Delhi में बच्चों की तस्करी पर सनसनीख़ेज़ खुलासा..5-7 लाख रुपए में बिकता है बच्चा

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Delhi News: दिल्ली में सीबीआई ने नवजात बच्चों की तस्करी (Child Trafficking) को लेकर बहुत बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले कई जगहों पर छापेमारी कर तीन नवजात बच्चों को बचा लिया है। इन बच्चों को दिल्ली (Delhi) के केशवपुरम (Keshavpuram) इलाके से बचाया गया है। बताया जा रहा है कि नवजात शिशुओं को काले बाजार में वस्तुओं के रूप में खरीदा और बेचा जा रहा था। फिलहाल सीबीआई (CBI) इस पूरे मामले की जांच में लगी हुई है और इस मामले में शामिल हर शख्स से पूछताछ करने का प्रयास कर रही है।

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार 5 अप्रैल को दिल्ली और हरियाणा (Haryana) में 7 जगहों पर रेड की थी। इसी दौरान दिल्ली के केशवपुरम स्थित एक घर से तीन नवजात को बरामद किया गया। इनमें दो लड़के हैं, जिनमें एक डेढ़ दिन और दूसरा 15 दिन का है। एक बच्ची भी है जो लगभग महीने भर की है। CBI ने एक अस्पताल के वार्ड बॉय समेत 7 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। इनमें 5 महिलाएं शामिल हैं।

न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, आरोपियों का गिरोह बच्चों के रियल माता-पिता या सरोगेट मां से उन्हें खरीद लेते थे। फिर सोशल मीडिया ऐड के माध्यम से निःसंतान दंपत्तियों को बेचते थे। एक बच्चे की कीमत 4 से 6 लाख रुपए लगाई जाती थी।

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दंपतियों से ऐसे संपर्क करते थे आरोपी

इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान दिल्ली के पश्चिम विहार की इंदु पवार, पटेल नगर के असलम, कन्हैया नगर की पूजा कश्यप, मालवीय नगर की अंजलि, कविता और रितु और हरियाणा के सोनीपत के नीरज के रूप में हुई है।
CBI के अधिकारियों ने जानकारी दी कि आरोपियों का गिरोह फेसबुक पेज और वॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से बच्चे गोद लेने वाले निःसंतान दंपतियों से संपर्क करते थे। ये लोग एडॉप्शन का फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाकर कई दंपतियों से लाखों रुपए की ठगी भी कर चुके हैं।
CBI के अनुसार, आरोपी ब्लैक मार्केट में सामान की तरह बच्चों का सौदा करते थे। अकेले मार्च में करीब 10 बच्चे बेचे गए। सर्च ऑपरेशन के दौरान 5.5 लाख कैश, कई दस्तावेज समेत आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ है।

जांच एजेंसी के रडार पर देश के कई अन्य अस्पताल

CBI ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के साथ ही 10 अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। आरोप है कि शिशु तस्करों का एक नेटवर्क गोद लेने के साथ-साथ अन्य अवैध कामों के लिए भारत भर में बच्चों की खरीद-बिक्री में शामिल है। देश के कई बड़े अस्पताल जांच के दायरे में आ गए हैं। जांच एजेंसी कई राज्यों में मामले की जांच कर रही है।
इससे पहले फरवरी में भी दिल्ली पुलिस ने बच्चों की तस्करी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच महिलाओं सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।

इस मामले को लेकर पुलिस ने कहा कि 20 फरवरी को बेगमपुर थाना इलाके में नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त की जानकारी मिली। पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने बताया कि मामले की जांच के लिए तुरंत एक टीम का गठन किया गया। टीम दिए गए पते पर पहुंची और फोन कॉल पर मिले तथ्यों की पुष्टि की।

अधिकारी ने जानकारी दी कि टीम एक घर में पहुंची, जहां दो महिलाओं के पास एक नवजात बच्ची थी। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि जब महिलाओं से पूछताछ की गई, तो वे बच्ची के माता-पिता के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं। बाद में, उन्होंने यह स्वीकार कर लिया कि वे एक अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह से जुड़ी हैं, जो विभिन्न राज्यों में नवजात शिशुओं को खरीदता और बेचता है। बच्ची को पंजाब के मुक्तसर से 50,000 रुपये में खरीदा गया था और खरीदार का इंतजार किया जा रहा था।
पुलिस ने जानकारी दी कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उपायुक्त ने कहा कि पुलिस ने शिशुओं की तस्करी में शामिल गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए आगे जांच करेगी।