60 साल की उम्र में दादियों का कमाल..देखिए हैरान करने वाला वीडियो

गाज़ियाबाद दिल्ली NCR

Ghaziabad: गाजियाबाद से एक कमाल की खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि गाजियाबाद (Ghaziabad) में एक ऐसा स्कूल चल रहा है जहां नौनिहाल नहीं बल्कि उम्रदराज लोग शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने वाली सभी की उम्र लगभग 60 साल के आसपास है। उम्र के इस पड़ाव में आकर महिलाएं अपने जीवन में ज्ञान का प्रकाश भरना चाह रही हैं। ये महिलाएं दूसरों के लिए भी रोल मॉडल बन रही हैं।

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गाजियाबाद में रहने वाली शांति देवी (Shanti Devi) ने यह कर दिखाया कि ज्ञान प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती। स्कूल जाने की उम्र में विपरीत परिस्थितियां चुनौती बनकर दीवार बन गई थी। उन्होंने कहा कि जब मैं छोटी थी तो उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। जिसके कारण वे स्कूल जाकर शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाई। लेकिन अब उम्र की एक बाधा पार करने के बाद अब सब सामान्य है और बचपन में जो कार्य शांति देवी नहीं कर पाई वे अब इसे उम्र के अंतिम पड़ाव में पूरा कर लेना चाहती है। 61 साल की शांति देवी ने अब स्कूल जाना शुरू कर दिया है और स्कूल से वापस घर आने के बाद अपने पोते के साथ बैठकर ज्ञान का क, ख, ग सीख रही हैं।

तो वहीं 58 वर्षीय बसंती देवी (Basanti Devi) की कहानी कुछ अलग है बसंती देवी ने जानकारी दी कि वह बैंक में हस्ताक्षर करने के लिए पढ़ना चाह रही हैं उन्हें अंगूठा लगाना नहीं पसंद है। अक्सर छोटी-छोटी चीजों के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है जिससे उन्हें अच्छा नहीं लगता है। घर से बाहर निकलने पर उन्हें दूसरों से सहायता लेना पसंद नहीं है। इसलिए बसंती देवी इतना पढ़ रही हैं कि अब बस पर लिखे शब्दों को पढ़ ले और बैंक में हस्ताक्षर करना सीख जाए।

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अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संस्था यूनिसेफ (UNICEF) द्वारा नई पहल कार्यक्रम चलाया जा रहा है इस कार्यक्रम के दौरान शांति देवी और बसंती देवी जैसी महिलाओं को शिक्षित किया जा रहा है। यूनिसेफ कार्यकर्ता नीलम वैश्य ने कहा कि उनके स्कूल में 26 महिलाएं शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। महिलाओं की शिक्षा कंपोजिट विद्यालय में कराई जा रही है। इसके बाद इनका एक परीक्षा पेपर होगा जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। नीलम ने आगे बताया कि जो महिलाएं शिक्षा प्राप्त करने के बाद कार्य करना चाहती हैं उन्हें कार्य करने का भी अवसर दिया जाएगा। जिससे वे जीवन में स्वावलंबी बन सके।