‘विद्या समीक्षा केंद्र 2.0’ देश के बच्चों की ज़रूरत: धर्मेंद्र प्रधान

एजुकेशन गुजरात दिल्ली NCR

Jyoti Shinde,Editor

पढ़ेगा इंडिया..तभी तो बढ़ेगा इंडिया‘..पीएम मोदी का ये सपना..अब तकरीबन हर राज्य में साकार होने लगा है। और इस स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है विद्या समीक्षा केंद्र(Vidya Samiksha Kendra)। जिसका उद्देश्य बेहतर शिक्षा की बदौलत बेहतर भारत के निर्माण में सहयोग करना है।

विद्या समीक्षा केंद्र, केंद्र सरकार की एक पहल है। जो गुजरात से होकर देश के 16 से ज्यादा राज्यों तक पहुंच चुका है। शिक्षा की इस क्रांति को पीएम मोदी(PM Narendra Modi) ने भी हर राज्य में लागू करने की अपील की है। अभी 27 सिंतबर को गुजरात दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्य समीक्षा केंद्र की जमकर तारीफ़ की। वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान(Mr Dharmendra Pradhan) ने इसे आज के बच्चों की जरुरत तक बता दिया।

अब इसकी वजह भी जान लीजिए..विद्या समीक्षा केंद्र के ज़रिए स्कूलों के साथ उनमें पढ़ने वाले सभी बच्चों के शैक्षणिक विकास पर भी अब सीधी नजर रखी जाएगी। इसे लेकर देश भर के सभी जिलों में एक विद्या समीक्षा केंद्र खोलने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। जो स्कूल और उनमें पढ़ने वाले एक-एक बच्चे के प्रगति का रीयल टाइम ब्यौरा मुहैया कराएगा।

बेहतर शिक्षा देश के हर राज्य और वहां पढ़ने वाले हर बच्चे तक पहुंचे इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जी जान से जुटा है। इसी को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान(Dharmendra Pradhan), गुजरात के गांधीनगर स्थित विद्या समीक्षा केंद्र पहुंचे। जहां उन्होंने विद्या समीक्षा केंद्र और इसकी तरफ से दी जाने वाली शिक्षा पद्धति का ब्योरा लिया। आपको बता दें विद्या समीक्षा केंद्र ConveGenius कंपनी की एक सोच है जिसका मकसद एक भारत..श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना है।

विद्या समीक्षा केंद्र कैसे काम करता है इस बारीकी को समझाने के लिए ConveGenius के फाउंडर(Founder) जयराज भट्टाचार्या(Jairaj Bhattacharya), और कंपनी को फाउंडर(Co-Founder) शशांक पांडे(Shashank Pandey) ने माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी के सामने एक Presentation भी दिया। ख़ास मौके पर धर्मेंद्र प्रधान  ने विद्या समीक्षा केंद्र की तारीफ की और इसे बच्चों के भविष्य के ज़रूरी क़दम बताया।

प्रमुख बिंदु :

  • राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा आर्किटेक्चर (National Digital Education Architecture) के तहत शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों को विद्या समीक्षा केंद्र खोलने के लिए प्रेरित कर रहा है।
  • विद्या समीक्षा केंद्र डेटा रिपॉजिटरी (data repositories) हैं, जिनमें शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित सभी योजनाओं का डेटा होगा।
  • ये केंद्र शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित विभिन्न शैक्षिक योजनाओं से डेटा एकत्र करेंगे, जिसमें मध्याह्न भोजन कार्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्य पुस्तक सामग्री, स्कूल में उपस्थिति, छात्रों के सीखने के परिणाम और प्रदर्शन ग्रेडिंग शामिल हैं।
  • वर्तमान में डेटा को मैन्युअल रूप से प्लेटफ़ॉर्म पर फीड किया जाता है, डाउनलोड करने योग्य एक्सेल प्रारूप में सभी के लिए उपयोग और विश्लेषण करने के लिए उपलब्ध है।
  • गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों ने तकनीकी मंच स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
  • यह 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है , जिसका लक्ष्य डेटा को ओपन स्रोत बनाना है।

महत्व:

  • इसका लक्ष्य विभिन्न स्रोतों से प्राप्त डेटा का विश्लेषण करना है। उदाहरण के लिए उपस्थिति पैटर्न को छात्र ड्रॉप-आउट दरों के साथ संबंधित किया जा सकता है।
  • छात्रों के साप्ताहिक परीक्षणों के डेटा को एक निश्चित अवधि में उनके सुधार की निगरानी के लिए सिस्टम में फीड किया जाता है।
  • यह  ग्रेड के आधार पर बच्चे को वर्गीकृत करने और उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाता है।
  • विद्या समीक्षा केंद्र का उद्देश्य सकल पहुंच अनुपात (Gross Access Ratio) का आकलन करने, स्कूल और जनसंख्या के डेटा को मैपिंग करने , मांग और भविष्य के परिदृश्यों के आधार पर नए स्कूलों, उद्योग समूहों, कौशल आवश्यकताओं और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा योजना में सहायता करना है।
  • इस पहल का उद्देश्य शैक्षिक डेटा विश्लेषण में सुधार करना और शिक्षा क्षेत्र में निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाना है ।

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