष्ट्रपति से लेकर सीमा रक्षक तक शामिल थे। सैनिक वास्तव में छात्रों को जाने दे रहे थे।

यूक्रेन चाहता है भारत की मध्यस्थता

आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति चुनाव में व्लादिमीर पुतिन को जीत दर्ज करने पर बधाई दी थी। उसी दिन पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से भी फोन पर बात की थी। पीएम मोदी ने हर मौके पर युद्ध को छोड़ बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है। यूक्रेन जानता है कि अगर कोई देश पूरी ईमानदारी के साथ रूस पर संघर्षविराम का दबाव बना सकता है तो वह भारत ही है। चीन पर यूक्रेन और उसके साथी पश्चिमी देशों को भारत के बराबर भरोसा नहीं है। वहीं, भारत पर पश्चिमी देशों और रूस दोनों को भरोसा है। ऐसे में अगर भारत कोशिश करता है तो पूर्वी यूरोप में युद्ध बंद हो सकता है और शांति आ सकती है।

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जानिए कैसे हैं यूक्रेन के साथ भारत के संबंध

बता दें कि यूक्रेन एक पूर्व सोवियत का ही देश है। ऐसे में यूक्रेन की स्थापना के बाद से भारत के साथ उसके कोई खास संबंध नहीं रहे हैं। इसकी वजह रूस भी है। भारत ने रूस के आगे किसी भी दूसरे सोवियत देश को उतना महत्व कभी नहीं दिया है। इस बीच यूक्रेन भी भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान का करीबी बन गया। पाकिस्तान ने यूक्रेन से टैंकों की खरीदा। इसके साथ ही एयरक्राफ्ट और शिप इंजन को लेकर भी दोनों देशों के बीच पुराना समझौता है। इन रक्षा संबंधों ने भी भारत को यूक्रेन से दूर कर दिया था। लेकिन, अभी भारत के यूक्रेन के साथ रिश्तों में काफी सुधार आया है। जी7 की बैठक के दौरान जापान में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने पीएम मोदी से मुलाकात भी की थी।