ददन को पत्रकार से पोहे वाला बनाने का जिम्मेदार कौन ?

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ज्योति शिंदे, एडिटर, ख़बरीमीडिया

बशीर बद्र का एक शेर याद आ रहा है। “कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी, यूं कोई बेवफ़ा नहीं होता” 

पत्रकार से पोहा बेचने वाले ददन विश्वकर्मा के साथ मजबूरियां भी है और बेवफाई भी। नोएडा की फिल्मसिटी में इन दिनों एक नाम बेहद चर्चा में है। जो ख़बरों से ज्यादा सुर्खियों में है..वो है पत्रकार पोहेवाला का। जिसे चलाते हैं ददन विश्वकर्मा। फिल्मसिटी के एक कोने में पोहा स्टॉल..पोहा की वेरायटी के बारे में भी जान लीजिए। एडिटर पोहा..रिपोर्टर पोहा..आप सोच रहे होंगे…पोहा तो हर कोई बनाता है..बेचता है फिर इस बंदे में ख़ास क्या है। ख़ास है साहब..ख़ास ये कि एक पत्रकार का पोहेदार में तब्दील हो जाना। सोशल मीडिया पर भी ये ख़बर तेजी से वायरल हो रही है कि एक पत्रकार ने फिल्म सिटी में पोहे का स्टॉल लगाया है।

दस साल फ़िल्मसिटी में काम करने के बाद ये हाल। ददन ने IIMC(Indian Institute of Mass Communication) से पढ़ाई की। जहां पढ़ना पत्रकारिता के हर छात्र का सपना होता है। मीडिया के कई बड़े दिग्गज़ संस्थानों में नौकरी की। जिसके बाद सवाल उठना लाज़मी है। सवाल ये कि न्यूज़रूम से निकलकर एक पत्रकार सड़क पर क्यों आया।

अब इन्हीं संस्थानों के संपादक ‘पत्रकार पोहा’ स्टॉल पर जाकर पोहा चाँप रहे हैं। फ़ोटो आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन पत्रकार का पैशन था खाना बनाना-खिलाना। अरे भई, पैशन में ठेला नहीं लगाया उसने। उसको यही लगा कि लिखने-पढ़ने के अलावा यही एक काम है जो मैं कर पाऊँगा। ठेला लगाना उसकी पहली पसंद नहीं थी।

ददन विश्वकर्मा के जज्बे और स्टार्टअप की कद्र होनी चाहिए। क्योंकि न्यूज़रूम कि जिंदगी से बाहर निकलकर इन्होंने नई चुनौतियों को अपनाया और खुद का काम शुरू किया। ददन के मुताबिक एक समय ऐसा आया जब उनके पास परिवार और नौकरी में से एक को चुनना था। ददन की पत्नी प्रेग्नेंट थीं और उन्हें संस्थान से छुट्टी नहीं मिल पा रही थी। संस्थान ने नौकरी या परिवार में से किसी एक को चुनने को कहा। ददन ने परिवार को चुना। ददन क्या..कोई भी होता तो ऐसे वक्त में परिवार की ही सोचता।

नतीजा ददन संस्थान से बाहर कर दिए गए। दूसरा कोई होता तो टूट जाता..बिखर जाता। इस दौरान ददन ने कई संस्थानों में नौकरी के लिए बात की। लेकिन हर जगह उन्हें मायूसी ही मिली। आज ददन का अपना नाम है..काम है और वो जिल्लत नहीं बल्कि स्वाभिमान की जिंदगी जी रहे हैं।

ख़बरीमीडिया की तरफ से ददन विश्वकर्मा को ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई