Ghaziabad News: इंदिरापुरम समेत इन सोसायटी का हैंडओवर देगा GDA..

गाज़ियाबाद दिल्ली NCR

Ghaziabad News: गाजियाबाद के लोगों के लिए खुश कर देने वाली खबर है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम (Indirapuram) समेत इन सोसायटी के लोगों को जल्द ही दो जगह देने वाले टैक्स से राहत मिलने वाली है। आपको बता दें कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण यानी GDA को अब इंदिरापुरम समेत अपनी सभी 7 योजनाओं को 2 महीने के अंदर नगर निगम को हैंडओवर करना होगा। पिछले दिनों आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव (Additional Chief Secretary) नितिन रमेश गोकर्ण ने साल 2023-24 का लक्ष्य तय किया। जिसमें जीडीए (GDA) को लक्ष्य दिया गया था कि वह अपनी 7 योजनाओं को अगले दो महीने के अंदर निगम को हैंडओवर कर दें। फिलहाल जीडीए इस लक्ष्य के क्रम में तेजी से काम शुरु कर दिया है।
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उम्मीद की जा रही है कि जीडीए अपनी सभी 7 योजनाओं को क्रमबद्ध तरीके से निगम को हैंडओवर करेगा। लेकिन इसमें सबसे अधिक समस्या यहां आ रही है कि निगम जितने पैसे की डिमांड कर रहा है। जीडीए उस डिमांड को पूरा कर नहीं पा रहा है। जिसके कारण से यह मामला अधर में ही फंस सकता है। फिलहाल अब देखना यह है कि शासन की तरफ से आए लक्ष्य को पूरा करने के लिए जीडीए कैसे अपनी सातों योजनाओं को अगले दो महीने के अंदर निगम को हैंडओवर करता है।

जीडीए की 7 योजनाएं

जीडीए की 7 योजनाएं, जिसकी वह अभी खुद मेंटिनेंस कर रहा है। इसमें इंदिरापुरम योजना (Indirapuram Scheme), इंद्रप्रस्थ्य योजना, स्वर्णजयंतीपुरम योजना (Swarnajayanthipuram Scheme), कोयल एन्क्लेव योजना, इंद्राकुंज योजना, मधुबन बापूधाम आवासीय योजना और तुलसी निकेतन योजना हैं। इन सभी योजनाओं को मेंटेन करने में जीडीए हर साल करोड़ों रुपया का खर्च आता है। जीडीए काफी समय से योजनाओं को हैंडओवर किए जाने में लगा हुआ है लेकिन सफल नहीं हो पा रहा है।

हैंडओवर होने से आम लोगों को यह होगा फायदा

अभी इन योजनाओं में रहने वाले लोगों को दो जगह पर टैक्स और मेंटिनेंस का पैसा देना पड़ता है। निगम की तरफ से हाउस टैक्स लिया जाता है तो वहीं जीडीए की तरफ से सोसायटी मेंटेन किए जाने के नाम पर मेंचिनेंल शुल्क लिया जाता है। यदि योजना निगम को हैंडओवर हो जाती है तो पब्लिक को केवल निगम को ही टैक्स देना होगा। जीडीए को दिए जाने वाले टैक्स से लोगों को राहत मिल जाएगी।

दो योजना पर चल रही है कार्रवाई

जीडीए की तरफ से इंदिरापुरम और तुलसी निकेतन को हैंडओवर किए जाने की कार्रवाई तेजी से चल रही है, जबकि मधुबन बापूधाम, कोयल एन्क्लेव और इंद्रप्रस्थ योजना को हैंडओवर किए जाने का अभी तक काम नहीं किया जा रहा ही। जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि ये योजनाएं अभी निर्माणाधीन है, जबकि बाकी के हैंडओवर की फाइल चल रही है।

प्राइवेट प्रोजेक्ट का भी चल रहा है मामला

शहर में निजी विकासकर्ता द्वारा बनाई गई राजनगर एक्सटेंशन और क्रासिंग रिपब्लिक को भी हैंडओवर किए जाने की चर्चा हो रही है। लेकिन अभी तक किसी भी योजना को हैंडओवर निगम द्वारा नहीं किया जा रहा है। जल्दबाजी में अवंतिका कॉलोनी का हैंडओवर लिया गया था। लेकिन यह मामला भी काफी विवादित हो गया है। यहां पर विकास कार्य बिल्डर ने पूरी तरह से नहीं करवाए जाने का आरोप लगता है।

पैसा बनता है सबसे बड़ी समस्या

जीडीए के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर आरके गुप्ता ने बताया कि निगम की तरफ से हैंडओवर को लेकर इतने अधिक पैसे का एस्टिमेट बना दिया जाता है। जिसके कारण से मामला बीच में ही अटका जाता है। जबकि इंदिरापुरम योजना को निगम की तरफ से बनाए एस्टिमेट को संयुक्त सर्वे करके काफी कम किया गया था। इस योजना को जल्द ही हैंडओवर किया जाना संभव है।
जीडीए चीफ इंजीनियर मानवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि निगम को जीडीए की योजनाओं को हैंडओवर किए जाने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। इंदिरापुरम को साफ-सफाई को हैंडओवर का प्रयास किया जा रहा है। निगम के साथ को-ऑर्डिनेशन करके इस प्रक्रिया को पूरा करवाया जाएगा।

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