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Rajasthan सरकार ने किया श्रम कानून में संशोधन, युवाओं के हित में लिया फैसला

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Rajasthan सरकार ने किशोरों की सुरक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक अहम कदम उठाया है।

Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने किशोरों (Teenagers) की सुरक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक अहम कदम उठाया है। सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लाए गए नए कानून के तहत अब 14 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों से रात के समय काम कराना अपराध माना जाएगा। गवर्नर हरिभाऊ बागड़े (Haribhau Bagde) की मंजूरी के बाद यह अध्यादेश अब कानून का रूप ले चुका है। पढ़िए पूरी खबर…

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रेस्टोरेंट, होटल और कारखानों में लागू होगा कानून

नए कानून के लागू होने के बाद राजस्थान के रेस्टोरेंट, होटल, कारखानों और अन्य वाणिज्यिक संस्थानों में कम उम्र के किशोरों को रात की पाली में काम पर नहीं लगाया जा सकेगा। पहले यह नियम 12 से 15 वर्ष की आयु तक सीमित था, लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशील सोच के चलते इसे बढ़ाकर 14 से 18 वर्ष कर दिया गया है, जिससे किशोरों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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विधानसभा सत्र न होने के बावजूद लिया गया त्वरित निर्णय

राजस्थान दुकान एवं वाणिज्य संस्थान (संशोधन) अध्यादेश 2025 को विधानसभा सत्र न होने के बावजूद लागू किया गया। सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने स्पष्ट किया था कि परिस्थितियां ऐसी थीं, जिनमें तत्काल निर्णय लेना जरूरी हो गया था। इसी के तहत राज्य सरकार करीब डेढ़ महीने पहले यह अध्यादेश लेकर आई, जिसे अब राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद संविधान में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्यपाल ने इसे स्वीकृति दी।

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काम के घंटों पर भी सख्ती

नए कानून में किशोरों के काम के घंटों को लेकर भी स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। राजस्थान दुकान एवं वाणिज्य संस्थान अधिनियम 1958 के तहत अब 14 से 18 वर्ष की आयु के किशोर किसी भी वाणिज्यिक संस्थान में अधिकतम तीन घंटे प्रतिदिन ही काम कर सकेंगे। सरकार ने तीन घंटे से अधिक काम कराने की अनुमति नहीं दी है।

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कर्मचारियों के विश्राम का भी ध्यान

सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के नेतृत्व में लाए गए इस कानून में सभी कर्मचारियों के हितों का भी ध्यान रखा गया है। प्रावधान के अनुसार, किसी भी कर्मचारी से छह घंटे काम लेने के बाद उसे आधे घंटे का विश्राम देना अनिवार्य होगा। यह फैसला श्रमिकों के स्वास्थ्य और कार्य संतुलन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।