पंजाब के पास रहेगा शानन पावर प्रोजेक्ट: SC ने हिमाचल सरकार को भेजा नोटिस

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Shanan Hydropower House Project: पंजाब के पास शानन पावर प्रोजेक्ट रहेगा। एससी (SC) ने हिमाचल सरकार (Himachal Government) को नोटिस भेजा। पंजाब-हिमाचल के शानन हाइड्रो पावर हाउस प्रोजेक्ट में अब केंद्र सरकार की एंट्री हो गई है। प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज 2 मार्च को समाप्त हो गई। हिमाचल सरकार प्रोजेक्ट (Project) का नियंत्रण अपने हाथों में लेने के प्रयास कर रही है। अब केंद्र सरकार (Central Government) ने स्टेस क्यू देते हुए इसका काम पंजाब सरकार के हाथ में रहने के लिए हिमाचल को खत लिख दिया है। वहीं पंजाब सरकार की मामले में तत्काल सुनवाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल को नोटिस (Notice) भेजा है। पढ़िए पूरी खबर…
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चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पीठ ने बीते सोमवार इस मामले पर विचार किया। सुप्रीम कोर्ट ने SC नियमों के नियम 1 आदेश 27 के तहत समन जारी करने के लिए कहा है। वहीं स्पष्ट किया कि अंतरिम राहत प्रार्थना पहले सुनी जाएगी।

वहीं हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि भारत सरकार से एक चिट्ठी आई है। इसमें कहा गया है कि शानन बिजली प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल अभी कोई सख्त कदम न उठाए। पंजाब सरकार इसके लिए सुप्रीम कोर्ट चली गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार से भी संवाद स्थापित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में भी हिमाचल सरकार अपनी बात रखेगी। यदि अन्य विकल्प बंद हुए तो लीगल लड़ाई ही इस बारे में लड़ी जाएगी।

सीनियर वकील शादान फरासत ने पंजाब सरकार के पक्ष को सुप्रीम कोर्ट में उठाया। फरासत ने कहा कि शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 99 साल की लीज समाप्त हो गई है। यदि मामले को तत्काल नहीं उठाया गया, तो हिमाचल प्रदेश सरकार इस परियोजना को अपने हाथ में ले लेगी।

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आर्टिकल 131 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट पंजाब सरकार पहुंची

पंजाब सरकार (Punjab Government) ने संविधान के आर्टिकल 131 के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार और केंद्र के खिलाफ ये मुकदमा दायर किया है। पंजाब सरकार ने तर्क दिया है कि शानन पावर हाउस प्रोजेक्ट और उसके एक्सटेंशन प्रोजेक्ट अभी पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के माध्यम से पंजाब सरकार के नियंत्रण में हैं।

पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एक परमानेंट प्रोहिबिट्री इंजेक्शन (न्यायालय द्वारा दिए जाने वाला आदेश, जो किसी भी पक्ष को एक तरह का जस का तस स्टेट्स बनाए रखने का निर्देश देता है।) जारी करने का भी आग्रह किया। जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार को निर्देश देने के लिए मांग की है कि वे अपने प्रबंधन और नियंत्रण से परियोजना को अपने हाथ में लेने के लिए किसी भी अधिकारी या टीम को तैनात न करें।

जानिए कहां है शानन प्रोजेक्ट?

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पालमपुर से 40 किमी दूर जोगिंदरनगर में शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (Shanan Hydro Power Project) 1925 में बनाया गया था। तत्कालीन मंडी राज्य के शासक व राजा जोगिंदर सेन और ब्रिटिश प्रतिनिधि कर्नल बीसी बैटी के बीच लीज के अनुसार समझौता किया गया था।

शुरुआत में ये परियोजना आजादी से पहले अविभाजित पंजाब, लाहौर और दिल्ली को पानी देती थी। कहा जाता है कि इस प्रोजेक्ट की स्थिति अब खराब है, क्योंकि पंजाब सरकार ने हिमाचल प्रदेश से विवाद के बाद मरम्मत और रख-रखाव का काम रोक दिया है।

हिमाचल सरकार के प्रयास जारी

बीते दिनों ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने केंद्र के साथ इस मुद्दे को उठाया था। परियोजना की स्थिति खराब होने से पहले इसे तुरंत हिमाचल प्रदेश में स्थनांतरित करने की मांग की थी। सुक्खू ने कहा था कि शानन पावर हाउस हिमाचल के क्षेत्र में स्थित है, इसलिए इस परियोजना पर राज्य का पूरा अधिकार है।

उन्होंने कहा था कि वर्ष 1966 में राज्य के पुनर्गठन के बाद जब यह परियोजना पंजाब को दी गई। तो हिमाचल प्रदेश के साथ अन्याय हुआ, क्योंकि उस समय हिमाचल प्रदेश एक केंद्र शासित प्रदेश था।