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Budget 2024: महंगाई नियंत्रण, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास की नई दिशा

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Budget 2024: विकास की ओर बढ़ते कदम

मोदी सरकार 3.O की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 का आम बजट मंगलवार को पेश किया, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। इस बजट में सरकार ने महंगाई नियंत्रण, रोजगार सृजन, और किसानों एवं गरीबों के कल्याण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। भारत में महंगाई दर को 4 प्रतिशत के करीब बनाए रखने के सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुश्किल दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार और स्थिरता देखी जा रही है। यह आर्थिक नीतियों की कुशलता और सटीकता का प्रमाण है।

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बजट में रोजगार सृजन और कौशल विकास पर विशेष जोर दिया गया है। नए रोजगार सृजन के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे 5 साल में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। आईटीआई संस्थानों को अपग्रेड करने की योजना से तकनीकी शिक्षा में सुधार होगा और युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे। गरीब और किसान हमारी प्राथमिकता हैं। पांच साल तक मुफ्त राशन योजना जारी रहेगी और कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। 400 जिलों में फसलों का डिजिटल सर्वे किया जाएगा और किसानों को अधिकतम MSP दी जाएगी, जो कृषि क्षेत्र को मजबूत करेगा और किसानों की आय में वृद्धि करेगा।

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बजट में विभिन्न राज्यों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है। बिहार में हाईवे निर्माण के लिए 26 हजार करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपये और बाढ़ नियंत्रण के लिए 1500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। पीएम आवास योजना में 3 करोड़ नए घर बनाए जाएंगे और 25 हजार गांव में नई सड़कें बनाई जाएंगी, जिससे ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा। महिलाओं के लिए हॉस्टल और शिशु गृहों की स्थापना की जाएगी। मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है, जो महिला उद्यमियों के लिए एक बड़ी राहत है।

एमएसएमई के लिए वित्तीय पैकेज और क्रेडिट गारंटी स्कीम का विस्तार किया गया है। सिडबी की ज्यादा शाखाएं एमएसएमई क्लस्टर्स में खोली जाएंगी, जिससे छोटे और मध्यम उद्योगों को आर्थिक सहायता मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। छात्रों को बिना गारंटी 10 लाख रुपये का लोन मिलेगा और लोन पर 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 500 टॉप कंपनियों में युवाओं को इंटर्नशिप कराई जाएगी, जिसमें सालाना 66,000 रुपये सैलरी मिलेगी। कैंसर उपकरण और दवाओं पर कस्टम ड्यूटी खत्म कर दी गई है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ती और सुलभ बनाएगी।

स्पेस तकनीक पर 1 हजार करोड़ रुपये का वीसी फंड स्थापित किया जाएगा। 100 बड़े शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट पर काम होगा और लैंड रिकॉर्ड्स को डिजिटल किया जाएगा, जिससे प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता में वृद्धि होगी। नई टैक्स रिजीम में राहत दी गई है। 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं होगा, 3 से 7 लाख की आय पर 5 प्रतिशत, 7 से 10 लाख की आय पर 10 प्रतिशत और 10 से 12 लाख की आय पर 12 प्रतिशत टैक्स लगेगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार किया गया है। ई-कॉमर्स ट्रेडर्स को टीडीएस में छूट मिलेगी और टीडीएस की बकाया प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।

सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 6 प्रतिशत कर दी गई है। मोबाइल फोन, चार्जर, चमड़ा, कपड़ा, और सोलर पैनल सस्ते होंगे। कुछ निवेशों पर शॉर्ट टर्म टैक्स 20 प्रतिशत किया गया है। एनपीएस में नियोक्ता का शेयर बढ़ाया जाएगा और आम करदाताओं को 17,500 रुपये की रियायत मिलेगी। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। रोजगार, कृषि, इन्फ्रास्ट्रक्चर, और टैक्स सुधारों पर विशेष जोर देते हुए, सरकार ने देश को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ले जाने का प्रयास किया है। इस बजट से न केवल आर्थिक विकास को बल मिलेगा, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी आवश्यक समर्थन प्राप्त होगा।

आशुतोष शर्मा

राजनीतिक विश्लेषक

ashutosh.sharma3278@gmail.com