भोपाल पत्रकारिता से जुड़ी बड़ी खबर, स्ट्रिंगर ने असाइनमेंट प्रोड्यूसर पर लगाए गंभीर आरोप

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इसमें कोई शक नहीं कि किसी चैनल का स्ट्रिंगर चैनल के लिए बेहद अहम होता है। भले ही उसका रूतबा कुछ ना हो लेकिन कई बार वो ऐसी खबरें ब्रेक कर देता है जो अच्छे-अच्छे रिपोर्टर नहीं कर पाते। ऐसा कई बार होता है जब स्ट्रिंगर अपनी जान पर खेलकर खबरें लाता है लेकिन बदले में उसे तिरस्कार ही मिलता है। वो एक-एक पाई के लिए तरसता है।

आज एक ऐसे ही स्ट्रिंगर की खबर आपको बताने जा रहे हैं जिसने खून के आंसू रोते हुए संस्थान से अपने आप को अलग कर लिया। नाम है देवराज दुबे

देवराज दुबे बतौर स्ट्रिंगर न्यूज18 मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ से जुड़े थे। लेकिन ऐसा क्या हो गया कि देवराज ने संस्थान को अलविदा कहना ही बेहतर समझा।

खबरीमीडिया को भेजे गए मैसेज में देवराज दुबे ने न्यूज18 मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ के असाइमेंट में तैनात रचित कठिल(भोपाल) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। देवराज दुबे ने रचित कठिल पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। 

रचित कठिल

खबरीमीडिया ने देवराज दुबे के मैसेज को कहीं से भी एडिट नहीं किया है ताकि एक स्ट्रिंगर का दर्द आपको भी पता चल सके।

देवराज दुबे का संदेश पढ़िए

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विषय-रचित कठिल जी से प्रताड़ित होकर इस्तीफा देने बावत

आदरणीय सर मैंने news18 में दो साल 8 माह अपनी सेवाएं दी है और बड़ी मेनहत के साथ कार्य किया है। ओर पूरी मप्र टीम हैदराबाद टीम का मुझे सहयोग मार्गदर्शन मिला सिर्फ रचित कठिल जी को छोड़ कर किसी को मेरे से या मुझे किसी से कोई कभी भी परेशानी नही हुई है,श्री मान जीरचित जी से में ही नही पूरी mp की टीम परेशान है, लेकिन कोई नही चाहता इनकी जॉब में दिक्कत आये इस लिए कोई शिकायत नही करता,मैंने भी अभी तक इस लिए कोई शिकायत नही की थी,इनसे परेशान होकर मैंने पहले भी संस्थान से इस्तीफा दे दिया था पर शिकायत नही की थी,पर कब तक रिपोर्टर सहता रहेगा ये अपने आप को मालिक समझते है कॉल करके सीधा कहते है आईडी जमा कर दो तुम, सर हमेशा ही बहुत गंदी तरीके से बात करते है,श्रीमान जी ये सब इस लिए किए जाता क्यो की इनकी बात मानने से मना कर दिया जाता है,कई बार इन्होंने अपने परिचितों के कार्य के लिए मुझे मजबूर किया गया,और सर इनके द्वारा news18 के ऑफिस में बैठ कर यह दूसरे जगह काम करते है, और रिपोर्टर को भी दवाव बनाते है काम करने को, रिपोर्टर को  news18 अच्छी संस्था में काम करना है इस लिए सुनना मजबूरी है, इनके द्वारा एक कंपनी में id बनाकर वहाँ पर विज्ञापन देखने का कार्य हमसे कराया गया जब नही किया तो परेशान करने लगे

शराब के लिए परेशान किया’ 

फ़स्ट लॉक डाउन में जहां लोग घर से नही निकल रहे थे उस समय इन्होंने मुझे परेशान किया भोपाल से रायसेन जिला सटकर लगा हुआ है इनके द्वारा दवाव बना कर कंसेशन में शराब मंगाई गई जो काम कभी नही किया इनके लिए करना पड़ा ,सोचा चलो एक अच्छी संस्था में काम कर रहे है नही दी तो यह काम नही करने देंगे, श्रीमान जी लॉक डाउन में पुलिस से बच बच कर इनको शराब दी ,एक दो बार के तो इन्होंने पैसे बिल्कुल भी नही दिए वही इनके द्वारा हमेशा कहा गया किसी नेता को बलू टिक चाहिए fb पर दिला देंगे किसी को लाइक चाहिए पेज पर कर देंगे, नेताओ की सोशल मीडिया का पूरा काम देखेगे आप बात करिए अपने यहां के नेता मंत्री से, सर इनके द्वारा ऑफिस में बैठ कर दूसरे काम किये जाते है

सर कुछ माह पहले जब रिजाइन दिया था इनसे  इन्ही सब से परेशान होकर रिजाइन दिया था,मैं नही चाहता था कि इनका असली चेहरा किसी को पता चले लेकिन मेरे बापिस आते ही फिर इनके द्वारा मुझे लगातार परेशान किया गया,बोले कि अब नए बॉस आ गए है तुम शिकायत भी नही कर पाओगे,बॉस मेरे पहले के परिचित है में जो बोलूंगा बही बो करेंगे और सुनेंगे, इनके द्वारा फिर मुझे कहा गया देवराज शादी के बाद बहुत खर्च बढ़ जाते है ज्यादा से ज्यादा कंसेशन में शराब लेकर दे दो ,और कुछ अपनी तरह से भी भेज देना, जब मैने नही सुना इनके फोन उठाना बंद कर दिए तो इनके द्वारा मुझे बिना बजह ग्रुप में लिखा गया,इनका कभी अगर फोन गलती से कोई रिपोर्टर नही उठा पता यह उसकी यह ग्रुप में उसकी सार्वजनिक वेज्जिति करने लगते है, श्रीमान जी से एक ही निवेदन है जांच कर आगे की कार्रवाई जरूर करें!

इनसे सब रिपोर्ट परेशान रहते है,आप किसी से भी जानकारी ले सकते है इनका व्यवहार संस्था के रिपोर्टर के प्रति बिल्कुल भी ठीक नही है,श्रीमान जी इस कारण इनको कोई पंसद नही करता ऑफिस स्टाफ तक इनसे दूर भागने की कोशिस करता है।  

श्रीमान जी इन पर उचित कार्यवाही नही हुई तो धीरे धीरे ईमानदार रिपोर्ट संस्था छोड़ कर चला जायेगा 

मेरा एक्सीडेंट हुआ मे छुट्टी पर था जब भी इन्होंने परेशान किया ,परेशान करने के कारण में 2 माह से काम नही कर पाया, ये काम करने की बजह से सीधा धमकी देते है की संस्था छोड़ दो  अन्यथा मैं तुम्हे खुद ही बाहर निकलवा दूँगा!

संस्था में कार्य करके अच्छा लगा संस्था में बहुत कुछ सीखने को मिला 👏 

आदरणीय सर अब मैं इनसे बहुत ज्यादा प्रताड़ित हो चुका हूं,ऐसा नही की मैं इनकी प्रताड़ना के चलते कभी कोई गलत कदम उठा लू क्योंकि मैं मानसिक प्रताड़ित इनसे हो चुका हूं,इसलिए मैं अब कार्य नही करना चाहता,मेरा स्तीफा स्वीकार किया जाए!

देवराज दुबे, रायसेन मप्र

Disclaimer- खबरीमीडिया को भेजे गए मैसेज पर आधारित खबर। खबरीमीडिया खबर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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