पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह भी हैं सीएम धामी की कार्यशैली के कायल
Uttarakhand News: उत्तराखंड में आई आपदा के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) लगातार ग्राउंड जीरो पर मौजूद रहकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश का दौरा रद्द कर मुख्यमंत्री सीधे उत्तरकाशी (Uttarkashi) के धराली और हर्षिल पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की और उनका दर्द साझा किया। गुरुवार को वह पौड़ी पहुंचे, जहां आपदा पीड़ित महिलाओं से मिलते समय भावुक हो उठे। जब महिलाएं उनके सामने रोने लगीं तो मुख्यमंत्री ने उन्हें गले लगाते हुए कहा, ‘दीदी, रोना नहीं… आपका ये भाई हमेशा आपके साथ है।’
48 घंटों से राहत कार्यों पर नजर
सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) पिछले 48 घंटों से राहत और बचाव कार्यों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। दिनभर पीड़ितों से मिलने, सेना और राहत कर्मियों का हौसला बढ़ाने और देर रात तक अधिकारियों के साथ बैठक करने में वह व्यस्त रहे। उनके प्रो-एक्टिव रवैये के कारण भटवाड़ी-गंगनानी मार्ग, जिसके दुरुस्त होने में एक सप्ताह का समय लगने का अनुमान था, गुरुवार शाम तक छोटे वाहनों के लिए खुल गया। सीएम धामी की तत्परता ने सरकारी मशीनरी को हाई अलर्ट मोड पर ला दिया है, जिससे राहत कार्यों में तेजी आई है।

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पहले भी संकट में संभाली कमान
यह पहला मौका नहीं है जब सीएम धामी ने आपदा के समय कमान संभाली हो। पिछले साल उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे में 12 नवंबर 2023 को 41 श्रमिक मलबे में फंस गए थे। धामी 17 दिनों तक ग्राउंड जीरो पर डटे रहे और 28 नवंबर को सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के बाद ही वहां से हटे। इसी तरह, 2023 में केदारनाथ में अतिवृष्टि से उत्पन्न आपदा के दौरान पुष्कर सिंह धामी ने युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर करीब 15 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था। तब तक वह कंट्रोल रूम के संपर्क में रहे जब तक सभी सुरक्षित नहीं हो गए।
आपदा राहत कार्यों के लिए देंगे एक माह का वेतन
सीएम धामी ने अपने एक माह के वेतन को आपदा राहत कार्यों के लिए दान करने की घोषणा की है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वयंसेवी संगठनों और आम नागरिकों से भी अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग करने की अपील की। यह कदम उनके संकट के समय जनता के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

हर मुश्किल घड़ी में तुरंत फैसले
सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता ने कई मौकों पर विवादों का समाधान किया है। वनभूलपुरा कांड में दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, भर्तियों में अनियमितताओं के बाद सख्त नकल विरोधी कानून, जबरन धर्मांतरण रोकने वाला कानून और महिला आरक्षण जैसे मुद्दों पर उनकी सरकार ने बिना हिचकिचाहट के फैसले लिए। उनकी यह कार्यशैली न केवल जनता, बल्कि भाजपा हाईकमान को भी प्रभावित करती है।
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पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह भी हैं कायल
सीएम पुष्कर धामी (CM Pushkar Dhami) की कार्यशैली की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने कई बार की है। सिलक्यारा टनल हादसे के दौरान जब धामी को घेरने की कोशिश हुई, तब पीएम मोदी ने उनकी तारीफ कर आलोचनाओं को शांत कर दिया था। आपदा प्रबंधन में उनकी सक्रियता और नेतृत्व को केंद्रीय नेतृत्व ने हमेशा सराहा है।

