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Holastak: होली तक घर में बिल्कुल न करें ये 5 काम, नहीं तो…!

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Holastak: होली तक न करें भूलकर भी ये 5 काम, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान

Holastak: सनातन धर्म में होली का पर्व बहुत ही शुभ माना गया है। पूरे देश भर में होली (Holi) का पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। विदेशों में भी इस पर्व की धूम देखने को मिल जाती है। होली से ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक (Holastak) लग जाता है। इन आठ दिनों के दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कामों को करने पर रोक रहती है। आपको बता दें कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (7 मार्च) से होलाष्टक (Holastak) शुरू हो गया है, जो फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima) यानी होलिकी दहन (Holiki Dahan) के दिन समाप्त होंगे। होलाष्टक काफी कष्टकारी माना जाता है, क्योंकि इन दौरान 8 ग्रह ज्यादा ही उग्र रहते हैं। ऐसे में उनका दुष्प्रभाव सभी पर देखने को मिलता है, जिससे बनते हुए काम भी बिगड़ सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से 8 ग्रह होते हैं उग्र और होलाष्टक के दौरान किन कामों को करने की है मनाही…

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होलाष्टक के दौरान उग्र रहते हैं ये ग्रह

7 मार्च से लेकर 14 मार्च 2025 तक होलाष्टक रहेगा और हर एक दिन किसी न किसी ग्रह से संबंधित है। होलाष्टक में पहले दिन चंद्रमा, दूसरे दिन सूर्य, तीसरे दिन न्यायाधीश शनि, चौथे दिन शुक्र, पांचवें दिन गुरु बृहस्पति, छठे दिन युवराज बुध, सातवें दिन मंगल और आठवें दिन पापी ग्रह राहु उग्र अवस्था में रहते हैं।

होलाष्टक पर उग्र ग्रहों को शांत करने का उपाय

अगर आपकी भी कुंडली में किसी भी प्रकार का ग्रह दोष है तो उसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए कोई न कोई उपाय अवश्य करना चाहिए। इस दौरान ग्रहों से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए। साथ में भगवान श्री विष्णु, शंकर जी का पूजा करने के साथ ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें और नवग्रह पीड़ादायक स्त्रोत का पाठ करने से लाभ मिलेगा।

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होलाष्टक के दौरान भूलकर भी न करें ये काम

शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि होलाष्टक के दौरान हिंदू धर्म (Hinduism) में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य (Maangalik Kaary) वर्जित रहते हैं। मुंडन, कर्णवेध और नामकरण जैसे संस्कार पर भी रोक रहेगी।

इस दौरान नई दुकान या कारोबार का शुभारंभ करने से भी बचें। इस तरह के जरूरी कार्य होलाष्टक या खरमास से पहले निपटा लें।

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होलाष्टक में घर का निर्माण, गृह प्रवेश, व्हीकल या प्रॉपर्टी (Property) बेचना या खरीदना भी वर्जित है। इस दौरान शुभ कार्यों को प्रारंभ करने से बचें।

होलाष्टक में भूलकर भी यज्ञ और हवन जैसे कार्य नहीं करने चाहिए। कहते हैं कि इस अवधि में किए गए यज्ञ-हवन का पर्याप्त फल नहीं मिलता है।

होलाष्टक के दौरान नवविवाहितों को मायके में ही रहना चाहिए। होलिका दहन के बाद ही ससुराल जाना चाहिए।

होलाष्टक के दौरान सोने चांदी के गहने भी नहीं खरीदना चाहिए।

Disclaimer: यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसकी विषय सामग्री का ख़बरी मीडिया हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता है।