दिल्ली एम्स में मरीज़ को दिखाने का सबसे आसान उपाय

हेल्थ & ब्यूटी

ज्योति शिंदे, एडिटर ख़बरीमीडिया

दिल्‍ली के ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में इलाज के लिए देश के कोने-कोने से मरीज आते हैं. एम्‍स अस्‍पताल की ओपीडी में ही करीब रोजाना आने वाली मरीजों की संख्‍या करीब 15-20 हजार रहती है. एम्‍स में दिखाने के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट (Online Appointment) एक बेहतर ऑप्‍शन है और मरीजों की सहूलियत के लिए बनाया गया है लेकिन कई बार मरीजों को ऑनलाइन अपॉइंटमेंट मिल ही नहीं पाती है. बहुत सारे मरीजों की ये शिकायत रहती है कि वे जब भी ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने के लिए ओआरएस पोर्टल (ORS Portal) पर जाते हैं तो वहां पहले से सभी डेट्स फुल रहती हैं. वहां उपलब्‍ध नहीं (Not available) लिखा रहता है. फिर चाहे दो-चार महीने या साल भर बाद की ही डेट क्‍यों न देखें, पोर्टल सभी डेट फुल ही दिखाता है.

एम्‍स में सिर्फ नए पेशेंट (New Patients) ही नहीं बल्कि पुराने पेशेंट (Old Patients) भी जब किसी भी डिपार्टमेंट में दिखाने के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करते हैं तो उनके सामने भी यही स्थिति रहती है. ऐसे में सवाल है कि जब अपॉइंटमेंट के सभी स्‍लॉट पहले से बुक ही रहते हैं और खाली नहीं होते तो ऑनलाइन अपॉइंटमेंट मिलती कैसे है और किसको मिलती है?

एम्‍स की ओपीडी में दो तरीके से मरीज दिखाते हैं, पहला ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर और दूसरा सुबह जल्‍दी फिजिकली अस्‍पताल पहुंचकर टोकन लेकर. इनमें ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने के बाद सिर्फ लाइन में लगकर कार्ड बनवाने का काम रह जाता है, ऐसे में यह ज्‍यादा आसान और राहतभरा है. हालांकि ऑनलाइन अपॉइंटमेंट को लेकर लोगों की शिकायत इसलिए भी हो सकती है कि उन्‍हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है.

इसलिए सभी डेट्स दिखाई देती हैं फुल
ओआरएस पर रजिस्‍ट्रेशन या ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के लिए एम्‍स की नए और पुराने मरीजों के लिए अलग-अलग कैपिंग व्‍यवस्‍था है. अगर कोई नया मरीज ऑनलाइन अपॉइंटमेंट ले रहा है तो उसको सिर्फ 1 महीने के (30 दिनों के) के अंदर-अंदर खाली डेट या उपलब्‍ध सीट दिखाई देंगी. यह हरे रंग की दिखाई देगी और उस पर उपलब्‍ध (Available) लिखा होगा. जबकि नॉट अवेलेबल (Not Available) हल्‍के लाल रंग की होगी. नए मरीजों के लिए 30 दिन की कैपिंग की हुई है. इसके बाद वह जिस भी महीने में डेट देखेगा, वह नॉट अवेलेबल ही आएगी. इसके अलावा छुट्टी वाला स्‍लॉट ऑरेंज रंग का दिखाई देगा.

वहीं पुराने मरीजों के लिए 3 महीने यानि 90 दिन की कैपिंग की गई है. पुराना मरीज, जिसका यूएचआईडी नंबर जेनरेट हो चुका है, वह जब भी ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेगा तो उसे 3 महीने तक खाली या भरी सीटों का ब्‍यौरा दिखाई देगा. अगर वह 90 दिन के बाद की डेट देखेगा तो वह हमेशा ही नॉट अवेलेबल (Not Available) आएगी.

(न्यूज़18 से साभार)