Noida-ग्रेटर नोएडा के लिये अच्छी खबर..खुल गया ये अंडरपास

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Noida News: नोएडा-ग्रेटर-नोएडा के लिये अच्छी खबर सामने आ रही है। अब उन्हें जाम का ज्यादा सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि नोएडा 96 से सेक्टर 126 अंडरपास खुलने से 5 किलोमीटर की दूरी कम होगी और ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) से भी मुक्ति मिलेगी। 2 महीने से बनकर तैयार अंडरपास (Underpass) को नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम ने हरी झंडी दिखा दी। पढ़िए पूरी खबर…

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नोएडा और ग्रेटर नोएडा (Noida and Greater Noida) के लोगों के लिए ये अंडरपास खुल गया है। इससे 5 किलोमीटर की दूरी कम होगी और ट्रैफिक जाम से भी मुक्ति मिलेगी। यह अंडरपास दो महीने पहले से बनकर तैयार है।

5 किलोमीटर की दूरी कम होगी, जाम से भी मुक्ति

नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे (Noida-Greno Expressway) पर सेक्टर-96-126 के बीच बना अंडरपास आज से वाहनों के लिए खोल दिया गया है। यह 2 महीने से बनकर तैयार है। इस अंडरपास का ट्रायल पहले ही हो चुका था। अंडरपास के शुरू होने से नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ बसें एक दर्जन से अधिक सेक्टरों के लोगों का करीब 5 किलोमीटर का चक्कर बचेगा और जाम की समस्या दूर होगी।

दोनों तरफ के निवासियों को होगा फायदा

इस अंडरपास (Underpass) को करीब 99 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसके शुरू होने से सेक्टर-44, 45, 46, 48, 96, 97, 98, 99 के निवासियों को दिल्ली की तरफ जाने और सेक्टर-124, 125, 126, 127, 128, रायपुर (Raipur), छलेरा, बख्ताबरपुर नंगला समेत कई सेक्टर-गांवों में आने जाने वालों को फायदा मिलेगा।

फिलहाल दोनों तरफ के सेक्टर व गांव में रहने वाले लोग करीब 2.5 किलोमीटर आगे बने अंडरपास से आते जाते हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में 2 अंडरपास की शुरूआत हुई थी। जिसमें सेक्टर-152 और सेक्टर-142 का अंडरपास है।

इस तकनीक से बना ये अंडरपास

अंडरपास को बॉक्स पुशिंग (Box Pushing) तकनीक से बनाया गया है। इस तकनीक के तहत एक्सप्रेसवे के ऊपर ट्रैफिक चलता रहता है और नीचे अंडरपास के कंक्रीट के बने बॉक्स मशीन से मिट्टी की कटाई कर रख दिए जाते हैं। इसी तकनीक पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हुई थी।

वहीं जनवरी साल 2023 तक काम भी इसी तकनीक (Technique) पर हुआ। इस तकनीक के तहत नोएडा से ग्रेटर नोएडा की ओर जाते समय बॉक्श पुशिंग के तहत ही अंडरपास का काम किया हुआ है। लेकिन लगातार गड्ढे होने और जाम लगने पर ग्रेनो से नोएडा की तरफ आते समय इसका काम सड़क खोदकर किया गया।