New Delhi: दिल्लीवासियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। अब पेंशन केंद्रों पर सस्ती दवाएं मिलेगी।
New Delhi News: दिल्लीवासियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। अब पेंशन केंद्रों (Pension Centers) पर सस्ती दवाएं (Affordable Medicines) मिलेगी। बता दें कि दिल्ली नगर निगम (MCD) ने पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत योजना की घोषणा की है। MCD जन औषधि केंद्रों के साथ साझेदारी में अब शहर भर के पेंशन केंद्रों पर कम लागत वाली जेनेरिक दवाएं (Generic Medicines) उपलब्ध कराएगा। पढ़िए पूरी खबर…
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पेंशन केंद्रों पर मिलेगी सस्ती दवाएं
एमसीडी पेंशनर केंद्रों (MCD Pensioner Centres) पर पेंशनभोगी आवश्यक सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, जैसे जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करना और नगर निगम पेंशनर स्वास्थ्य योजना (MPHS) के तहत स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्राप्त करना। पेंशनभोगियों की संख्या में वृद्धि और बाजार मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए, अगले दो वर्षों में इस योजना से 20,68,53,934.40 रुपये के व्यय का अनुमान है।
अस्पताल प्रशासन विभाग ने जन औषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra) संचालकों और पेंशन केंद्रों के पास स्थित विक्रेताओं से पैनल में शामिल होने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) आमंत्रित की है। इन विक्रेताओं को जन औषधि दवाएं आपूर्ति करने के लिए एक समझौता करना होगा, जो कि एमसीडी के सभी 12 क्षेत्रों में वितरित पेंशन केंद्रों को कवर करेगा।
दिल्ली में 37 पेंशन केंद्रों का विस्तार
दिल्ली में कुल 37 पेंशन केंद्र (Pension Center) हैं, जो विभिन्न जोनों में फैले हुए हैं- सेंट्रल जोन (3 केंद्र), सिटी एसपी जोन (5 केंद्र), सिविल लाइंस जोन (2 केंद्र), करोल बाग जोन (3 केंद्र), केशवपुरम जोन (5 केंद्र), नजफगढ़ जोन (2 केंद्र), नरेला जोन (4 केंद्र), रोहिणी जोन (2 केंद्र) और अन्य क्षेत्रों में शेष केंद्र स्थित हैं।
EOI के तहत विक्रेताओं को क्या करना होगा?
MCD ने विक्रेताओं को 25 मार्च तक ऑनलाइन या MCD कार्यालय में अपने प्रस्ताव जमा करने के लिए कहा है। चुने गए विक्रेताओं के साथ एक औपचारिक समझौता किया जाएगा, जिसके तहत वे दवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करेंगे।
टाइम पर डिलीवरी न होने पर विक्रेताओं पर लगेगा जुर्माना
यदि विक्रेता टाइम पर दवाएं नहीं पहुंचाते हैं, तो उन पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा। एक महीने में लगातार 3 बार समय पर दवाएं न देने पर प्रतिदिन 5 हजार रुपये का जुर्माना, आंशिक आपूर्ति पर 2 हजार रुपये और विलंबित डिलीवरी पर 1 हजार रुपये का जुर्माना होगा।
इस योजना के तहत, विक्रेताओं (Sellers) को आपूर्ति की गई दवाओं की शेल्फ लाइफ कम से कम आधी होनी चाहिए। इसके साथ ही विक्रेताओं को बैच नंबर, मात्रा और जीएसटी विवरण सहित विस्तृत चालान प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
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MCD के मुताबिक, दवा आदेशों की कोई न्यूनतम मात्रा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, क्योंकि खरीद एमसीडी की मौजूदा फार्मेसियों में स्टॉक की उपलब्धता पर निर्भर करेगी। इस समझौते की प्रारंभिक अवधि दो साल के लिए तय की गई है, लेकिन इसे आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है।