Delhi में 4 महीने में बनकर तैयार होगा 362 बिस्तरों वाला अस्पताल..ये है डिटेल

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Delhi News: दिल्ली में 4 महीने में 362 बिस्तरों वाला अस्पताल (Hospital) बनकर तैयार होगा। लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने बताया है कि ढांचागत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब बिजली फिटिंग और अन्य उपकरण आदि लगाने का काम किया जा रहा है। मई अंत तक अस्पताल के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) को सौंप दिया जाएगा। संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital) में बन रहा 362 बेड की क्षमता वाला ट्रामा सेंटर, एम्स ट्रामा सेंटर से भी बड़ा होगा। पढ़िए पूरी खबर…
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मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (Sanjay Gandhi Memorial Hospital) में दिल्ली के सबसे बड़ा 362 बिस्तरों वाले ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने बताया है कि ढांचागत निमार्ण कार्य पूरा हो चुका है। अब बिजली फिटिंग और अन्य उपकरण आदि लगाने का काम किया जा रहा है। मई अंत तक अस्पताल के स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया जाएगा।

इसमें केंद्र में 362 बिस्तर होंगे

अस्पताल में मौजूदा समय में 300 बेड हैं। सितंबर 2019 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने ट्रामा सेंटर के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी थी। ट्रॉमा सेंटर और यूटिलिटी ब्लॉक का निमार्ण कार्य 117.78 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसमें केंद्र में 362 बिस्तर होंगे, जिनमें 39 आईसीयू बिस्तर शामिल होंगे। इसमें छह मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर भी हैं।

गत वर्ष औचक निरीक्षण के दौरान दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ट्रामा सेंटर (Trauma Centre) के निर्माण की धीमी गति पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि एक बार नया ट्रॉमा सेंटर बनने से क्षेत्र और उसके आसपास के लोगों को लाभ होगा। दिल्ली में ट्रामा सेंटरों की कमी के कारण, लोगों को अक्सर दुर्घटना के बाद मरीजों को दूर ले जाना पड़ता है, जिससे उपचार में देरी से मृत्यु की संभावना अधिक होती है।

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निमार्ण कार्य में हुई देरी

अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल (Hospital) का निमार्ण कार्य साल 2021 में पूरा होना था, लेकिन कोरोना के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई। इसके निर्माण की समय सीमा 2022 तक बढ़ा दी गई। निर्माण शुरू होने के कुछ ही महीनों बाद फिर से कोरोना के कारण श्रमिक चले गए। इसके बाद प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेप के अनुसार लागू किए गए प्रतिबंधों के कारण देरी हुई। अब निमार्ण कार्य पूरा हो चुका है। बस छोटे-मोटे काम पूरा करने हैं जिनमें देरी की आशंका नहीं है।

वर्तमान में 3 जगहों पर हैं ट्रामा सेंटर

राजधानी दिल्ली में 3 बड़े अस्पतालों में ट्रामा सेंटर की सुविधा है। इसमें दिल्ली (Delhi) का सबसे पहला ट्रामा सेंटर सुश्रुत ट्रामा सेंटर है। इसे दिल्ली सरकार ने 1998 में लोकनायक अस्पताल की मदद से तैयार करवाया था। यहां बेड की क्षमता लगभग 60 है। वर्ष 2006 में एम्स ने जयप्रकाश नारायण ट्रामा सेंटर शुरू किया। यहां बेड की कुल क्षमता करीब 250 से अधिक है। साथ ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने 2008 में ट्रामा सेंटर शुरू किया था।

यहां की 6 मंजिला इमारत में 70 से अधिक बेड (Bed) हैं। साथ ही, दस से अधिक आईसीयू बेड व ऑपरेशन थियेटर भी हैं। लेकिन इन 3 ट्रामा सेंटरों पर दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर (NCR) के मरीजों का भी दबाव होता है। बड़ी दुर्घटना होने पर मरीजों को इन तीनों अस्पतालों के ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए लाया जाता है। यही वजह है कि दिल्ली में काफी समय से अन्य ट्रामा सेंटर की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है।