New Rule: अगर आप खराब क्वालिटी के बर्तन या कुकवेयर बेचते हैं या उनका इस्तेमाल करते हैं, तो अब सतर्क हो जाइए।
New Rule: अगर आप खाने-पीने के उत्पादों के निर्माण या बिक्री से जुड़े हैं और घटिया बर्तन या कैन का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बड़े और मध्यम आकार की खाद्य व पेय पदार्थ कंपनियों को निर्देश दिया है कि 1 अक्टूबर 2025 से वे कुकवेयर, बर्तन और कैन के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCO) का अनिवार्य पालन करें। यह फैसला उपभोक्ताओं की सुरक्षा और उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के मकसद से लिया गया है।

किन उत्पादों पर लागू होगा QCO
आपको बता दें कि QCO केवल बर्तनों तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य उत्पादों पर भी लागू होता है। इसमें स्मार्ट मीटर, फुटवियर, खिलौने, कुकिंग बर्तन, फायर एक्सटिंग्विशर, सेफ्टी ग्लास, वेल्डिंग रॉड और मकान बनाने के सामान शामिल हैं। सरकार का मकसद इन सभी उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना है।
उद्यमों के लिए चरणबद्ध टाइमलाइन
सरकार ने QCO लागू करने की समयसीमा को व्यवसायों के आकार के आधार पर चरणबद्ध किया है। बड़े और मध्यम उद्यमों के लिए यह नियम 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा, जबकि छोटे उद्यमों को जनवरी 2026 और मझोले उद्यमों को अप्रैल 2026 से इसका पालन करना होगा। निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को इस नियम से छूट दी गई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कोई प्रभाव न पड़े।
छोटे खिलाड़ियों को राहत
DPIIT ने छोटे और मझोले उद्यमों को राहत दी है। यदि कोई उद्यम ‘उद्यम’ पोर्टल पर रजिस्टर्ड है और उसके प्लांट व मशीनरी में निवेश 25 लाख रुपये से कम है तथा पिछले वित्त वर्ष का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से कम है, तो उसे नियमों का पालन करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा। इसका मकसद छोटे व्यापारियों पर बोझ कम करना है।
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QCO का उद्देश्य क्या है?
QCO यानी क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विशेष उत्पाद तय गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरे उतरें। यह नियम निर्माण, उत्पादन और आयात सभी पर लागू होते हैं। इससे भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।
बदली गई टाइमलाइन
पहले यह नियम 1 सितंबर 2024 से लागू होना था, लेकिन बाद में इसे 1 अप्रैल 2025 तक टाल दिया गया। अब नए नोटिफिकेशन के अनुसार बड़े और मध्यम उद्यमों को 1 अक्टूबर 2025 से QCO का पालन करना होगा, जबकि छोटे उद्यम जनवरी 2026 और मझोले उद्यम अप्रैल 2026 से इन नियमों के दायरे में आएंगे।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट को छूट
सरकार ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) करने वाली कंपनियों को भी छूट दी है। ऐसे निर्माता 200 यूनिट तक कुकवेयर, बर्तन और कैन का उत्पादन या आयात बिना QCO नियमों के कर सकेंगे।
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ऊंचे टैरिफ और आयात पर राहत
इस पहल का मकसद भारत में घरेलू निर्माण की गुणवत्ता और इनोवेशन को बढ़ावा देना है जिससे देश ऊंचे टैरिफ वाले वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा कर सके। DPIIT ने कुछ खास रियायतें भी दी हैं, जैसे पाउडर, अर्ध-ठोस, तरल या गैस से भरे कैन के आयात पर। इससे आयात-निर्भर कंपनियों पर नियामक बोझ कम होगा।

