Uttrakhand News: इलेक्शन ख़त्म होते ही एक्शन मोड में दिखे CM धामी

उत्तराखंड चुनाव 2024 राजनीति

Uttrakhand News: देशभर में लोकसभा चुनाव को लेकर धूम मची हुई है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो गया है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में उत्तराखंड की सभी सीटों पर मतदान हो गया है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) उत्तराखंड (Uttarakhand) में खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) एक्शन मोड में आ गए हैं। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र से लौटते ही सीएम ने वन विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारियों और प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ बैठक में जंगल की आग की रोकथाम को उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की।

ख़बरीमीडिया के Youtube चैनल को फौलो करें।

ये भी पढ़ेंः गुजरात में चलेगा मोदी का जादू.. देखिए साबरकांठा से आजतक का हेलिकॉप्टर शॉट

Pic Social media

सीएम ने दो टूक कहा कि किसी भी वन क्षेत्र में आग की घटना पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही सभी जिलों में प्रभागीय वनाधिकारी स्तर पर नोडल अधिकारी (Nodal Officer) नामित करने का निर्देश दिया। सीएम धामी ने शीघ्र ही चारधाम यात्रा, पेयजल व्यवस्था और मानसून से निबटने की तैयारियों को लेकर भी मीटिंग करने के संकेत दिए।

जंगल की आग राज्य के लिए बड़ी चुनौती-सीएम धामी

मुख्यमंत्री धामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) के स्टार प्रचारक हैं। मतदान के लिए वह कुमाऊं क्षेत्र के अंतर्गत खटीमा पहुंच गए थे। देहरादून पहुंचते ही उन्होंने अपने आवास में जंगल की आग की रोकथाम को लेकर वनाधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल में जंगल की आग राज्य के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में राज्य से लेकर जिला स्तर तक नोडल अधिकारी माइक्रोप्लान बनाकर अग्नि रोकथाम की योजना पर प्रभावी ढंग से काम करना शुरू कर दें।

सीएम (CM) ने आगे कहा कि अधिकारी अपनी प्राथमिकता में ये तय कर लें कि पहले तो वनों में आग की कोई घटना न हो, अगर कहीं आग की खबर मिलती है तो तत्काल जिम्मेदारी के साथ रोकथाम को कदम उठाएं। उन्होंने सभी जिलों में नोडल अधिकारी नामित करने के साथ ही हेल्पलाइन और टोल फ्री नंबर जारी कर इनका व्यापक प्रचार-प्रसार कर आम लोगों को जागरुक करने का निर्देश दिया। जंगल की आग की रोकथाम में स्थानीय निवासियों, जनप्रतिनिधियों, वन पंचायतों का सहयोग लेने पर भी उन्होंने जोर दिया।

ये भी पढ़ेंः आपका प्यार, विश्वास मेरी सबसे बड़ी ताकत: डॉ. महेश शर्मा

मुख्यमंत्री धामी ने यह भी निर्देश दिया कि अगर कोई वनों में जानबूझकर आग लगाने की घटना में पाया जाता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में जंगल की आग की रोकथाम को उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

मीटिंग में चीड़ की पत्तियों यानी पिरुल के उपयोग और आबादी वाले क्षेत्रों में बंदरों की धमक रोकने पर भी विमर्श हुआ। बैठक में वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक डा अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत डा धनंजय मोहन, विशेष सचिव डा पराग मधुकर धकाते मौजूद थे, जबकि प्रभागीय वनाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मीटिंग से जुड़े।

जनसमस्याओं का तुरंत करें निदान

सीएम धामी ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे जनता की हर समस्या का समय पर निदान सुनिश्चित कराएं, इसमें किसी प्रकार की कोताही सहन नहीं होगी। उन्होंने अधिकारियों को बैठकों में पूरी तैयारी के साथ आने, अधीनस्थों को भी चुनावी व्यस्तता से बाहर आकर रूटीन के कार्यों में जुटने का भी निर्देश दिया। सीएम ने कहा कि विषम भूगोल वाले इस राज्य में सरकारी मशीनरी को चौबीसों घंटे सातों दिन सजग रहकर जनसरोकारों से जुड़े विषयों व इनके समाधान को तत्पर रहना होगा।

जंगल की आग (इस वर्ष अब तक)

क्षेत्र, घटनाएं, प्रभावित क्षेत्र
गढ़वाल, 161, 175.4
कुमाऊं, 176, 218.47
वन्यजीव परिरक्षण, 36, 42.55
(घटनाएं संख्या में और क्षेत्रफल हेक्टेयर में)