दिल्ली से देहरादून तक की यात्रा को सुगम और तेज बनाने वाला Delhi Dehradun Expressway अपने अंतिम चरण में है।
Delhi Dehradun Expressway: देश की राजधानी दिल्ली से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून (Dehradun) तक की यात्रा को आसान और तेज बनाने वाला दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Minister Nitin Gadkari) ने हाल ही में संकेत दिया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन अक्टूबर 2025 तक हो सकता है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस दिवाली पर लोगों को एक्सप्रेसवे पर सफर का तोहफा मिल सकता है। पढ़िए पूरी डिटेल्स…

90% काम पूरा, थोड़ा काम बाकी
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, एक्सप्रेसवे का करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जबकि सिर्फ 10-15 फीसदी कार्य शेष है। लक्ष्य है कि यह शेष काम अक्टूबर तक निपटा दिया जाएगा। हालांकि कुछ सूत्रों का कहना है कि परियोजना पूरी तरह तैयार होने में 3-4 महीने का और समय लग सकता है।
कहां-कहां हुआ काम पूरा, कहां बाकी है?
अक्षरधाम से बागपत तक का हिस्सा पूरी तरह तैयार है और इस पर वाहन चलने के लिए सक्षम हैं।
बागपत से सहारनपुर के बीच लगभग 10% काम अभी अधूरा है।
सहारनपुर से छुटमन के हिस्से में भी करीब 5% कार्य बाकी है।
वहीं छुटमन से देहरादून का हिस्सा पूरी तरह तैयार कर लिया गया है।
इस लिहाज से सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण कार्य अभी बागपत से सहारनपुर और सहारनपुर से छुटमन के बीच शेष है, जिसे अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
उद्घाटन को लेकर बढ़ रही उम्मीदें
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दिल्ली के द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 का उद्घाटन किया था। इसके बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि अब बारी दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भी संकेत दिया है कि अक्टूबर तक इसे लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। ऐसे में अनुमान है कि इस दिवाली यह प्रोजेक्ट आम लोगों के लिए शुरू हो सकता है।

ये भी पढ़ेंः Bollywood: परिणीति-राघव चड्ढा के घर आने वाला है नन्हा मेहमान, सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर दी खुशखबरी
तय समय से पीछे रहा प्रोजेक्ट
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) के निर्माण कार्य में कई बार देरी हुई है। शुरुआत में इसे मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, जो समय पर नहीं हो सका। बाद में कुछ हिस्सों को जनवरी 2025 में खोलने की योजना बनी, लेकिन वह भी स्थगित हो गई। अब सरकार ने इसे अक्टूबर 2025 तक चालू करने का लक्ष्य तय किया है।
कई जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के कई महत्वपूर्ण जिलों को जोड़ने का काम करेगा। इसके तहत दिल्ली, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर और देहरादून को सीधा फायदा मिलेगा। यह मार्ग सिर्फ राजधानी से देवभूमि तक की दूरी ही कम नहीं करेगा, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोगों को भी तेज, सुरक्षित और कनेक्टेड यात्रा का अनुभव देगा।
भविष्य में 6 से 12 लेन तक हो सकता है विस्तार
फिलहाल इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन के रूप में बनाया जा रहा है, लेकिन आने वाले वर्षों में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए इसे 8 से 12 लेन तक विस्तार देने की योजना भी बनाई गई है। यह व्यवस्था भविष्य में यातायात के बढ़ते दबाव को संभालने में मददगार होगी।
यात्रियों को होंगे कई फायदे
यात्रा समय में भारी कमी – अभी दिल्ली से देहरादून पहुंचने में 6 से 7 घंटे लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे से यह दूरी सिर्फ 4.5 से 5 घंटे में पूरी हो सकेगी।
सुरक्षित और आरामदायक सफर – आधुनिक निर्माण तकनीक और चौड़े मार्ग दुर्घटनाओं की संभावना को कम करेंगे।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा – देहरादून, मसूरी और आसपास के हिल स्टेशनों के पर्यटन उद्योग को इससे नई ऊर्जा मिलेगी।
आर्थिक विकास को बढ़ावा – रास्ते में पड़ने वाले जिलों में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
दिवाली पर शुभारंभ की उम्मीद
एनएचएआई (NHAI) का कहना है कि कार्य दो महीनों में पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन कुछ विशेषज्ञ इसे त्योहारों के मौसम में चालू होने की संभावना के रूप में देख रहे हैं। हाल ही में हुए कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन के बाद अब सबसे बड़ी उम्मीद दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जुड़ी हुई है।
ये भी पढ़ेंः Bajaj Allianz: बजाज आलियांज़ की पॉलिसी खरीदने वाले ये खबर पढ़ लीजिए
देश की एक बड़ी परियोजना
यह एक्सप्रेसवे (Expressway) भारत की सबसे महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं में से एक मानी जा रही है। यह केवल दो प्रमुख शहरों को जोड़ने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रास्ते में आने वाले जिलों के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगा। काम तेजी से पूरा किया जा रहा है और यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो इस दिवाली पर देश को एक नई सड़क क्रांति का तोहफा मिल सकता है।

